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गोशाला में चारे को मोहताज गाय, भूख से तड़पकर मर गए छह गोवंश Kanpur News

बिधनू अटवा ग्राम पंचायत की गोशाला में 28 टैग जानवरों को चारा नहीं मिल रहा है सुबह से जंगल में छोड़ दिया जाता है।

By AbhishekEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 03:54 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 03:54 PM (IST)
गोशाला में चारे को मोहताज गाय, भूख से तड़पकर मर गए छह गोवंश Kanpur News
गोशाला में चारे को मोहताज गाय, भूख से तड़पकर मर गए छह गोवंश Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। बेसहारा गोवंश के संरक्षण के लिए सरकार करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है, इसके बावजूद गोशाला में गोवंश तड़पकर दम तोड़ रहे हैं। बिधनू की ग्राम पंचायत अटवा की गोशाला में अब छह गोवंश से भूख से मर चुके हैं। भर पेट चारा देने में असमर्थ प्रधान भी जनवारों को सुबह सूखा भूसा खिलने के बाद जंगल में छुड़वा देते हैं।

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बिधनू की ग्राम पंचायत अटवा की गोशाला करीब 3 बीघा 15 बिस्वा भूमि पर बनी है। गोसंरक्षण के लिए करीब 20 फीट लंबी और 14 फीट चौड़ी तीन शेड पड़ा है। जनवारों को चारा खिलाने के लिए 50 नादें बनी हैं। शेड छोटा होने की वजह से आधे से ज्यादा जानवर धूप, बारिश और ठंड में बंधे रहते हैं। ग्राम प्रधान पुत्र रतन सिंह ने बताया कि गोशाला निर्माण में सिर्फ 80 हजार रुपये का ही अनुदान मिला है, जबकि करीब ढाई लाख रुपये खुद खर्च कर चुके हैं।

चारे के लिए 30 रुपये प्रति जानवर मिल रहा है, जो पर्याप्त नहीं है। छोटी ग्राम पंचायत होने की वजह से चारे की व्यवस्था कर पाना मुश्किल है। गोशाला में 34 गाय और बछड़े थे, जिनमे छह गोवंश दम तोड़ चुके हैं। बचे 28 जनवारों को सुबह थोड़ा थोड़ा भूसा खिलाने के बाद जंगल में छोडऩा मजबूरी हो गया है। शाम को सभी जानवर फिर से गोशाला में आ जाते हैं।


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