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बीवी-बच्चों से लिपटकर खूब रोए शमसुद्दीन, बोले-पाकिस्तान में भारतीयों के साथ होता दुश्मनों जैसा सुलूक

पाकिस्तान से 28 साल बाद जेल से रिहाई मिलने पर अपने वतन की सरजमीं लौट शम्सुद्दीन का मोहल्ले के लोगों ने स्वागत किया स्वजन के गले लगकर खुशी में काफी देर रोते रहे। बोले-जीवन भर याद रहेगी ये दीपावली।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 12:26 PM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 12:26 PM (IST)
बीवी-बच्चों से लिपटकर खूब रोए शमसुद्दीन, बोले-पाकिस्तान में भारतीयों के साथ होता दुश्मनों जैसा सुलूक
पाकिस्तान से घर लौटकर स्वजन से मिलते शमसुद्दीन।

कानपुर, जेएनएन। पाकिस्तान से 28 साल बाद आखिर शमसुद्दीन अपनी सरजमीं कानपुर पहुंच ही गए। उनके घर आते ही स्वजन और मोहल्ले वालों ने गर्मजोशी से स्वागत किया और फूलों की माला पहनायी। घर वालों को शम्सुद्​दीन के रूप में दीपावली का तोहफा मिला तो चेहरे खिले नजर आए। घर पहुंचने पर स्वजन से गले मिलकर पहले तो अपार खुशी में वे खूब रोए फिर बोले-पाकिस्तान जाकर बहुत बड़ी गलती कर दी, अपना देश ही सबसे प्यारा है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में मुहाजिरों (भारत से जाकर वहां बसे लोग) के साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया जाता है, भारतीयों के साथ दुश्मनों वाला सुलूक होता है।

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28 साल के बाद लौट सके घर

कानपुर में कंघीमोहाल के रहने वाले शमसुद्दीन वर्ष 1992 में 90 दिन का वीजा लगवाकर अपने एक परिचित के साथ पाकिस्तान चले गए थे और फिर वर्ष 1994 में पाकिस्तान की नागरिकता मिलने पर वहीं बस गए थे। कुछ सालों के बाद वर्ष 2012 में पाकिस्तान सरकार ने जासूसी का आरोप लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था और करांची की लाडी जेल में बंद कर दिया था।

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आठ साल बाद रिहाई मिली तो उन्होंने अपने वतन की राह पकड़ी। पूरे 28 साल के बाद उनकी अपने वतन वापसी हुई और अमृतसर तक छोड़ा गया। कानपुर से उनके भाई मिलने के लिए अमृतसर गए और प्रशासन से जल्द घर भिजवाने की गुहार लगाई। सभी प्रशासनिक और सुरक्षा प्रक्रियाएं पूरी हाेने के बाद कानपुर पुलिस की टीम उन्हें लाने अमृतसर गई थी। दीपावली के दूसरे दिन पुलिस टीम शम्सुद्​दीन को लेकर शहर आ गई।

थाना बजरिया में क्षेत्राधिकारी ने माला पहनाकर और मुंह मीठा कर उनका स्वागत किया। इस दौरान शम्सुद्दीन की आंखों से आंसू बहने लगे, उन्होने कहा कि यह दीपावली उनके लिए जीवन भर यादगार रहेगी। इसके बाद पुलिस उन्हें कंघी मोहाल स्थित घर ले गई। शम्सुद्दीन के आने को लेकर पहले ही मोहल्ले में लोग एकत्र थे। भीड़ ने उन्हें घेर लिया और फूल माला पहनाकर गले मिले। वर्षो बाद घर वापस आने की मुबारकबाद दी गई। घर में इंतजार कर रही बेटियां व परिवार के सदस्य शम्सुद्दीन से गले मिलकर रोने लगे।

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शम्सुद्दीन ने बताया कि पाकिस्तान में भारतीयों के साथ बहुत बुरा बर्ताव होता है। उनके साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार होता है। पाकिस्तान में रिश्वतखोरी व हरामखोरी बहुत। उन्होने कहा कि वीजा अवधि खत्म होने के बाद दोनों देशों में फसें लोगों को घर वापस जाने की सहूलियत दी जाए। उन्होने कहा कि दीपावली पर घर वापस आने का तोहफा मिला है इसे जिंदगी भर याद रखेंगे।

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