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श्वेता हत्याकांड : चेहरा नहीं कैमरे में कैद हुए थे जूते, फिर इस तरह हत्यारोपित तक पहुंची पुलिस

रुमाल से चेहरा छिपाकर अपार्टमेंट में घुसा था सौरभ पड़ोसी का सीसीटीवी कैमरा बना पर्दाफाश की अहम कड़ी रोहित से सामना होते ही टूट गया आरोपित।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 11:38 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 09:23 AM (IST)
श्वेता हत्याकांड : चेहरा नहीं कैमरे में कैद हुए थे जूते, फिर इस तरह हत्यारोपित तक पहुंची पुलिस
श्वेता हत्याकांड : चेहरा नहीं कैमरे में कैद हुए थे जूते, फिर इस तरह हत्यारोपित तक पहुंची पुलिस

कानपुर, जेएनएन। अपराधी चाहे जितना शातिर हो, कोई न कोई सुराग जरूर छोड़ ही जाता है। कानपुर की बेटी श्वेता और उसके 21 माह के मासूम बेटे श्रेयम की हत्या के पर्दाफाश में हत्यारोपित सौरभ ने पहचान छिपाने के तमाम जतन किए। रुमाल से चेहरा ढककर अपार्टमेंट में घुसा, लेकिन सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए उसके जूतों ने चेहरा बेनकाब कर दिया।

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हत्या के लिए क्यों चुना था सात जनवरी का दिन

जयपुर पुलिस सूत्रों के मुताबिक रोहित तिवारी ने अपने दोस्त हरी सिंह और उसके साले सौरभ के साथ मिलकर तीन जनवरी को मां-बेटे की हत्या का तानाबाना एयरपोर्ट के पास एक होटल में बुना। सात जनवरी का दिन इसलिए मुकर्रर किया गया, क्योंकि उस दिन रोहित के कार्यालय में लगातार बैठकें थीं और इसके जरिए वह आसानी से साबित कर सकता था कि हत्या के समय वह कार्यालय पर था और उसका इससे कोई संबंध नहीं है।

बाइक से दोपहर में सौरभ पहुंचा था रोहित के घर

सौरभ का रोहित के घर पहले से आना-जाना था। वह बाइक लेकर दोपहर दो बजे जयपुर के प्रतापनगर इलाके में स्थित यूनिक अपार्टमेंट पहुंचा। प्लानिंग के हिसाब से उसने रुमाल से अपना चेहरा अच्छी तरह से ढक लिया था, लेकिन आइ ब्लॉक में इंट्री करते ही सौरभ एक पड़ोसी के घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल के दौरान पुलिस को कातिल का चेहरा तो देखने को नहीं मिला, लेकिन उसके जूतों ने राज खोलने में अहम किरदार निभाया।

फिरौती वाले एसएमएस ने पुलिस को दिया अहम सुराग

पुलिस अब तक खाली हाथ थी, लेकिन इसी बीच रोहित के मोबाइल पर 30 लाख के फिरौती वाले एसएमएस ने पुलिस को नई राह दिखाई। सर्विलांस के आधार पर पता चला कि यह मैसेज सांगानेर से किए हैं। लोकेशन के आधार पर पुलिस तलाशते हुए सौरभ के घर पहुंच गई। पुलिस अभी सौरभ के घर के अंदर नहीं घुसी थी कि बाहर रखे जूतों ने जांच में जुटी टीम की आखों की चमक बढ़ा दी। कारण कि जो शख्स सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ था, उसने भी ठीक वैसे ही जूते पहन रखे थे। पुलिस के सौरभ को पकड़ा और उसे लेकर थाने पहुंची। हिरासत में रोहित से जब सौरभ का आमना-सामना हुआ तो रोहित ने एक और नाटक खेला। वह चिल्ला पड़ा, 'तुमने ही मेरी पत्नी और बेटे को मारा है'। फिर क्या था सौरभ ने सारी कहानी उगल दी। सच्चाई सामने आने के बाद रोहित भी टूट गया और अपना जुर्म कबूल कर लिया।

तीन दिन की रिमांड पर दोनों हत्यारोपित, हरी सिंह भी हिरासत में

दोहरे हत्याकांड में गिरफ्तार रोहित और सुपारी किलर सौरभ उर्फ राजसिंह चौधरी को जयपुर पुलिस ने शनिवार को कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने आरोपितों से पूछताछ और वारदात में प्रयुक्त मोबाइल व सिम की बरादमगी के लिए अदालत से तीन दिन की रिमांड मांगी। कोर्ट ने दोनों आरोपितों को 13 जनवरी तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया। दूसरी ओर पुलिस ने हत्याकांड की साजिश में शामिल रोहित के जिगरी दोस्त हरी सिंह को भी हिरासत में ले लिया। श्वेता के घर वालों ने बताया कि ये जानकारी पुलिस ने दी है। गौरतलब है कि हरी सिंह ने हत्या के लिए सौरभ का नाम सुझाया था। उसने कहा था कि सौरभ खुद हत्या कर सकता है, नहीं तो किसी से करवा भी सकता है।

दहेज के पचड़े में न फंसे, इसलिए सात साल किया इंतजार

श्वेता के भाई शुभम् ने बताया कि जब साल 2013 में बहन व बहनोई के बीच झगड़ा हुआ था तो उनके बीच समझौता करा दिया गया था। इसके बाद वह अक्सर बहन से कहता था कि दहेज के कानूनी प्रावधानों से बचने के लिए वह सात साल इंतजार करेगा। सात साल पूरे हुए तो श्रेयम पैदा हो गया। कुछ दिन वह बच्चे के मोह में फंसा लेकिन आखिर में उसने सब कुछ खत्म करने का फैसला ले लिया।

ननदोई ने छह जनवरी को दी थी धमकी

श्वेता के पिता सुरेश कुमार मिश्रा ने बताया कि छह जनवरी को रोहित की बहन मीनाक्षी के पति कानपुर निवासी और नोएडा में कार्यरत रजनीश द्विवेदी का फोन आया था। रजनीश ने फोन पर उन्हें धमकी दी थी। उन्होंने कहा कि जयपुर पुलिस को जांच में रोहित के परिजनों को भी आरोपित बनाना चाहिए। उनके बहकावे में आकर ही रोहित ने हत्याकांड कराया।  


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