जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में रैगिंग करने पर छह जूनियर रेजीडेंट हॉस्टल से निष्कासित
नववर्ष के स्वागत वाली रात में इंटर्न छात्रों से मारपीट की थी, मामले में अब एंटी रैगिंग कमेटी सुनवाई करेगी।
By AbhishekEdited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 08:19 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jan 2019 08:19 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में घुसकर तोडफ़ोड़ एवं इंटर्न छात्रों से मारपीट कर सीढिय़ों से फेंकने के मामले में सर्जरी विभाग के छह जूनियर रेजीडेंट (जेआर) को पीजी हॉस्टल से निष्कासित कर दिया गया है। बुधवार शाम पांच बजे तक हॉस्टल खाली करा लिए गए। इस प्रकरण में एंटी रैगिंग कमेटी रोजाना सुनवाई करके सजा तय करेगी।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के ब्वॉयज हॉस्टल (बीएच-4) में नववर्ष के स्वागत वाली सोमवार की रात तोडफ़ोड़ एवं इंटर्न छात्रों से मारपीट की घटना को शासन ने गंभीरता से लिया है। बुधवार को रैगिंग के प्रकरण में महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा (डीजीएमई) से विस्तृत रिपोर्ट मांगी तो डीजीएमई डॉ. केके गुप्ता ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. आरती दवे लालचंदानी से रिपोर्ट तलब की। बुधवार शाम प्राचार्य की अध्यक्षता में एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक बुलाई गई। इसमें बीएच-4 और पीजी हॉस्टल के वार्डेन एवं सहायक वार्डेन भी शामिल हुए।
इंटर्न छात्रों की सामूहिक शिकायती पत्र एवं एंटी रैगिंग सेल से हुई शिकायत पर चर्चा की गई। प्राचार्य ने कहा कि सर्जरी विभाग के जूनियर रेजीडेंट के कृत्य से कॉलेज की बदनामी हुई है। उन्हें अपने जूनियर के साथ ऐसा बर्ताव नहीं करना चाहिए था। सर्जरी के सभी जेआर को पीजी हॉस्टल से निष्कासित कर दिया जाए। इस पर सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय काला ने कहा कि मामले में छह जेआर के नाम हैं तो उनपर ही कार्रवाई हो। इसके बाद आरोपित छह जेआर को हॉस्टल से निष्कासित करने का निर्णय लिया गया।
प्राचार्य ने आरोपित छह जेआर से शाम पांच बजे तक हॉस्टल खाली कराने के आदेश दिए। प्राचार्य डॉ. आरती दवे लालचंदानी ने बताया कि पीजी हॉस्टल से छह जेआर निष्कासित कर दिए गए हैं। कमेटी के समक्ष इंटर्न छात्रों को बुलाया गया था, लेकिन पीजी एग्जाम की तैयारी की वजह से नहीं आए। इस प्रकरण की सुनवाई रोजाना की जाएगी।
ये हुए निष्कासित : डॉ. मनीष कुमार (जेआर 2), डॉ. मुनीश कुमार (जेआर 3), डॉ. सौरभ सिंह (जेआर 3), डॉ. कुमार विनीत (जेआर 1), हिमांशु सिंह (जेआर 1) एवं डॉ. रौनक मेहरोत्रा (जेआर 2)।
सजा दिलाने को जांच में तेजी
प्रकरण की जांच की जिम्मेदारी एंटी रैगिंग कमेटी करेगी। इसकी अध्यक्ष डॉ. आरती दवे लालचंदानी, डॉ. महेंद्र सिंह, डॉ. जीडी यादव, डॉ. किरन पांडेय, डॉ. संजय काला, डॉ. पूजा अग्रवाल, डॉ. आनंद नारायण सिंह, डॉ. चित्रा श्रीवास्तव, डॉ. संजय कुमार, डॉ. युक्तेश्वर मिश्र व डॉ. गणेश शंकर हैं। यह कमेटी रोज सुनवाई करेगी, जिससे जल्द से जल्द आरोपितों को सजा मिल सके।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के ब्वॉयज हॉस्टल (बीएच-4) में नववर्ष के स्वागत वाली सोमवार की रात तोडफ़ोड़ एवं इंटर्न छात्रों से मारपीट की घटना को शासन ने गंभीरता से लिया है। बुधवार को रैगिंग के प्रकरण में महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा (डीजीएमई) से विस्तृत रिपोर्ट मांगी तो डीजीएमई डॉ. केके गुप्ता ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. आरती दवे लालचंदानी से रिपोर्ट तलब की। बुधवार शाम प्राचार्य की अध्यक्षता में एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक बुलाई गई। इसमें बीएच-4 और पीजी हॉस्टल के वार्डेन एवं सहायक वार्डेन भी शामिल हुए।
इंटर्न छात्रों की सामूहिक शिकायती पत्र एवं एंटी रैगिंग सेल से हुई शिकायत पर चर्चा की गई। प्राचार्य ने कहा कि सर्जरी विभाग के जूनियर रेजीडेंट के कृत्य से कॉलेज की बदनामी हुई है। उन्हें अपने जूनियर के साथ ऐसा बर्ताव नहीं करना चाहिए था। सर्जरी के सभी जेआर को पीजी हॉस्टल से निष्कासित कर दिया जाए। इस पर सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय काला ने कहा कि मामले में छह जेआर के नाम हैं तो उनपर ही कार्रवाई हो। इसके बाद आरोपित छह जेआर को हॉस्टल से निष्कासित करने का निर्णय लिया गया।
प्राचार्य ने आरोपित छह जेआर से शाम पांच बजे तक हॉस्टल खाली कराने के आदेश दिए। प्राचार्य डॉ. आरती दवे लालचंदानी ने बताया कि पीजी हॉस्टल से छह जेआर निष्कासित कर दिए गए हैं। कमेटी के समक्ष इंटर्न छात्रों को बुलाया गया था, लेकिन पीजी एग्जाम की तैयारी की वजह से नहीं आए। इस प्रकरण की सुनवाई रोजाना की जाएगी।
ये हुए निष्कासित : डॉ. मनीष कुमार (जेआर 2), डॉ. मुनीश कुमार (जेआर 3), डॉ. सौरभ सिंह (जेआर 3), डॉ. कुमार विनीत (जेआर 1), हिमांशु सिंह (जेआर 1) एवं डॉ. रौनक मेहरोत्रा (जेआर 2)।
सजा दिलाने को जांच में तेजी
प्रकरण की जांच की जिम्मेदारी एंटी रैगिंग कमेटी करेगी। इसकी अध्यक्ष डॉ. आरती दवे लालचंदानी, डॉ. महेंद्र सिंह, डॉ. जीडी यादव, डॉ. किरन पांडेय, डॉ. संजय काला, डॉ. पूजा अग्रवाल, डॉ. आनंद नारायण सिंह, डॉ. चित्रा श्रीवास्तव, डॉ. संजय कुमार, डॉ. युक्तेश्वर मिश्र व डॉ. गणेश शंकर हैं। यह कमेटी रोज सुनवाई करेगी, जिससे जल्द से जल्द आरोपितों को सजा मिल सके।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें