चर्चित शिवम हत्याकांड के सभी सात अभियुक्तों को आजीवन कारावास, जानिए किस तरह किया था कत्ल Kanpur News
दस साल पहले वैन से अगवा करने के दो दिन बाद चाकू से गला रेतकर पांडु नदी में फेंक दिया था शव।
कानपुर, जेएनएन। शहर के बहुचर्चित शिवम हत्याकांड में गुरुवार को अपर सत्र न्यायाधीश विकास गुप्ता ने सभी सात आरोपितों को उम्रकैद की सजा सुनाई। न्यायालय ने आरोपितों पर 40-40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। हत्यारों ने पिता से बात कराने के बाद किशोर का गला रेत दिया था।
नौबस्ता थानाक्षेत्र के हंसपुरम आवास विकास निवासी प्रदीप बाजपेयी के 17 वर्षीय पुत्र शिवम का 17 अगस्त 2009 की दोपहर 2.30 बजे वैन सवार सात युवकों ने अपहरण कर लिया था। अपहर्ताओं ने उसी दिन स्वजनों से पांच लाख रुपये की फिरौती मांगी थी और रुपये तैयार रखने को कहा था। 18 अगस्त को अपहर्ताओं ने प्रदीप को घाटमपुर और फिर रमईपुर बुलाया लेकिन फिरौती की रकम लेने नहीं आए। शिवम को दो दिनों तक अखिलेश अवस्थी के घर पर रखा गया। इस दौरान उसे नशीला इंजेक्शन दिया जाता था। 19 अगस्त की रात 8.30 बजे अपहर्ताओं ने शिवम की पिता से फोन पर बात कराई।
फोन पर शिवम ने कहा था कि पांडु नदी के किनारे खड़े हैं। इनसे डर लग रहा है। पापा मुझे बचा लो। फोन पर बात कराने के बाद आरोपितों ने चाकू से गला रेतकर उसकी हत्या कर दी और शव पांडु नदी में फेंक दिया था। घटना स्थल से तीन-चार किमी दूर शिवम का शव मिला था। सहायक शासकीय अधिवक्ता सरला गुप्ता ने बताया कि मामले में कुल 11 गवाह थे लेकिन चश्मदीद गवाह राकेश बाजपेयी और भदही प्रसाद की गवाही अहम रही। वादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता सतेंद्र अवस्थी, बीडी मिश्र और ऋषि मिश्र ने आरोपितों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की।
सजा से पहले खूब हुए कानूनी दांव पेंच
न्यायालय ने 24 अक्टूबर को सभी आरोपितों को दोषी करार दे दिया था। गुरुवार को सजा के बिंदु पर बहस होनी थी, इससे पहले ही आरोपित पक्ष के अधिवक्ताओं ने प्रार्थना पत्र देकर अनुरोध किया था कि आरोपितों के अंतिम बयान में कुछ चीजें रह गई हैं। अभियोजन से सरला गुप्ता, सतेंद्र अवस्थी ने तर्क दिया कि आरोपितों के अंतिम बयान वर्ष 2018 में हो गए थे। इतना अधिक समय बीत गया और इस दौरान कभी बचाव पक्ष को तथ्य जुड़वाने की याद नहीं आई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने बचाव पक्ष का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। जिस पर बचाव पक्ष ने एक और प्रार्थना पत्र देकर रिवीजन करने का समय मांगा। इसे भी न्यायालय ने खारिज कर दिया।
हत्या और अपहरण में इन्हे हुई सजा
-अमित यादव, आवास विकास हंसपुरम
-संजय यादव, आवास विकास हंसपुरम
-संजय यादव, कल्याणपुर फतेहपुर
-छोटे सिंह उर्फ कांती, दलनपुर हंसपुरम
- कुलदीप, राजीव बिहार बिधनू
- अखिलेश अवस्थी, हंसपुरम
- सुनील परिहार, हंसपुरम
-अमित यादव, संजय यादव, अखिलेश अवस्थी और संजय यादव को आम्र्स एक्ट के तहत दोषी पाते हुए तीन वर्ष और दो-दो हजार रुपये जुर्माने से भी दंडित किया गया।
302 (हत्या) : सभी को उम्रकैद, 20 हजार रुपये जुर्माना
364 (अपहरण) : सभी को उम्रकैद, 20 हजार रुपये जुर्माना