यूपीएसआइसी में निरीक्षण करने पहुंचे लघु उद्योग मंत्री हो गए कैद
विभाग के औचक निरीक्षण में लघु उद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी ने 80 फीसद स्टाफ गैरहाजिर होने पर की कार्रवाई।
By AbhishekEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 01:45 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 02:22 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। सरकार की लाख कोशिश के बाद भी सरकारी कार्यालयों का क्या हाल है, इसकी भद्दी तस्वीर सोमवार को सामने आ गई। उप्र लघु उद्योग निगम में अराजकता के माहौल की कलई खुल गई। लघु उद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी निरीक्षण को पहुंचे तो 80 फीसद स्टाफ गैर हाजिर मिला। दस बजे के बाद कार्यालय पहुंचे कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए मुख्य द्वार पर बाहर से ताला लगाकर मंत्री को कार्यालय के अंदर बंद कर दिया।
बंद थी कार्यालयों की लाइट, अवकाश जैसा मिला माहौल
लघु उद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी सुबह 9.45 बजे फजलगंज स्थित उप्र लघु उद्योग निगम कार्यालय पहुंचे। नजारा ऐसा मिला, जैसे अवकाश हो। कार्यालयों की बत्ती भी बंद थी। प्रबंध निदेशक केदारनाथ सिंह का दफ्तर भी बंद था। मंत्री को देखकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने जेनरेटर चालू करके कार्यालयों में लाइट जलाई। मंत्री ने स्टाफ से पूछा तो प्रथम तल पर चार-पांच चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी ही उपस्थित मिले। किसी अधिकारी को न देखकर मंत्री ने प्रमुख सचिव भुवनेश्वर कुमार को फोन कर स्थिति से अवगत कराया। इसपर प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रबंध निदेशक चुनावी ड्यूटी में मध्य प्रदेश गए हैं।
दस बजे के बाद अंदर से बंद कराया गेट
लघु उद्योग मंत्री ने करीब दस बजे मुख्य द्वार अंदर से बंद करा दिया ताकि देर से आने वाले प्रवेश न कर सकें। फिर उन्होंने हाजिरी रजिस्टर देखे तो पाया कि कुछ ही कर्मचारियों के हस्ताक्षर थे। इसके बाद उन्होंने बारी-बारी से द्वितीय और तृतीय तल पर जाकर निर्माण अनुभाग, कार्मिक अनुभाग, कम्प्यूटर कक्ष, लेखा विभाग का निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि पूरे कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के अलावा दो इंजीनियर और एक संविदा बाबू ही उपस्थित थे। इसके बाद मंत्री पचौरी ने सभी रजिस्टर मंगाकर उन पर क्रॉस लगा दिए। सभी गैरहाजिर अधिकारी-कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। मंत्री बाहर निकलने को हुए तो देखा कि कर्मचारी बाहर आ चुके थे। मुख्य द्वार पर अंदर से ताला देख कर्मचारी समझ गए कि उनपर कार्रवाई हो चुकी है। दबाव बनाने को कर्मचारियों ने मंत्री के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और बाहर से दरवाजे पर ताला लगा दिया। मंत्री के स्टाफ के कहने पर भी ताला खोलने को तैयार नहीं थे। मंत्री को कैद किए जाने की सूचना मिली तो पुलिस फोर्स पहुंचा और ताला खुलवाकर उन्हें बाहर निकाला।
खुली पड़ी थी अलमारियां, असुरक्षित रिकॉर्ड
निरीक्षण के दौरान मंत्री पचौरी ने देखा कि रिकॉर्ड रूम की अलमारियां टूटी पड़ी थीं। उनमें लॉक तक नहीं थे। खोलकर देखा तो उनमें फाइलें भरी पड़ी थी। उन्होंने आशंका जताई कि ऐसे तो कोई भी रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर सकता है। इसके अलावा अधिकारियों की टेबिल पर फाइलों के ढेर लगे थे। इस पर मंत्री ने नाराजगी जताई और कहा कि इससे जाहिर होता है कि फाइलों का निस्तारण समय से नहीं किया जा रहा है।
बंद थी कार्यालयों की लाइट, अवकाश जैसा मिला माहौल
लघु उद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी सुबह 9.45 बजे फजलगंज स्थित उप्र लघु उद्योग निगम कार्यालय पहुंचे। नजारा ऐसा मिला, जैसे अवकाश हो। कार्यालयों की बत्ती भी बंद थी। प्रबंध निदेशक केदारनाथ सिंह का दफ्तर भी बंद था। मंत्री को देखकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने जेनरेटर चालू करके कार्यालयों में लाइट जलाई। मंत्री ने स्टाफ से पूछा तो प्रथम तल पर चार-पांच चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी ही उपस्थित मिले। किसी अधिकारी को न देखकर मंत्री ने प्रमुख सचिव भुवनेश्वर कुमार को फोन कर स्थिति से अवगत कराया। इसपर प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रबंध निदेशक चुनावी ड्यूटी में मध्य प्रदेश गए हैं।
दस बजे के बाद अंदर से बंद कराया गेट
लघु उद्योग मंत्री ने करीब दस बजे मुख्य द्वार अंदर से बंद करा दिया ताकि देर से आने वाले प्रवेश न कर सकें। फिर उन्होंने हाजिरी रजिस्टर देखे तो पाया कि कुछ ही कर्मचारियों के हस्ताक्षर थे। इसके बाद उन्होंने बारी-बारी से द्वितीय और तृतीय तल पर जाकर निर्माण अनुभाग, कार्मिक अनुभाग, कम्प्यूटर कक्ष, लेखा विभाग का निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि पूरे कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के अलावा दो इंजीनियर और एक संविदा बाबू ही उपस्थित थे। इसके बाद मंत्री पचौरी ने सभी रजिस्टर मंगाकर उन पर क्रॉस लगा दिए। सभी गैरहाजिर अधिकारी-कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। मंत्री बाहर निकलने को हुए तो देखा कि कर्मचारी बाहर आ चुके थे। मुख्य द्वार पर अंदर से ताला देख कर्मचारी समझ गए कि उनपर कार्रवाई हो चुकी है। दबाव बनाने को कर्मचारियों ने मंत्री के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और बाहर से दरवाजे पर ताला लगा दिया। मंत्री के स्टाफ के कहने पर भी ताला खोलने को तैयार नहीं थे। मंत्री को कैद किए जाने की सूचना मिली तो पुलिस फोर्स पहुंचा और ताला खुलवाकर उन्हें बाहर निकाला।
खुली पड़ी थी अलमारियां, असुरक्षित रिकॉर्ड
निरीक्षण के दौरान मंत्री पचौरी ने देखा कि रिकॉर्ड रूम की अलमारियां टूटी पड़ी थीं। उनमें लॉक तक नहीं थे। खोलकर देखा तो उनमें फाइलें भरी पड़ी थी। उन्होंने आशंका जताई कि ऐसे तो कोई भी रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर सकता है। इसके अलावा अधिकारियों की टेबिल पर फाइलों के ढेर लगे थे। इस पर मंत्री ने नाराजगी जताई और कहा कि इससे जाहिर होता है कि फाइलों का निस्तारण समय से नहीं किया जा रहा है।
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