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क्या था वीडियो क्लिप में जिसकी वजह से एसपी पूर्वी ने खाया था जहर

फोरेंसिक टीम की जांच में मिले पत्र में पारिवारिक कलह को बताया वजह

By Edited By: Published: Thu, 06 Sep 2018 02:14 AM (IST)Updated: Thu, 06 Sep 2018 12:19 PM (IST)
क्या था वीडियो क्लिप में जिसकी वजह से एसपी पूर्वी ने खाया था जहर
क्या था वीडियो क्लिप में जिसकी वजह से एसपी पूर्वी ने खाया था जहर

जागरण संवाददाता, कानपुर : शहर में तैनात एसपी पूर्वी आइपीएस सुरेंद्र दास का मां को एक क्लिप (आडियो या वीडियो) भेजना कलह की मुख्य वजह बना। इसका जिक्र उन्होंने जहर खाने से पहले लिखे पत्र में भी किया है। उनके दोनों मोबाइल टूटे होने के साथ फटा पत्र मिलने के बाद पुलिस ने पूरे मामले में नए सिरे से जांच शुरू कर दी है। पुलिस इस सवाल का जवाब खोज रही है कि आखिर उस क्लिप में ऐसा क्या था जिसकी वजह से जान देने की नौबत आ गई।

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मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं, मुझे माफ करना.. 
घर में हो रही रोज-रोज की कलह के चलते ये कदम उठा रहा हूं.. मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं, मुझे माफ करना.. पत्र में इतना लिखने के बाद एसपी पूर्वी सुरेंद्र दास ने सल्फास खा ली। पत्र में कुछ ऐसी लाइन भी लिखी है जिनको पुलिस अधिकारी विवेचना का विषय मानकर किसी से साझा नहीं कर रहे है, लेकिन इशारे में इतना जरूर कहा कि राइटिंग मिलान के बाद ही यह तय होगा कि पत्र किसने लिखा। इसके लिए पत्र को फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा। एसपी पूर्वी के सल्फास खाने की घटना के बाद बुधवार शाम को फोरेंसिक टीम ने सीओ कैंट अजीत सिंह व सीओ एलआइयू विजय त्रिपाठी के साथ परिजन की मौजूदगी में जांच पड़ताल की।

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कागज के टुकड़े जोड़कर पढ़ा तो जांच टीम ने भी उड़ गए होश
फोरेंसिक टीम को मौके पर दो जगह उल्टी, तीन सल्फास के खाली रैपर, दो टूटे मोबाइल (सुरेंद्र दास के), फटा पत्र और बिखरा सामान मिला। जांच टीम ने एक कागज के टुकड़े पर पत्र को चिपकाकर पढ़ा तो होश उड़ गए। उसमें एक क्लिप का जिक्र था जिसके चलते पारिवारिक कलह के बाद दोनों में विवाद इतना बढ़ा कि सुरेंद्र के दोनों मोबाइल टूट गए और उनकी पत्नी रवीना के मोबाइल का किनारा। इसके बाद ही एसपी पूर्वी ने सल्फास खा ली। जिसका पत्र में जिक्र है। सल्फास पहले से घर में मंगाकर रखी थी जिससे साफ है कि उन्होंने खुदकशी का पहले से ही मन बना लिया था। पुलिस के लिए अब सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर क्लिप में ऐसा क्या था कि जान देने तक की स्थिति आ गई और पत्र में ऐसा क्या था जिसके चलते फाड़ तो दिया गया, लेकिन उन्हें इस कदम को उठाने से रोका नहीं गया। पुलिस ने इन्हीं सब सवालों के जवाब खोजने के लिए एक मीटिंग के बाद जांच शुरू कर दी।

घर क्यों साफ कराना चाहता थे आइपीएस सुरेंद्र
आइपीएस सुरेंद्र दास के जहर खाने के बाद परिजन व पुलिस अस्पताल ले जाने की जल्दी में थी वहीं एक शख्स स्टाफ से घर साफ करने की बात पर जोर दे रहा था। हालांकि वहां मौजूद एक डिप्टी एसपी ने इस बात का विरोध कर घर लॉक करने का आदेश दे दिया। आखिर वह शख्स घर क्यों साफ कराना चाहता था यह पुलिस महकमें में चर्चा का विषय बना हुआ है।

घर में चूहे और सांप होने की बात कह मंगवाई थी सल्फास
एसपी पूर्वी सुरेंद्र दास ने आंबेडकर नगर से तबादले के बाद शहर में सात अगस्त को एसपी पूर्वी का चार्ज संभाला था। यहां कैंट स्थित घर में चूहे और सांप होने की बात कहकर अधीनस्थ से सल्फास मंगवाई थी। उस वक्त किसी ने सपने भी नहीं सोचा होगा कि वह पारिवारिक कलह के चलते सल्फास खा लेंगे अन्यथा कोई उन्हें सल्फास लाकर ही नहीं देता। पुलिस सूत्रों के मुताबिक घर में जब भी परिवार एकत्र होता था तो विवाद की स्थिति एक बार जरूर उत्पन्न होती थी। मंगलवार रात भी ऐसी ही स्थिति फिर बन गई थी जिसके चलते श्री दास के सास-ससुर पहुंचे थे और देर रात घर लौट गए थे। सुबह करीब चार बजे पत्नी रवीना ने उनकी तबियत बिगड़ने की सूचना टेलीफोन ड्यूटी को दी। जिसके बाद थाना पुलिस और आलाधिकारियों को घटना की जानकारी दी गई।

पत्नी की एक महिला रिश्तेदार की भूमिका पर संदेह 
पुलिस सूत्रों के मुताबिक टीम को मौके से घर में बिखरा सामान, सल्फास की गोली और मोबाइल फोन मिले वहीं एक पत्र मिला। जिसे देखकर लग रहा था कि उसे किसी ने गोला बनाकर फेंकने की कोशिश की हो। दूसरी तरफ पिछले तीन दिनों से उनके घर में पारिवारिक कलह इतनी बढ़ गई थी कि एक दिन तो खाना बनाने वाले फालोवर तक को अंदर आने नहीं दिया गया और उस दिन खाना भी नहीं बना। अगले दो दिन भी वैसा ही माहौल था। इसका ही कारण है कि घटना के बाद पुलिस अधिकारी बंगले में तैनात पुलिस कर्मचारियों से एक-एक कर बयान दर्ज कर रहे है। सभी इसमें पत्नी की एक महिला रिश्तेदार की भूमिका को दोषी बता रहे हैं। जिसका उनके घर में लगातार आना जाना बना था।

अप्रैल 2017 में हुई थी शादी
श्री दास की रवीना से शादी नौ अप्रैल 2017 में हुई थी। डॉ. रवीना गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज कानपुर से एनाटमी विभाग से 2018 में एमएस पूरा करने के बाद आंबेडकर नगर मेडिकल कालेज में डिमांस्टेटर बनी। एक महीने पहले उन्होंने संविदा की नौकरी से इस्तीफा दे दिया। उस वक्त श्री दास वहां सीओ थे।

परिवार जोड़ते-जोड़ते खुद टूट गए
मां की चिंता करना क्या गुनाह है, जिन्होंने इस मुकाम पर पहुंचाया उन्हें इज्जत देना क्या उसकी गलती थी? परिजन के ऐसे तमाम सवाल साबित कर रहे हैं कि आइपीएस सुरेंद्र व उनकी पत्नी के बीच संबंध ठीक नहीं थे। सुरेंद्र की आप क्या है सवाल सुनते ही वो मेरा बेटा है कहकर फफक पड़ना मां की ममता और अपनी मेहनत के बल पर उन्हें इस मुकाम पर पहुंचाने वाले भाई नरेंद्र की सुर्ख आंखों से बहते आंसू भाई के दुख व आक्रोश को बयां कर रहे थे। भाई के मुताबिक शादी के बाद सुरेंद्र के साथ मस्ती करना तो दूर सुख-दुख की दो बातें करने को सब तरस गए थे। एक दिन भी वह लखनऊ आकर रुकता तो घर में कलह शुरू हो जाती, क्या बताऊं भाई परिवार जोड़ने में खुद टूटता गया और हम लोग जान न पाए। दूसरी तरफ सुरेंद्र के सौम्य व्यवहार व ईमानदारी का पूरा बैच कायल है। इसका ही नतीजा है कि उनके बैच के करीब दर्जन भर साथी सुबह से ही उनका हालचाल लेने शहर पहुंच चुके हैं और इलाज को लेकर हर मुमकिन सुविधा मुहैया कराने में जुटे हैं।

मुबई के डॉक्टर स्थानीय डॉक्टर की टीम के संपर्क में
सुरेंद्र दास की क्रिटिकल पोजीशन को देखते हुए रीजेंसी के सीएमएस डॉ. राजेश अग्रवाल ने बताया कि डॉ. प्रदीप सहगल की अगुआई में डॉ. आदित्य शुक्ल, डॉ. अविनाश गुप्त व डॉ. हर्ष अग्रवाल की टीम उनके इलाज में लगी है। साथ ही मुंबई के एक कार्डियक सेंटर के डॉ. प्रणव ओझा की टीम से संपर्क में है। वह प्राइवेट प्लेन से शहर आ रहे है। यदि जरूरत हुई तो श्री दास को एयर एंबुलेंस से मुंबई शिफ्ट किया जाएगा।

हार्ट और लग्स को सपोर्ट करेगी एक्मो
एसपी पूर्वी के फेफड़े (लग्स) और हृदय (हार्ट) को सपोर्ट देने के लिए मुंबई से डॉक्टरों की टीम एक्सट्रा कारपोरियल मेंबरेन ऑक्सीजनेटर (एक्मो) मशीन लेकर आ रहे हैं। इस मशीन के माध्यम से हार्ट और लंग्स को पांच दिन तक सपोर्ट दी जा सकती है। इसके माध्यम से हार्ट शरीर में ब्लड की आपूर्ति करता है। वहीं फेफड़े की जगह मशीन की मेंमरेन के माध्यम से ब्लड से आक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी। लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान के निदेशक डॉ. विनय कृष्ण का कहना है कि एक्मो मशीन वेंटीलेटर पर भर्ती मरीज के लिए उपयोगी है। वेंटीलेटर से आक्सीजन देने पर फेफड़े हिलने से और नुकसान हो सकता है। इसलिए इस मशीन के माध्यम से ब्लड से आक्सीजन दी जाएगी।

देर रात मुंबई से आई डॉक्टरों की टीम
मुंबई से देर रात डॉक्टरों की टीम कानपुर पहुंची और उनका उपचार शुरू कर दिया। लखनऊ से कानपुर तक के बीच में यातायात में टीम न फंसे इसके लिए पूरे रास्ते पर पुलिस ने रास्ता खाली करा दिया। सुरेंद्र दास की क्रिटिकल पोजीशन को देखते हुए रीजेंसी के सीएमएस डॉ. राजेश अग्रवाल ने बुधवार दोपहर बताया था कि डॉ. प्रदीप सहगल की अगुआई में डॉ. आदित्य शुक्ल, डॉ. अविनाश गुप्त व डॉ. हर्ष अग्रवाल की टीम उनके इलाज में लगी है। साथ ही मुंबई के एक कार्डियक सेंटर के डॉ. प्रणव ओझा की टीम से संपर्क में थे। अब टीम यहां आ गई है। चिकित्सकों की सलाह पर जरूरत पड़ी तो श्री दास को एयर एंबुलेंस से मुंबई शिफ्ट किया जाएगा।


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