बाइकर्स बेटियों की मंजिल आधी आबादी की मुस्कुराहट
जागरण संवाददाता, कानपुर : यह खिलखिलाती बेटियां एक सफर पर निकली हैं। इस सफर में शहर दर श्
जागरण संवाददाता, कानपुर : यह खिलखिलाती बेटियां एक सफर पर निकली हैं। इस सफर में शहर दर शहर पड़ाव तो हो सकते हैं, लेकिन जिस दिन यह अपनी मंजिल पर पहुंचेंगी, उस दिन देश की हर बेटी खिलखिलाएगी और पूरा समाज मुस्कुराएगा। महिलाओं की जिंदगी की तरह रास्तों की उतार-चढ़ाव वाली तमाम चुनौतियों को रौंदती चल रहीं बाइकर्स बेटियां कई शहरों में महिला सशक्तीकरण की 'गूंज' छोड़ते हुए शनिवार को कानपुर पहुंचीं।
181 महिला हेल्पलाइन, लैंगिक समानता और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश समाज को देने के लिए देश के विभिन्न शहरों की दस बेटियों का समूह 'गूंज' नामक बाइक रैली लेकर निकला है। महिला एवं बाल कल्याण विभाग और महिला सामाख्या संस्था के सहयोग से यह रैली पिछले कई दिनों चरणवार अभियान में दिल्ली, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मथुरा, आगरा, एटा, इटावा, कन्नौज सहित अलग-अलग शहरों का सफर तय कर शनिवार को कानपुर पहुंची। जिला प्रशासन सहित आशा ज्योति केंद्र की ओर से स्वागत किया गया। सीएसए के कैलाश भवन सभागार में रैली के इस चरण का समापन समारोह हुआ। यहां मंडलायुक्त की धर्मपत्नी इला महान्ति, महिला सामाख्या की निदेशिका डॉ. स्मृति सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी श्रुति शुक्ला सहित अन्य ने प्रशस्ति पत्र देकर इन बाइकर्स का स्वागत किया। इनके सम्मान में जया रॉक बैंड की जया, निहारिका, पूर्वी और उत्सवी ने 'हाय हाय ये मजबूरी, आजादी से क्यों दूरी। मुझे पल-पल है तड़पाए, तेरी दो टकिये दी सोच और मेरा फ्यूचर जलता जाए..' और 'देश को बचाना है तो बेटियां बचा लो..' की प्रस्तुति दी तो जैसे इन बाइकर्स की भावनाएं हॉल में गूंज उठीं। वह सभी दौड़ी-दौड़ी मंच पर पहुंचीं और थिरकने लगीं। अगले ही पल यहां महिला उत्सव का माहौल बन चुका था। इसके बाद नुक्कड़ नाटक और बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए।
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फेसबुक से बनाया पल्लवी ने कारवां
इस बाइकर्स रैली का नेतृत्व आगरा की पल्लवी फौजदार कर रही हैं। बाइक से हिमालय पर्वत नापकर दो विश्व रिकॉर्ड बना चुकी पल्लवी ने बताया कि उन्होंने अपने शौक और हसरत को फेसबुक पर शेयर किया। उसे देखते हुए देश के अलग-अलग शहरों की महिला-युवतियों ने अपना प्रोफाइल भेजा। उनमें से चुनी हुई यह दस बाइकर्स अभियान पर निकली हैं।
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हर बाइकर है एक रोल मॉडल
महिलाओं के हक की आवाज उठाने निकलीं यह बाइकर्स महिलाओं की जिंदगी की जिंदगी की जटिलताओं को करीब से देख और महसूस कर चुकी हैं। मगर, जुनून है कि चल पड़ी हैं अपने सपने पूरे करने। कोई बिना शादी किए बच्ची को गोद लेकर पाल-पढ़ा रही है तो कोई खुद नौकरी कर पढ़ती और फिर अपने दूसरे शौक पूरे करती है। इसमें 20 से लेकर 50 वर्ष तक की सदस्य हैं।
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यह है दस बाइकर्स की टीम
पल्लवी फौजदार (आगरा), निर्मालीनाथ (असोम), मोनिशा मोनी (बुलंदशहर), तरुणा सिंह (राजस्थान), सीमा सेठ (नोएडा), सुनीता सहगल (दिल्ली), चारू गुप्ता (लखनऊ), कृष्णा सिंह (कोलकाता), एनी शर्मा (असोम) और अनीता कृष्णन (गुवाहाटी)।