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बेटे के साथ पत्नी और बेटियों को भी दी थीं नींद की गोलियां, परिवार खत्म करने का तो नहीं था इरादा

कानपुर के सीसामऊ के लकड़मंडी क्षेत्र में मासूम बेटे की हत्या करने वाले अलंकार के इरादों को लेकर सभी संशकित हैं। रात में उसने पूरे परिवार को नींद की गोलियां दूध में मिलाकर पिला दी थीं। इससे शक है कि वह पूरे परिवार काे खत्म करना चाहते थे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 02:59 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 03:13 PM (IST)
बेटे के साथ पत्नी और बेटियों को भी दी थीं नींद की गोलियां, परिवार खत्म करने का तो नहीं था इरादा
कानपुर सीसामऊ में भाई की हत्या पर बहनें बिलखती रहीं।

कानपुर, जेएनएन। सीसामऊ थाना क्षेत्र में मासूम की हत्या की घटना ने सभी को झकझोर दिया है। सभी के जेहन में सिर्फ एक सवाल उठ रहा है कि आखिर अलंकार ने ऐसा क्यो किया, वो बेटा जो पापा के बगैर सोता नहीं था उसकी हत्या अपने हाथों से कैसे और क्यों कर दी। वहीं दूसरी ओर अगर भाई की हत्या के बाद फफक रही बेटियों को बातों को सुनें तो लगता है अलंकार का इरादा ठीक नहीं था। शायद वह पूरे परिवार को ही खत्म करना चाहता था। हालांकि पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके पूछताछ शुरू कर दी है। कहा जा रहा है कि वह बेहद अवसाद में चल रहा था।

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बेटियाँ बोलीं, पापा ने हमें भी दी नींद की गोलियां

कमरे में पड़े बेटे का शव देखकर मां की चीख सुनीं तो बेटियाें तूलिका और दीपिका की नींद खुल गई और भागकर कमरे में आ गई थीं। भाई का शव देखकर वह भी बेहाल हो गईं। दोनों बेटियों तूलिका और दीपिका ने बताया कि पिता ने उन्हें और मां को भी नींद की गोलियां देकर रात में सुला दिया था। पापा खुद भी गोलियां खाते थे। डिप्रेशन के कारण पापा को नींद नहीं आती थी। पत्नी और बेटियों को नींद की गोली देकर सुलाने के बाद बेटे को मौत के घाट उतार दिया।

तारुष को भी दी थी नींद की गोली

तूलिका ने बताया की देर शाम 7:30 बजे उसने मटर पनीर की सब्जी बनाई थी और पापा ने रोटियां सेकी थीं। उस वक्त मोबाइल फोन पर मम्मी की ऑनलाइन ट्रेनिंग चल रही थी। मम्मी और गीतिका ने सबसे पहले खाना खाया था लेकिन पापा ने पेट में दर्द की बात कहकर खाना नहीं खाया था।

पापा ने गीतिका से दूध गर्म करने के लिए कहा था। गीतिका दूध लेकर आई तो उसमें अश्वगंधा व नींद की गोली मिलाकर उन्होंने पहले तारुष को पिलाया। इसके बाद तारुष ने गर्मी लगने की बात कही तो पापा उसे लेकर बाहर कमरे में चले गए थे। रात करीब 9:30 बजे तक घर के सभी लोग सो गए तो पापा भी बाहर वाले कमरे में तारुष के पास वाले सोफे पर जाकर लेट गए थे। तूलिका अपने कमरे में पढ़ाई कर रही थी और करीब 11:00 बजे उसने खाना खाया था। इसके बाद पापा ने कमरे में आकर उससे सो जाने के लिए कहा और गिलास में दूध लाकर पिलाया। तूलिका ने बताया कि सुबह उठने पर उसका सिर काफी भारी था पूछने पर पापा ने बताया कि सभी को नींद की गोलियां दी थीं।

लॉकडाउन के बाद बंद हो गई थी कमाई

एक प्राइवेट कंपनी में काम करने और शेयर मार्केट का काम करने वाले अलंकार लॉकडाउन के बाद कमाई बंद होने से काफी अवसाद में थे। पत्नी सारिका ने बताया की लॉकडाउन होने के पहले तक पति का काम ठीक चल रहा था और अच्छी कमाई करते थे। लॉकडाउन के बाद से उनका काम बंद हो गया और बेरोजगार हो गए। आर्थिक तंगी और समाजिक तानों से वह मानसिक रूप से परेशान रहने लगे थे। सारिका व परिवार के लोगों ने समझाते थे लेकिन कोई असर नहीं पड़ा। शनिवार की सुबह पांच बजे अलंकार कमरे आए और उसे जगाकर कहा- सबकुछ ठीक हो गया है अब कोई भी मेरी तरह मेरे बेटे को परेशान नहीं कर पाएगा वो चैन की नींद सो गया है। उसकी बातें सुनकर वह घबरा गईं और दूसरे कमरे में जाकर देखा तो बेटे की लाश पड़ी थी।


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