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कमाने की चाह में सऊदी गए बेटे का शव आया तो फूट-फूट कर रोए स्वजन

29 जनवरी 2020 को ड्राइविंग का वीजा लेकर गया था तीन जून को संदिग्ध हालात में हो गई मौत दिवंगत के साथी ने स्वजन को दी थी घटना की सूचना दूतावास पर सुलहनामा पत्र देने के बाद भेजा गया शव

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 10:54 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 10:54 PM (IST)
कमाने की चाह में सऊदी गए बेटे का शव आया तो फूट-फूट कर रोए स्वजन
दिवंगत संदीप की फाइल फोटो और शव आने के बाद रोते बिलखते संदीप के स्वजन

फतेहपुर, जेएनएन। कमाने की उम्मीद लेकर सऊदी अरब गए एक युवक की 3-4 जून 2020 की रात के बीच संदिग्ध हालात में मौत हो गई। सूचना पर स्वजन बेटे का शव घर लाने की मांग करते हुए यहां वहां दौड़-भाग करते रहे। अंतत: भारतीय दूतावास में सुलहनामा देने के बाद शव भारत भेजने पर सहमति बनी और 117 दिन बाद संदीप का शव मंगलवार सुबह उसके घर पहुंच गया।

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थरियांव थाने के अहिरनडेरा मजरे मजरे कोर्रासादात निवासी सुखराम पासवान बहरामपुर डाकघर में पोस्टमैन है। उनका 23 वर्षीय पुत्र संदीप कुमार ड्राइविंग का वीजा बनवाकर 29 जनवरी 2020 को सऊदी अरब के रियाद दूतावास के जिला हैल गांव जगमिटा गया था। जहां संदीप को ड्राइवर का काम न देकर बकरियां चरवाई जाती थीं और रेगिस्तान में रखा जाता था। विरोध करने पर संदीप की पिटाई कर दी। इसकी जानकारी उसने अगले दिन रात स्वजन को वीडियो काॅल करके दी थी। कोई कुछ करता उससे पहले ही 4 जून की रात संदीप के किसी साथी ने उसके घर फोन करके सूचना दी कि 3-4 जून की रात संदीप की संदिग्ध हालात में मौत हो गई है।

स्वजनों ने किया अथक प्रयास

कई दिनों तक व्यक्तिगत प्रयास के बाद 20 जून को स्वजन हसवा ब्लाक प्रमुख अक्षय लोधी के साथ एसपी व एसओ से मिले और सऊदी अरब से बेटे का शव मंगाने की गुहार लगाई। इसके बाद स्वजन ने सीएम पोर्टल पर शव घर मंगवाने की गुहार लगाई। अंत में 3 सितंबर को वीजा एजेंट की मध्यस्थता पर पिता व भाई सर्वेश ने भारतीय दूतावास में एक सुलहनामा पत्र दिया, जिसके बाद संदीप का शव सोमवार को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा। जहां से एक एंबुलेंस से शव को मंगलवार सुबह गांव लाया गया। शव आते ही मां कुंती देवी, बहन सविता, संगीता, भाई सर्वेश, कुलदीप, लवलेश रो-रोकर बेहाल रहे। इतना ही नहीं जिस भी व्यक्ति ने इस दृश्य को देखा उसकी आंखें भर आईं।

पांच माह का नहीं दिया मेहनताना

भाई सर्वेश ने बताया कि पांच माह तक शेख के यहां मेहनत मजदूरी करने के बाद संदीप का जो मेहनताना था वह भी उसके मालिक ने देने से इन्कार कर दिया। जो एक लाख रुपये से अधिक बनता है। संदीप के पिता ने मालिक पर हत्या करने का भी आरोप लगाया है।

एजेंट पर सख्त कार्रवाई की जाए

दिवंगत के स्वजन ने मांग की है कि शहर क्षेत्र के मसवानी मोहल्ले के एक जालसाज ने एक लाख रुपये लेकर ड्राइविंग का वीजा बनवाकर भेजा था, लेकिन विदेश में उसे उस वीजा पर बकरी चराने का काम दिया गया। ऐसे जालसाज पर पुलिस सख्त से सख्त से कार्रवाई करे।

18 घंटे के भीतर हुआ अंतिम संस्कार

दिल्ली एयरपोर्ट से एंबुलेंस में शव लाने वाले कर्मचारियों ने स्वजनों को आगाह किया कि 20 घंटे के भीतर संदीप के शव का अंतिम संस्कार कर दिया जाए अन्यथा बदबू आने से बीमारी फैल सकती है। जिस पर स्वजनों ने 18 घंटे के भीतर ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया।

जानें घटनाक्रम

  • 29 जनवरी को संदीप ड्राइविंग का वीजा लेकर सऊदी अरब गया।
  • 8 मई को उसे ड्राइविंग की जगह बकरी चराने का काम कराने का विरोध करने पर मालिक ने पीटा।
  • 19 मई को उसने रात वीडियो कॉल पर अपने साथ हुई घटना की स्वजन को जानकारी दी।
  • 3-4 जून की रात उसकी संदिग्ध हालात में मौत हो गई।
  • चार जून की रात 10 बजे संदीप के साथी ने घटना की स्वजन को जानकारी दी।
  • 20 जून को स्वजन ने एसपी से मिलकर शव घर मंगाने की मांग की।
  • 22 जून को सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई।
  • 20 अगस्त व 12 सितंबर को संदीप के भाई ने ट्वीट किया।
  • तीन सितंबर को एजेंट के कहने पर संदीप के पिता व भाई ने कोई कार्रवाई न चाहने का भारतीय दूतावास में सुलहनामा दिया। 

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