सपा कानपुर लोकसभा सीट पर उद्योगपति युवा चेहरे पर लगा सकती है दांव
हाईकमान से मिल चुका है इशारा बाद में होगी घोषणा लगभग दर्जन दावेदार टिकट पाने के लिए लगा रहे जोर।
By AbhishekEdited By: Published: Fri, 01 Mar 2019 03:25 PM (IST)Updated: Fri, 01 Mar 2019 03:48 PM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। कानपुर लोकसभा सीट से गठबंधन प्रत्याशी बनने के लिए जोर लगा रहे सपा नेताओं को जल्द झटका लग सकता है। सपा हाईकमान यहां उद्योग जगत से जुड़े युवा चेहरे पर दांव लगाने का मन बना चुका है। नाम पर वरिष्ठ पदाधिकारियों को सहमत करने के बाद घोषणा की उम्मीद है।
गठबंधन के बाद सपा और बसपा ने सीटों का बंटवारा कर लिया है। कानपुर लोकसभा सीट सपा के कोटे में आई है। सपा के हिस्से में यह ऐसी सीट है, जहां से वह कभी नहीं जीत सकी है। पिछले दो लोकसभा चुनाव में तो चौथे स्थान पर ही सिमटकर रह गई। अब बसपा से गठबंधन कर सपा उत्साहित है कि दोनों दलों की ताकत से वोट बटोरा जा सकता है। इसी उम्मीद ने दावेदारों की कतार लगा दी है। वरिष्ठ नेता केके शर्मा, रतन गुप्ता सहित कुछ नेता खुली दावेदारी कर रहे हैं जबकि आठ-दस गुपचुप दावेदारी कर रहे हैं।
ह सीधे सैफई परिवार से आशीर्वाद चाहते हैं। इसी बीच आलाकमान से एक ऐसे नाम का इशारा मिल चुका है, जो राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं। उद्योग जगत से जुड़े इस युवा से सपा मुखिया की बेहद करीबी है। पारिवारिक संबंध हैं। लगभग तय हो चुका है कि सपा इन्हें ही गठबंधन प्रत्याशी बनाएगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अभी पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को इनके सहयोग के लिए रजामंद किया जाएगा, उसके बाद ही घोषणा की जाएगी।
गठबंधन के बाद सपा और बसपा ने सीटों का बंटवारा कर लिया है। कानपुर लोकसभा सीट सपा के कोटे में आई है। सपा के हिस्से में यह ऐसी सीट है, जहां से वह कभी नहीं जीत सकी है। पिछले दो लोकसभा चुनाव में तो चौथे स्थान पर ही सिमटकर रह गई। अब बसपा से गठबंधन कर सपा उत्साहित है कि दोनों दलों की ताकत से वोट बटोरा जा सकता है। इसी उम्मीद ने दावेदारों की कतार लगा दी है। वरिष्ठ नेता केके शर्मा, रतन गुप्ता सहित कुछ नेता खुली दावेदारी कर रहे हैं जबकि आठ-दस गुपचुप दावेदारी कर रहे हैं।
ह सीधे सैफई परिवार से आशीर्वाद चाहते हैं। इसी बीच आलाकमान से एक ऐसे नाम का इशारा मिल चुका है, जो राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं। उद्योग जगत से जुड़े इस युवा से सपा मुखिया की बेहद करीबी है। पारिवारिक संबंध हैं। लगभग तय हो चुका है कि सपा इन्हें ही गठबंधन प्रत्याशी बनाएगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अभी पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को इनके सहयोग के लिए रजामंद किया जाएगा, उसके बाद ही घोषणा की जाएगी।
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