Mobile Phone Users सावधान, रेडिएशन के खतरों से बचने के लिए इन खास बातों का रखें ध्यान
मोबाइल के रेडिएशन से मर्दाना कमजोरी और कैंसर का खतरा बढ़ गया है।
कानपुर, जेएनएन। देश में बहुत तेजी से मोबाइल यूजर बढ़े हैं और स्मार्ट फोन रखने वालों की संख्या कहीं ज्यादा है। लेकिन, ये स्मार्ट फोन सेहत के लिए कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा शायद किसी को नहीं है। मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले मर्दाना कमजोरी और कैंसर जैसी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। नेटवर्किंग का रेडिएशन एक मोबाइल यूजर के लिए खतरा बना है। हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने मोबाइल फोन यूजर्स को खतरे और बचने के लिए कुछ बातों की जानकारी दी।
एचबीटीयू में दयानंद गल्र्स पीजी कॉलेज, एचबीटीयू ग्लोबल इंवायरमेंटल सोशल एसोसिएशन व एशियन बायोलॉजिकल रिसर्च फाउंडेशन एंड बायोटेक्नोलॉजी की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इसमें विशेषज्ञों ने मोबाइल फोन यूजर्स को खतरों और उससे बचने के बारे में बताया। महर्षि दयानंद विवि रोहतक से आईं डॉ. विनीता शुक्ला ने बताया कि उन्होंने मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडियशन को लेकर अध्ययन किया है। इसमें लंबा समय लगा, उनका उद्देश्य रेडिएशन से व्यक्ति की प्रजनन क्षमता पर पडऩे दुष्प्रभाव का था।
सबसे पहले चूहों पर रेडिएशन दिया गया, काफी समय बाद सामने आया कि उनकी प्रजनन क्षमता कम हो गई। इससे साफ है कि पुरुष के संपर्क में मोबाइल फोन ज्यादा रहता है। इसके रेडिएशन से स्पर्म प्रभावित होता है और शुक्राणु की संख्या घटने लगती है। इससे मर्दाना कमजोरी के मामले बढ़ रहे हैं। अब चूहियों पर रेडिएशन का असर देखा जा रहा है। मोबाइल फोन के रेडिएशन में ज्यादा रहने से कैंसर जैसी बीमारी भी बढ़ रही है।
इन बातों का विशेष रखें ध्यान
डॉ. शुक्ला ने बताया कि मोबाइल फोन के रेडिएशन से बिल्कुल तो बचना अब संभव नहीं रहा है। लेकिन कुछ बातों को ध्यान में रखा जाए तो उसके खतरों को कम किया जा सकता है। लोगों को इस बातों को गंभीरता से समझना होगा।
- यदि किसी से मोबाइल फोन पर बात कर रहे हैं तो कॉल की अवधि 12 मिनट से ज्यादा नहीं होनी चाहिये। क्योंकि, लंबे समय तक बात करने से रेडिएशन कई गुना तेजी से बढ़ता है और शरीर को सीधे तौर पर प्रभावित करता है।
- इसी तरह मोबाइल फोन को रात में करीब या फिर तकिये के नीचे रखकर नहीं सोना चाहिये। ऐसे में सर्वाधिक रेडिएशन का प्रभाव शरीर पर पड़ता है।
- रात में सोने वाले स्थान से मोबाइल फोन को कम से कम तीन मीटर दूरी पर ही रखना अथवा चार्जिंग पर लगाना चाहिये।
- जब कभी मोबाइल फोन से बात कर रहे हों तो उसे नीचे की ओर से ही पकडऩा चाहिये। बीच या फिर ऊपर की ओर कतई नहीं पकडऩा चहिए।