दुर्दशा देखी तो जुट गए मां गंगा को बचाने
जागरण संवाददाता, कानपुर : यूं तो निर्मल गंगा, अविरल गंगा की सोच बहुत बड़ी है जिसके लिए कोई आम
जागरण संवाददाता, कानपुर : यूं तो निर्मल गंगा, अविरल गंगा की सोच बहुत बड़ी है जिसके लिए कोई आम आदमी अकेले काम नहीं कर सकता लेकिन गंगा विचार मंच से जुड़े अनिल सिंह ने गंगा की दुर्दशा देखी तो अपने स्तर से जुट गए। छह वर्ष पहले गंगा मैया की सेवा में जुटे अनिल नियमित रूप से जागरूकता, पौधरोपण, सफाई के कार्यक्रम कर रहे हैं।
लखनपुर निवासी कपड़ा कारोबारी अनिल सिंह यूं तो गंगा घाट कई मौकों पर गए थे लेकिन 2012 में जब वह पहुंचे तो गंगा की हालत देख उनके मन में कुछ करने का भाव जगा। उन्होंने गंगा संकल्प यात्राएं निकालीं। अनिल के मुताबिक केंद्र सरकार में गंगा का अलग विभाग बना तो काम करने का मौका बढ़ा। गंगा विचार मंच की स्थापना हुई और वह संयोजक बने। इसके साथजागरूकता अभियान चलाकर गंगा आरती कार्यक्रम किए। बैराज से चिड़ियाघर तक गंगा संकल्प यात्रा निकाली। उनके कार्यो को देखते हुए पिछली बार शहर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें सम्मानित भी किया।
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बैराज व सिद्धनाथ घाट पर पौधरोपण
बैराज पर पिछले वर्ष और इस बार फिर 11 पौधे लगाए। सिद्धनाथ घाट स्थित श्मशान घाट पर पौधरोपण कर ऐसे पौधे लगाए जो ज्यादा छाया दें।
सफाई अभियान हर माह
हर माह किसी न किसी घाट पर सफाई होती है। सरसैया घाट पर आइटीबीपी के जवानों के साथ सफाई की गई थी।
स्कूलों में चित्रकला प्रतियोगिता
अनिल सिंह के मुताबिक छह वर्षो में बड़ी संख्या में स्कूलों में चित्रकला प्रतियोगिता कराईं। इनका विषय निर्मल गंगा, अविरल गंगा था।
गंगा आरती को इंवेंट बनाएंगे
बिठूर स्थित पत्थर घाट पर होने वाली आरती को वाराणसी की तरह बड़ा रूप देने और इंवेंट के रूप में बनाने का कार्य चल रहा है ताकि जो लोग बिठूर आएं और शाम तक आरती देखने के लिए रुकें।