कबरई कांड में शासन स्तर से की गई बड़ी कार्रवाई, निलंबित एसओ और सिपाही को किया बर्खास्त
क्रशर कारोबारी मौत प्रकरण में शासन ने तबादलों के बाद की और बड़ी कार्रवाई महकमे में मची खलबली इसकी चर्चा तेज कि आगे और किसकी हो सकती बर्खास्तगी 13 सितंबर को घायल कारोबारी की कानपुर में मौत के बाद मुकदमा हत्या में तरमीम किया गया था
महोबा, जेएनएन। कबरई के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत की मौत के प्रकरण में पुलिसकर्मियों के तबादले के बाद बर्खास्तगी की कार्रवाई भी शुरू हो गई है। इस मामले में निलंबित तत्कालीन एसओ कबरई देवेंद्र शुक्ला और सिपाही अरुण यादव को शासन ने बर्खास्त कर दिया है। एसपी अरुण कुमार श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि की है।
एक दिन पहले ही सोमवार को शासन ने 24 पुलिसकर्मियों का तबादला मंडल से बाहर कर दिया था। इससे पहले भी 19 पुलिसकर्मियों का तबादला कर मंडल से बाहर का रास्ता दिखाया गया था। शासन स्तर से शुरू हुई इस कार्रवाई के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि यह सिलसिला जारी रहेगा और इससे भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है। मंगलवार को तत्कालीन एसओ कबरई और सिपाही अरुण यादव की बर्खास्तगी के आदेश आते ही फिर से महकमे में खलबली मच गई है। चर्चा तेज है, अभी और कई पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी हो सकती है। बता दें, प्रकरण में नामजद आरोपितों में केवल व्यापारी ब्रह्मदत्त तिवारी व सुरेश सोनी ही गिरफ्तार किए गए जबकि निलंबित एसपी और एसओ कबरई फरार हैं। सिपाही अरुण यादव का नाम भी जांच में सामने आया था और उसकी अवैध खनन परिवहन में संलिप्तता पाई गई थी। उसे भी निलंबित करने के साथ ही 10 गाडिय़ां भी सीज की गई थीं।
यह है मामला
कबरई में आठ सितंबर को क्रशर व्यापारी इंद्रकांत गाड़ी में घायल मिले थे। एक दिन पहले ही उन्होंने वीडियो वायरल कर तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा उनसे जान का खतरा बताया था। तत्कालीन एसपी, एसओ कबरई, व्यापारी ब्रह्मदत्त तिवारी व सुरेश सोनी सहित कुछ अज्ञात पुलिसकर्मियों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज हुआ था। भ्रष्टाचार की भी धारा लगने पर तत्कालीन एसपी व तत्कालीन एसओ कबरई को निलंबित किया गया था। 13 सितंबर को घायल कारोबारी की कानपुर में मौत के बाद मुकदमा हत्या में तरमीम किया गया था। एसआइटी जांच में साक्ष्यों के आधार पर बाद में मामला आत्महत्या को प्रेरित करने की धारा में तरमीम किया गया।