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सुसाइड नोट में खुद को ठहराया मौत का जिम्मेदार

पुलिस और फोरेंसिक टीम ने परिवारीजनों के साथ एक घंटे तक खंगाला डॉ. मनीषा का कमरा, सुसाइड नोट में लिखा 'मैं थक गई हूं, अब स्ट्रगल नहीं हो पा रहा' और लगा लिया इंजेक्शन

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 01:40 AM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 01:40 AM (IST)
सुसाइड नोट में खुद को ठहराया मौत का जिम्मेदार
सुसाइड नोट में खुद को ठहराया मौत का जिम्मेदार

जागरण संवाददाता, लखनऊ : 'मैं थक गई हूं, अब स्ट्रगल नहीं हो पा रहा है। मेरी मौत का कोई जिम्मेदार नहीं है। सॉरी पापा आइ लव यू।' यह अंश है डॉ. मनीषा द्वारा मौत से पहले लिखे गए सुसाइड नोट का। माना जा रहा है कि इसी के बाद उसने बेहोशी का इंजेक्शन लगाया था। बुधवार को कमरे की पड़ताल के दौरान पुलिस ने इसे बरामद किया।

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इंस्पेक्टर वजीरगंज पंकज सिंह बुधवार दोपहर फोरेंसिक टीम और मनीषा के माता-पिता व बहन के साथ बुद्धा हॉस्टल डी ब्लाक के कमरा नंबर 309 में पहुंचे। टीम ने घंटे भर तक कमरे को खंगाला। यहां टेबल पर एक सुसाइड नोट मिला उसके ऊपर पेन रखा था। टीम को कमरे से दो वेक्यूरेनियम इंजेक्शन, एक इंजेक्शन वॉटर भी मिला। टीम ने मनीषा का लैपटॉप और डायरी समेत सारा सामान कब्जे में ले लिया है। कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिग भी की गई है। इंस्पेक्टर के मुताबिक डायरी और सुसाइड नोट की हैंड राइटिंग मिलाई जाएगी।

डॉ. मनीषा ने लगाया था एक इंजेक्शन

इंस्पेक्टर वजीरगंज के मुताबिक कमरे में दो वेक्यूरेनियम इंजेक्शन मिले हैं। इसमें एक भरा था, जबकि दूसरा खाली था। एक प्रयोग किया हुआ सी¨रज मिला है, पर निडिल मौके से नहीं मिली। माना जा रहा है कि मनीषा ने खुद ही इंजेक्शन लगाया था। 'जिंदगी से ऊब चुकी हूं मन करता है आत्महत्या कर लूं '

भागदौड़ की जिंदगी से ऊब चुकी हूं। कभी-कभी मन करता है कि आत्महत्या कर लूं। यह बात डॉ. मनीषा ने फेसबुक और वाट्सएप ग्रुप पर अपने दोस्तों से शेयर की थी। दोस्तों ने काफी समझाया भी था। यह बात डॉ. मनीषा के वाट्सएप और फेसबुक की पड़ताल के बाद सामने आई। बुधवार को लखनऊ के एएसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि व्यापमं घोटाले के केस को लेकर वह बहुत तनाव में थी। चैट के दौरान मनीषा ने अपने दोस्तों से यह भी कहा था कि अक्सर कोर्ट केस के चलते उसे ग्वालियर जाना पड़ता है। भाग दौड़ की जिंदगी से परेशान हो चुकी हूं।

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परिवारीजन के दर्ज हुए बयान, नहीं पहुंचे डॉ. ऊधम

इंस्पेक्टर वजीरगंज ने बताया कि बुधवार को डॉ. मनीषा के पिता रमेश चंद्र विद्यार्थी और उनकी बहन दीपा के बयान दर्ज किए गए। मामले में आरोपित डॉ. ऊधम सिंह को बयान देने नहीं पहुंचे।

दीदी मुझे किसी ने प्रपोज किया है..

केजीएमयू में जूनियर रेजीडेंट थ्री डॉ. मनीषा शर्मा ने शुक्रवार रात साढ़े सात बजे बड़ी बहन दीपा शर्मा को फोन कर बताया था कि दीदी मुझे किसी ने प्रपोज किया है। यह कहना है उसकी बड़ी बहन दीपा का। बकौल दीपा, मैंने पूछा कि वह कौन लड़का है? बोली डॉ. उधम सिंह। वह यूरो सर्जरी में सीनियर रेजीडेंट है और चंदौली का रहने वाला है। मैंने पूछा, उसने फैमली वालों से बात कर ली, तो डॉ. मनीषा ने बताया कि नहीं दीपावली पर घर जाएगा तो करेगा। मैंने कहा कि तुम्हें पसंद है तो ठीक ही होगा। इस पर डॉ. मनीषा बोली कि अभी पहले अक्टूबर में हो रहे एमएस अंतिम वर्ष का इम्तिहान पास कर लूं। फिर आगे बात होगी। दीपा के मुताबिक शुक्रवार रात मनीषा से कई बार बात हुई। शनिवार सुबह वह ड्यूटी पर थी और कहा था कि शाम को बात करेंगे फिर उसका फोन नहीं आया। शनिवार को रात साढ़े आठ बजे डॉ. उधम सिंह का फोन आया और उसने बताया कि मनीषा से झगड़ा हो गया और उसने बेहोशी की दवा का इंजेक्शन लगा लिया है। दीपा का कहना है कि डॉ. मनीषा की डॉ. उधम से पहले किसी लड़के से जान-पहचान नहीं थी। इस घटना के लिए डॉ. उधम सिंह ही जिम्मेदार है। उसी ने प्रताड़ित किया है।

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डॉ. उधम को बचा रही पुलिस

दीपा का आरोप है कि व्यापमं के नाम पर पुलिस डॉ. उधम सिंह को बचा रही है। व्यापमं में तो नाम 2015 में आया था। अगर मनीषा को ऐसा कदम उठाना होता तो कब का उठा चुकी होती।

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सीएम से मिलकर लगाएंगे न्याय की गुहार

डॉ. मनीषा के पिता रमेश चंद्र विद्यार्थी ने कहा कि हम जल्द ही सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलकर इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे। ताकि आरोपी डॉ. उधम सिंह को सख्त सजा मिले।

दवा लेने आए थे, दर्द लेकर जा रहे

डॉ. मनीषा के पिता रमेश चंद्र विद्यार्थी ने बताया कि बेटी मेरा गठिया और अपनी मां के पैर दर्द का इलाज करवा रही थी। गत 10 अक्टूबर को उसने हम दोनों को बुलाया था, मुझे कोर्ट के काम से बाहर जाना था, इसलिए नहीं आ पाए। हमने उससे कहा था कि अगले बुधवार यानी 17 तारीख को आएंगे। मगर, देखिए किस काम के लिए आए हैं। दवा की जगह दर्द लेकर जा रहा हूं।

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बड़ी बहन इंजीनियर, छोटा भाई एमबीबीएस छात्र

पिता रमेश चंद्र विद्यार्थी ने बताया कि पांच भाई-बहनों में डॉ. मनीषा चौथे नंबर पर थी। बड़ा भाई सुधीर खेती करता है, उससे छोटी दीपा शर्मा गृहणी है। तीसरे नंबर पर रश्मि है जो आर्किटेक्चर की पढ़ाई करने के बाद मल्टी नेशनल कंपनी में काम कर रही है। चौथे नंबर पर मनीषा थी जो एमबीबीएस करने के बाद केजीएमयू से एमएस कर रही थी और पांचवें नंबर पर अनुराग शर्मा है जो राममूर्ति स्मारक कॉलेज से एमबीबीएस कर रहा है।


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