Conversion: लोगों से छल कर धर्म परिवर्तन कराने मामला पकड़ने लगा तूल
धर्म परिवर्तन को लेकर अब नया बखेड़ा खड़ा होता दिखाई देना लगा है। सनातन धर्म के खिलाफ प्रचार में लगे पादरियों की शीघ्र ही एक बैठक होने वाली है।
लखनऊ (जेएनएन)। धर्म परिवर्तन को लेकर अब नया बखेड़ा खड़ा होता दिखाई देना लगा है। इस समय ईसाई मिशनरियों की सक्रियता कुछ बढ़ी नजर आने लगी है। मुरादाबाद, जौनपुर समेत कई जगह कनवर्जन की जानकारी मिली है। इसको लेकर कई स्थानों पर पंचायत और मारपीट जैसी स्थितियां पैदा हो चुकी हैं। सनातन धर्म के खिलाफ प्रचार में लगे पादरियों की शीघ्र ही एक बैठक होने वाली है। इसमें उनका मुख्य एजेंडा धर्मांतरण को लेकर उपजे माहौल में मिशनरियों की सुरक्षा रहने की उम्मीद है। जौनपुर भूलनडीह में छल से धर्म परिवर्तन करने के आरोप में ईसाई केंद्र संचालक दुर्गा प्रसाद यादव समेत 271 लोगों के खिलाफ अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम ने शिकायत दर्ज की है। मामले में कोर्ट ने शिकायत दर्ज करने के बाद चंदवक थानाध्यक्ष से आख्या तलब की है। इस बीच धर्मान्तरण के आरोप में देश के कई स्थानों पर मारपीट का शिकार पादरियों ने सुरक्षा के लिए सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर करने का निर्णय लिया है।
सनातन धर्म के विरुद्ध प्रचार
जौनपुर के अधिवक्ता बृजेश सिंह ने कोर्ट में दुर्गा प्रसाद यादव, किरित राय, जितेंद्र, 260 पादरी व आठ युवतियों के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया कि आरोपित जौनपुर सहित चार अन्य जिलों में सनातन धर्म के विरुद्ध प्रचार, प्रवचन कर गरीब व पिछड़े लोगों को धोखा व रुपए का लालच देकर ईसाई बना रहे हैं। सनातन धर्म के उपासना पद्धति का एवं मूर्ति पूजा का मजाक उड़ाकर अपमान करते हैं। गंभीर बीमारी ठीक होने की झूठी गवाही लोगों से दिलवाते हैं। प्रतिबंधित रसायन खिलाकर ईसा मसीह की जय बुलवा कर उन्हें ईसाई बनाते हैं। इससे धार्मिक उन्माद भड़क सकता है एवं शांति भंग सकती है। इस कृत्य से वादी एवं अन्य लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई। अधिवक्ता ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की कोर्ट से मांग की।
सुरक्षा के लिए सुप्रीमकोर्ट जाएंगे पादरी
धर्मान्तरण के आरोप में देश के कई स्थानों पर मारपीट का शिकार हुए पादरियों ने अपनी सुरक्षा के लिए सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। पादरियों का आरोप है कि सरकार उनकी कोई मदद नहीं कर रही है। किसी चर्च में प्रार्थना सभा होती है तो भी धर्मान्तरण का आरोप लगाकर भीड़ हमला कर रही है और पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है। कानपुर में गुरुवार को गोविंद नगर चर्च के पादरी एवं भारतीय मसीह महासभा के महामंत्री पादरी जितेंद्र सिंह, इंडियन डेमोक्रेटिक रिपब्लिकन फ्रंट के अध्यक्ष पास्टर डॉ. क्रिस्टोफर, पादरी संजय मैगी आदि ने दिल्ली में सुप्रीमकोर्ट के कई अधिवक्ताओं से मुलाकात की और याचिका दायर करने का निर्णय लिया। महासभा के महामंत्री ने बताया कि दिल्ली से वापस आकर कानपुर में पादरियों के साथ बैठक कर ये फैसला लेंगे कि किस दिन सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर की जाए।
12 परिवारों ने अपनाया ईसाई धर्म
मुरादाबाद में नागफनी की सैनी बस्ती में रहने वाले सैनी समाज के 12 परिवारों ने धर्म परिवर्तन कर ईसाई धर्म अपना लिया। इस पर सैनी समाज के लोगों ने धर्मशाला में पंचायत करके सभी परिवारों का बहिष्कार कर दिया है। साथ ही इनसे संबंध रखने वालों पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी तय किया है। इतना ही नहीं कालोनी की दुकानों से राशन और दूध तक इनको देने पर प्रतिबंध लगा दिया है। पंचायत की इस चेतावनी के बाद चार परिवार बैकफुट पर आए और पुन: सैनी समाज को अपना लिया। मामले में एसएसपी ने भी खुफिया विभाग से रिपोर्ट मांगी है। दरअसल नागफनी इलाके की सैनी बस्ती में केवल सैनी समाज के लोग रहते हैं। इनमें से कुछ परिवार मसीह समाज की दुआ प्रार्थना में शामिल होने जाने लगे। धीरे-धीरे इन्होंने अपने रीति रिवाज और पूजा पाठ बंद कर दिए। घर से भगवान की फोटो और मूर्तियां तक हटा दीं। इसकी जानकारी बिरादरी को हुई तो ऐसे परिवारों को समझाने का प्रयास किया गया पर बात नहीं बनी।
पंचायत के समझाने पर भी नहीं माने
मामले के तूल पकड़ने पर सैनी समाज के बबलू सैनी और लाला सैनी ने जिलाध्यक्ष सीपी सिंह के नेतृत्व में पंचायत हुई। पंचायत में ईसाई धर्म अपनाने वाला परिवारों ने पंचायत की बात मानने से इन्कार कर दिया, जिसके बाद पंचायत ने इन परिवारों का पूर्ण सामाजिक बहिष्कार का निर्णय सुनाया। पंचायत में तय किया गया कि यदि बस्ती का कोई भी इनसे वास्ता रखता है तो उसे पांच हजार रुपये जुर्माना भुगतना पड़ेगा। पंचायत के निर्णय को बाकी सैनी समाज के लोगों ने स्वीकार किया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुरादाबाद जे रविन्दर गौड ने बताया कि ईसाई धर्म अपनाने की जानकारी मिली है। कोई लिखित में शिकायत करता है तो जांच कराकर कार्रवाई करेंगे।