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पेंट उद्योग के क्षेत्र में हैं अपार संभावनाएं

जागरण संवाददाता, कानपुर: 'पेंट उद्योग के क्षेत्र में छात्र-छात्राओं को आगे आना चाहिए। यहां अपार सं

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Mar 2018 01:45 PM (IST)Updated: Sun, 18 Mar 2018 01:45 PM (IST)
पेंट उद्योग के क्षेत्र में हैं अपार संभावनाएं
पेंट उद्योग के क्षेत्र में हैं अपार संभावनाएं

जागरण संवाददाता, कानपुर: 'पेंट उद्योग के क्षेत्र में छात्र-छात्राओं को आगे आना चाहिए। यहां अपार संभावनाएं हैं। इसके अलावा छात्र-छात्राएं स्टार्टअप के माध्यम से अपना उद्योग भी स्थापित कर सकते हैं।' शनिवार को यह बातें पेंट के क्षेत्र से जुड़े तमाम विशेषज्ञों ने कहीं। मौका था हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय(एचबीटीयू) में पेंट टेक्नोलॉजी विभाग की ओर से आयोजित दो दिवसीय पैक्ट विजन राष्ट्रीय सेमिनार का। जिसका विषय था - एक्सपेंडिंग होरीजन इन सर्फेस कोटिंग। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की ओर से पेंट के क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करने वालों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। इनमें 1948 बैच के एएस खन्ना, 1956 बैच के केएल माथुर, 1958 बैच के एसके श्रीवास्तव, 1961 बैच के एमएस सक्सेना, 1964 बैच के जीएन तिवारी शामिल रहे। इसके अलावा 1963 बैच के दिवंगत एस चंद्रा को मरणोपरांत सम्मान दिया गया, जो उनकी बेटी शालू चंद्रा ने प्राप्त किया। पेंट टेक्नोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पीके कमानी ने कहा कि कार्यक्रम में कई विशेषज्ञों ने पेंट से जुड़े तमाम विषयों पर अपने विचार रखे। यहां मुख्य रूप से कुलपति प्रोफेसर एनबी सिंह, विशिष्ट अतिथि एमआर हुलयलकर, कुलसचिव प्रोफेसर करुणाकर सिंह, डा.रचना अस्थाना, डा.एससी श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

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इन विषयों पर रखे विचार:

- आर्गेनाइजेशन कल्चर एंड स्ट्रेटजी एक्जीक्यूशन- उमेश सिंह, हेंपल पेंट्स सिंगापुर

- न्यू फ्यूचर पेंट टेक्नोक्रेट्स- गुनेंद्र सिंह, शेरविन विलियम्स बेंगलुरु

- ग्राफिन एंड कॉर्बन नैनो ट्यूब बेस्ड कोटिंग्स: अजय चौरसिया, एशियन पेंट्स नवीं मुंबई

- ओवेंस यूज्ड इन पेंट शॉप्स: दुर्गेश सोनी, जीईटी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड मानेसर

- पाउडर ऑन प्लास्टिक: रचना सिंह, जॉन डेरे इंडिया प्राइवेट लिमिटेड

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वाटरबेस मैटीरियल का है जमाना:

जोधपुर में मरुधर पेंट्स का काम करने वाले केएल माथुर ने कहा मौजूदा समय में पेंट के क्षेत्र में वाटरबेस मैटीरियल का जमाना है। इसके अलावा ऐसे साल्वेंट्स इस्तेमाल हो रहे हैं, जिनकी महक तेज नहीं है। यही नहीं जो पिंगमेंट लिए जा रहे हैं, वह पूरी तरह से लेडफ्री हैं। बोले लोगों में कम लागत में बेहतर गुणवत्ता के पेंट की डिमांड बहुत ज्यादा है।

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पेंट से बनेगी एनर्जी

ऐसी तकनीक बन चुकी है, जिसके उपयोग से पेंट द्वारा एनर्जी तैयार हो सकेगी। शनिवार को यह जानकारी के टेक इंडिया लिमिटेड के सीएमडी व पैक्ट के अध्यक्ष डा.एससी श्रीवास्तव ने दी। उन्होंने कहा आज पेंट का उपयोग जिंदगी के हर कदम पर होने लगा है। चाहे वह मोबाइल का सिम हो, या डिजीटल व‌र्ल्ड से जुड़ी कोई वस्तु। उन्होंने कहा हर साल पेंट के क्षेत्र में पांच फीसद जीडीपी बढ़ती है।


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