खिलौने जैसी हल्की है नई रिवॉल्वर
जागरण संवाददाता, कानपुर : बेशक, हथियार बच्चों के खेलने की चीज नहीं हैं, लेकिन स्मॉल आम्स
जागरण संवाददाता, कानपुर : बेशक, हथियार बच्चों के खेलने की चीज नहीं हैं, लेकिन स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री ने ऐसी रिवॉल्वर तैयार कर ली है, जैसे खिलौना ही हो। महिला-युवतियों के लिए बनाई गई रिवॉल्वर निर्भीक की तुलना में भी यह काफी कम वजन की है। आयुध प्रदर्शनी में इसने दर्शकों का काफी ध्यान खींचा।
समाज सदन में आयोजित संयुक्त प्रदर्शनी का उद्घाटन आयुध निर्माणी कानपुर के वरिष्ठ महाप्रबंधक एके जैन और नारी कल्याण समिति की अध्यक्षा विनीता जैन ने किया। इसके बाद फैक्ट्री कर्मचारी, उनके परिजनों व अन्य लोगों ने प्रदर्शनी में रखे रक्षा उत्पादों को देखा। यहां स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री ने अपनी वह रिवॉल्वर भी रखी, जो तैयार तो कर ली गई है, लेकिन अभी वह मार्केट में नहीं है। यहां दिल्ली के चर्चित निर्भया कांड के बाद महिलाओं के लिए 523 ग्राम की निर्भीक रिवॉल्वर बनाई थी। महाप्रबंधक एचआर दीक्षित ने बताया कि वह पूरी रिवॉल्वर टाइटेनियम की बनी थी, जिसकी वजह से कीमत ज्यादा थी। अब जो नई रिवॉल्वर बनाई है, उसका सिर्फ चैंबर और बैरल ही टाइटेनियम का है। इससे कीमत तो घटी ही है, साथ ही वजन भी महज 325 ग्राम कर दिया गया है। इसका नाम रखने को ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड को प्रस्ताव भेज दिया गया है। महिलाओं में इसके प्रति खास आकर्षण दिखा।
इसके अलावा फील्ड गन फैक्ट्री द्वारा हाल ही में ज्वाइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन सुरक्षा बलों और भारतीय सेना के लिए बनाई गई है। इंपोर्टेड लुक की इस कार्बाइन को देखने के लिए भी काफी भीड़ जुटी। महिला-बच्चों ने भी फोटो खिंचवाए और सेल्फी ली।
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फोर्जिग प्लांट न बना तो कैसे होगा काम
फील्ड गन फैक्ट्री में जो फोर्जिग प्लांट है, वह काफी पुराना हो चुका है। अब अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानक के उत्पाद बनाने के लिए नया फोर्जिग प्लांट बनना है। करीब 150 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट का प्रस्ताव 2009 में तैयार हुआ था, लेकिन अब तक नहीं बन सका है। महाप्रबंधक शैलेंद्र नाथ ने बताया कि 155 एमएम के बैरल बनाने के लिए इसकी बहुत जरूरत पड़ेगी। प्रोजेक्ट के लिए प्रयास चल रहे हैं। अभी फाइल रक्षा मंत्रालय में है।
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प्रदर्शनी में यह भी
- धनुष तोप
- पिनाका रॉकेट लांचर
- तोप के गोलों के खोखे
- 7.62 एमएम मशीन गन
- अनमोल 32 (7.65 एमएम) रिवॉल्वर
- रिवॉल्वर 32 (7.65 एमएम) एमके-3
- रायफल 5.56 एमएम इनसास
- लाइट मशीनगन 5.56 एमएम इनसास
- रॉकेट लांचर 140 (आर्मी और नेवी के लिए)
- रॉकेट बैरल यूनिट 6000
- रॉकेट बैरल यूनिट 1200 (दुश्मन पनडुब्बियों पर हमले के लिए)
- थ्री-डी को-ऑर्डिनेट मेजरमेंट मशीन (निर्माण के समय हथियार की गुणवत्ता जांचने के लिए)।
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कर्मचारियों को दिलाई जिम्मेदारी की शपथ
दो दिवसीय प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर ओएफसी के वरिष्ठ महाप्रबंधक एके जैन ने सभी अधिकारी-कर्मचारियों को उन्नतशील उत्पादों के निर्माण को तत्पर रहने की शपथ दिलाई। साथ ही सेवानिवृत्त होने जा रहे फोटोग्राफर एसएच मेंहदी को कलाई घड़ी भेंट की। इससे पहले सुबह अर्मापुर वेलफेयर सेंटर चौराहा से ओएफसी तक प्रभातफेरी निकाली गई, जिसमें सभी अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए।
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आज आम शहरवासियों के लिए प्रदर्शनी
मीडिया प्रभारी विनय अवस्थी ने बताया कि रविवार को आयुध प्रदर्शनी आम शहरवासी सुबह नौ से शाम छह बजे तक देख सकते हैं।
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यह भी रहे उपस्थित
ओएफसी एजीएम एसके यादव, जुगनू गुप्ता, अनुपमा त्रिपाठी, एमके शर्मा के अलावा बैकुंठ तिवारी, अमर सिंह, दीपक उपाध्याय, विनीत सिंह, सौरभ सिंह, संतोष दुबे, उमेश राम, अमरेंद्र मोहन सिंह, मुकेश सिंह, अभय मिश्रा आदि।