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प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल बोले- भाजपा के खिलाफ छेड़ा है धर्मयुद्ध, सपा के लिए अभी भी दरवाजे खुले

मथुरा से परिवर्तन यात्रा लेकर निकले प्रसपा के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने सैफई में रात्रि विश्राम किया और सुबह रवानकी से पहले पत्रकार वार्ता में कहा कि नेताजी से 40 साल तक चरखा दांव हमने भी सीखा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 01:21 PM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 01:21 PM (IST)
प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल बोले- भाजपा के खिलाफ छेड़ा है धर्मयुद्ध, सपा के लिए अभी भी दरवाजे खुले
इटावा के सैफई में पत्रकारों से मुखातिब हुए शिवपाल सिंह यादव।

इटावा, जेएनएन। प्रसपा के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि सूबे में अनाचार अत्याचार के खिलाफ अपना धर्मयुद्ध छेड़ दिया है और इस महाभारत में गरीब मजदूर किसानों के अलावा नौजबानों को अपना सारथी बनाने का प्रयास कर रहे हैं। क्योंकि पूर्व काल की बजाय मौजूदा समय में बटन दबाते ही सरकारें चली जाती हैं और दूसरी बन जाती हैं। गुरुवार को प्रसपा की सामाजिक परिवर्तन यात्रा के सैफई के एसएस मैमोरियल स्कूल में रात्रि विश्राम के बाद आगे की यात्रा शुरू करने से पहले उन्होंने पत्रकारों से वार्ता की।

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वार्ता में प्रसपा के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने साफ किया कि सूबे में सरकार का इकबाल बुलंद नहीं है और काम करने वाले अफसरों एवं कर्मचारियों में किसी तरह का भय नहीं है, विना भ्रष्टाचार के कोई काम नहीं कर रहे हैं। कहा, भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए सूबे में एक बड़े दल के नीचे सभी समान विचार धारा वाली पार्टियों को एकत्रित होने की जरूरत है और इसके लिए वह लगातार दो साल से प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी तथा भ्रष्टाचार के कारण पूरे देश में जनता कराह रही है। अब समय की मांग है कि भाजपा को हटाने के लिए सभी एकजुट हो जाएं। एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि पहली प्राथमिकता समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने की है और इसके लिए डेट लाइन निकलने के बाद भी उनके दरवाजे अभी बंद नहीं हुए हैं। राजनीति में संभावनाएं कभी खत्म नहीं होती हैं, बातचीत का दौर खुला रखना चाहिए। अभी तो चुनाव में पांच महीने का समय है, हमारा अभी भी समाजवादी पार्टी के लिए प्रयास पहली प्राथमिकता है।

हमने भी नेताजी से सीखा है चरखा दांव

उन्होंने कहा कि नेताजी मुलायम सिंह यादव के साथ 40 साल तक रहकर राजनीतिक महाभारत के बारे में बहुत कुछ सीखा है। जब नेताजी चरखा दांव चलाते थे, वह भी हमने सीखा है। इसीलिए हमने भगवान श्रीकृष्ण के यहां से पूजा करके मांगा है कि हमारा चरखा दांव चल जाए। उन्होंने कहा कि नेताजी तो रूठे कार्यकर्ता को मनाने के लिए घर तक चले जाते थे। कार्यकर्ता के लिए ही नहीं बल्कि वे विरोधियों को भी अपने साथ मिला लेते थे तो इसमें बुराई ही क्या है।

श्रीराम जन्म भूमि पर करेंगे यात्रा का समापन

शिवपाल ने कहा कि पहले भी एक नोट और वोट की बात कहते आये हैं, इसमें कुछ नया नहीं है बल्कि इस नोट और वोट की समय आने पर पूरी कीमत जनता को चुकाते हैं। महंगाई कमर तोड़ रही है और भ्रष्टाचार के रिकार्ड बन रहे हैं, आज किसान ही नहीं मजदूर नौजवान और हर वर्ग के लोग हैरान हैं। भाजपा ने सिर्फ कुछ पूंजीपतियों को ही फायदा पहुंचाया है, वे कौन हैं यह पूरा देश जानता है। कहा, इस बार राजनीतिक महाभारत में भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए कम एक बड़ी प्रमुख पार्टी के साथ सभी छोटी पार्टियों को आना होगा। वंशज भगवान श्रीकृष्ण के दरवाजे पर उनसे आशीर्वाद लेकर सामाजिक परिवर्तन यात्रा पर निकले हैं और भगवान श्रीराम की जन्म भूमि अयोध्या में जाकर समापन करेंगे। यह हमारी परिवर्तन रथ यात्रा सत्ता परिवर्तन के लिए निकली है।


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