सिख विरोधी दंगा : युवक और रिश्तेदार की हत्या कर जला दिए थे शव, अब शुरू हुई विवेचना
कानपुर शहर में सिख विरोधी दंगे के समय में एक परिवार के युवक व रिश्तेदार की हत्या कर शव जला दिए गए थे। उस समय घायल हुए लोगों के पंजाब में रहने की जानकारी पर एसआइटी ने विवेचना की अनुमति मांगी थी।
कानपुर, जेएनएन। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगे के एक और मुकदमे की विवेचना एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) ने शुरू की है। एक दिन पहले सुबूत जुटाकर टीम ने कोर्ट से अनुमति मांगी थी। इस वारदात में एक परिवार के युवक व उसके रिश्तेदार की हत्या कर दंगाइयों ने शव जला दिए थे। इस मुकदमे के साथ ही अब कुल 19 मामले विवेचनाधीन हैं।
एसआइटी के मुताबिक नौबस्ता थानाक्षेत्र के किदवईनगर के ब्लॉक क्षेत्र में एक नवंबर 1984 को यह वारदात हुई थी। इसमें सरदार पुरुषोत्तम सिंह के घर पर दंगाइयों ने हमला कर दिया था। उनके भाई सरदूल सिंह और दबौली निवासी एक रिश्तेदार गुरुदयाल सिंह को लाठी, डंडे व सरिया से पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया था। हमले में पुरुषोत्तम समेत परिवार के सात लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस दौरान पुलिस फोर्स व पीएसी के आने पर उनकी जान बच सकी थी।
एसआइटी के एसपी बालेंदु भूषण ने बताया कि पुरुषोत्तम सिंह ने यह मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन सुबूत व गवाहों के अभाव में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। पिछले दिनों जांच के दौरान पता लगा कि उस वारदात में घायल हुए कुछ लोग पंजाब में रह रहे हैं। तब उनसे बात करके मुकदमे की अग्रिम विवेचना की अनुमति मांगी गई। कोर्ट से अनुमति मिलते ही विवेचना शुरू कर दी गई है। जल्द ही घायलों व चश्मदीदों के कोर्ट में बयान कराए जाएंगे। इसके आधार पर आरोपितों के नाम सामने आएंगे।