स्मृति शेष: बिक्री कर नहीं हटा तो सड़कों पर खून बहेगा... कहकर अटल सरकार में भाजपा सांसद श्याम बिहारी ने दिया था धरना
Senior BJP Leader Shyam Bihari Mishra News बाबू बनारसी दास के मुख्यमंत्रित्व काल में श्याम बिहारी ने बिक्री कर के खिलाफ आंदोलन चलाया। उन्होंने नारा दिया कि बिक्री कर नहीं हटा तो सड़कों पर खून बहेगा। एक आंदोलन में व्यापारी जेल में बंद थे।
कानपुर, जेएनएन। Senior BJP Leader Shyam Bihari Mishra News परास्नातक कर परिवार के गल्ले के व्यापार में हाथ बंटाने के लिए बैठे श्याम बिहारी मिश्रा को बिक्री कर विभाग के सर्वे का व्यापारियों के बीच खौफ समझ आया। उनके खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई तो वहीं से वह व्यापारियों के नेता भी बन गए।
कानपुर उद्योग व्यापार मंडल के प्रभारी राजेंद्र शुक्ल के मुताबिक जिस समय वह पढ़ाई पूरी करने के बाद आढ़त पर बैठे तो उन्होंने देखा कि बिक्री कर के सर्वे छापे के डर से व्यापारी दुकानें बंद कर चले जाते थे। जिस दिन बिक्री कर की टीम उनकी दुकान पर गई तो उन्होंने विरोध कर दिया और टीम को लौटना पड़ा। यहीं से वह गल्ला व्यापारियों के नेता हो गए।
बिक्री कर के विरुद्ध किए आंदोलन ने दी राष्ट्रीय पहचान: पूर्व सांसद श्याम बिहारी मिश्रा डीएवी काॅलेज से पढ़कर निकले थे और कोपरगंज में चाचा नेहरू अस्पताल के सामने उनकी आढ़त थी। यहां से वह आगे बढ़े तो विश्वम्भर दयाल अग्रवाल के साथ जुड़े। इसके बाद वाराणसी में उप्र उद्योग व्यापार मंडल की नींव रखी गई। बाबू बनारसी दास के मुख्यमंत्रित्व काल में उन्होंने बिक्री कर के खिलाफ आंदोलन चलाया। उन्होंने नारा दिया कि बिक्री कर नहीं हटा तो सड़कों पर खून बहेगा। एक आंदोलन में व्यापारी जेल में बंद थे। दीपावली का मौका था, लेकिन श्याम बिहारी बाहर निकलने को राजी नहीं थे। उन्होंने घोषणा की कि जो व्यापारी बंद हैं, उनकी पत्नियां भी गिरफ्तारी देंगी। इसके बाद शासन ने सभी को जेल से रिहा किया। इस आंदोलन ने उन्हें प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर का नेता बना दिया। उन्होंने अटल जी की सरकार में वैट के खिलाफ खुद भाजपा सांसद होते हुए तीन दिन धरना दिया था।
पार्टी ने बुलाकर दिया था टिकट: कानपुर उद्योग व्यापार मंडल अनुशासन समिति के चेयरमैन नीरज दीक्षित के मुताबिक श्याम बिहारी मिश्रा व्यापारी नेता थे। वह खुद भाजपा से टिकट नहीं लेने गए थे, पार्टी ने उन्हें बुलाकर टिकट दिया था। उस समय बिल्हौर में पार्टी का प्रभाव नहीं था, लेकिन श्याम बिहारी मिश्रा ने उस क्षेत्र को भाजपा का गढ़ बनाया। श्याम बिहारी मिश्रा 1984 में उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष बने और 37 वर्ष तक अध्यक्ष रहे। स्वामी परमानंद ने गंगा को घाटों पर लाने के लिए जब आंदोलन चलाया तो श्याम बिहारी मिश्रा उसमें कानपुर के प्रमुख रहे। पार्टी को श्याम बिहारी मिश्रा ने एक मजबूत गढ़ दिया, लेकिन उनके अंतिम समय में उनकी उपेक्षा भी खूब हुई। नर्सिंगहोम में भर्ती होने के लिए अनुमति पत्र पाने तक के लिए जूझना पड़ा। अंतिम वक्त की मुश्किल घड़ी में संगठन उनके साथ नहीं खड़ा हुआ।