कानपुर में एमबीबीएस फाइनल परीक्षा में नकल करते पकड़े गए छह मेडिकल छात्र
जीएसवीएम में टीम ने कापियां को सील किया और कार्रवाई के लिए मोबाइल से नकल की फोटो खींची।
By AbhishekEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 12:21 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 12:21 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस फाइनल प्रोफेशनल की परीक्षा के पहले दिन मंगलवार को छह छात्र नकल करते पकड़े गए। सीएसजेएमयू की टीम ने सभी छात्रों की कापियां सील कर दीं और आगे कार्रवाई के लिए नकल की प्रतियों की फोटो भी मोबाइल में ले ली।
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के लेक्चरर मनोज सिंह सुबह प्रश्न पत्र लेकर मेडिकल कॉलेज आए थे। परीक्षा नियंत्रक प्रो. सुनीतिराज पांडेय को मेडिसिन, सर्जरी, बाल रोग और स्त्री एवं प्रसूति रोग से संबंधित आठ पेपर सौंप दिए। उसके बाद पूर्वाह्न 11 बजे मेडिसिन प्रथम प्रश्न पत्र की परीक्षा में 193 छात्र-छात्राएं शामिल हुए। न्यू लैब ब्लॉक के पहली मंजिल और दूसरे मंजिल स्थित हॉल में परीक्षा शुरू हुई।
पुराने हॉल में सौ तथा नए हॉल में 93 छात्र-छात्राएं परीक्षा दे रहे थे, जहां मुख्य कक्ष निरीक्षक प्रो. रिचा गिरी की ड्यूटी थी। परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद ही मनोज सिंह ने पुराने कक्ष से चार छात्रों को नकल करते पकड़ लिया। उनके हाथों में नकल लिखी थी।
हाथ में लिखे नोट्स की फोटो खींच ली। कापियों को सील करते हुए नई कापियां दे दीं। इसी तरह नए हॉल में दो छात्रों को नकल करते हुए पकड़ लिया। इसकी सूचना पर कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. महेंद्र सिंह, प्रो. जलज सक्सेना, डॉ. प्रेम सिंह और डॉ. अरविंद कुमार पहुंच गए। अपनी दलील देने लगे, लेकिन विश्वविद्यालय की टीम ने अनसुना कर दिया। सभी छात्रों की कॉपी सील कर अपने साथ ले गए।
छात्रों को जबरदस्ती पकड़ा
परीक्षा नियंत्रक प्रो. सुनीतिराज पांडेय का कहना है कि परीक्षा शुरू होने के 10 मिनट के अंदर छात्रों को पकड़ लिया गया। उनके हाथ में एक दो शब्द ही लिखे थे। कुछ छात्रों के हाथ की लिखावट भी मिट गई थी। मेडिसिन के पेपर में अंग्रेजी के एक दो शब्दों का कोई औचित्य नहीं होता है। इसका विरोध परीक्षकों ने भी किया, लेकिन वह कुछ सुनने को तैयार नहीं हुए, छह छात्रों की कापियां सील की गई हैं।
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के लेक्चरर मनोज सिंह सुबह प्रश्न पत्र लेकर मेडिकल कॉलेज आए थे। परीक्षा नियंत्रक प्रो. सुनीतिराज पांडेय को मेडिसिन, सर्जरी, बाल रोग और स्त्री एवं प्रसूति रोग से संबंधित आठ पेपर सौंप दिए। उसके बाद पूर्वाह्न 11 बजे मेडिसिन प्रथम प्रश्न पत्र की परीक्षा में 193 छात्र-छात्राएं शामिल हुए। न्यू लैब ब्लॉक के पहली मंजिल और दूसरे मंजिल स्थित हॉल में परीक्षा शुरू हुई।
पुराने हॉल में सौ तथा नए हॉल में 93 छात्र-छात्राएं परीक्षा दे रहे थे, जहां मुख्य कक्ष निरीक्षक प्रो. रिचा गिरी की ड्यूटी थी। परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद ही मनोज सिंह ने पुराने कक्ष से चार छात्रों को नकल करते पकड़ लिया। उनके हाथों में नकल लिखी थी।
हाथ में लिखे नोट्स की फोटो खींच ली। कापियों को सील करते हुए नई कापियां दे दीं। इसी तरह नए हॉल में दो छात्रों को नकल करते हुए पकड़ लिया। इसकी सूचना पर कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. महेंद्र सिंह, प्रो. जलज सक्सेना, डॉ. प्रेम सिंह और डॉ. अरविंद कुमार पहुंच गए। अपनी दलील देने लगे, लेकिन विश्वविद्यालय की टीम ने अनसुना कर दिया। सभी छात्रों की कॉपी सील कर अपने साथ ले गए।
छात्रों को जबरदस्ती पकड़ा
परीक्षा नियंत्रक प्रो. सुनीतिराज पांडेय का कहना है कि परीक्षा शुरू होने के 10 मिनट के अंदर छात्रों को पकड़ लिया गया। उनके हाथ में एक दो शब्द ही लिखे थे। कुछ छात्रों के हाथ की लिखावट भी मिट गई थी। मेडिसिन के पेपर में अंग्रेजी के एक दो शब्दों का कोई औचित्य नहीं होता है। इसका विरोध परीक्षकों ने भी किया, लेकिन वह कुछ सुनने को तैयार नहीं हुए, छह छात्रों की कापियां सील की गई हैं।
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