Mukhtar Baba News: बैंक आफ बड़ौदा के मुख्य प्रबंधक को एसडीएम ने किया तलब, शत्रु सम्पत्ति पर दिया है लोन
मुख्तार बाबा को शत्रु संपत्ति पर लोन देने के मामले में एसडीएम की ओर से बैंक आफ बड़ौदा के मुख्य प्रबंधक को पत्र भेजकर तीन दिन में दस्तावेज मांगे गए हैं। एसडीएम ने बैंक मैनेजर को भी उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
कानपुर, जागरण संवाददाता। शत्रु संपत्ति पर लोन देने के मामले में बैंक पर जिला प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। एसडीएम की ओर से बैंक आफ बड़ौदा के मुख्य प्रबंधक को पत्र भेजकर तीन दिन में दस्तावेज मांगे गए हैं। एसडीएम ने बैंक मैनेजर को भी उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि तीन दिन में मुख्तार बाबा को दिए गए लोन संबंधी दस्तावेज न मिलने पर इसमें बैंक की संलिप्तता मानते हुए रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी जाएगी।
बैंक आफ बड़ौदा की किदवई नगर शाखा से मुख्तार बाबा ने वर्ष 2016 में पाक नागरिक शाहिद हलीम की शत्रु संपत्ति बशीर स्टेट पर लोन लिया था। मुख्तार के यह लोन दामाद शाहिद सिल्क हाउस को दिलाया था। इसके एवज में उसने बेकनगंज के डा. बेरी चौराहा स्थित राम जानकी मंदिर ट्रस्ट की संपत्ति और नाला रोड स्थित दारूल मौला की संपत्ति को भी बंधक रखा था। लोन की एक भी किस्त न देने पर बैंक ने खाता एनपीए घोषित करते हुए सार्वजनिक नोटिस जारी की थी। इस मामले में जिला प्रशासन की ओर से तीन पत्र लिखे गए और लोन संबंधी दस्तावेज मांगे गए थे।
जिस पर बैंक ने भी एक जनवरी 2022 को प्रशासन के पत्र का जवाब देते हुए आश्वस्त कराया था कि मामले के निपटारे के दौरान राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखा जाएगा। बावजूद इसके बैंक ने लोन संबंधी दस्तावेज नहीं दिए जिस पर जिलाधिकारी ने बैंक अधिकारियों के साथ बैठक भी की और उन्हें दस्तावेज देने के निर्देश दिए। अब बैंक की ओर से एसडीएम को एक पत्र भेजा गया है जिसमें कहा गया कि 25 मई 2022 को लोन चुकता हो चुका है। लोन चुकता होने के कारण 25 मई को ही यह खाता भी बंद कर दिया गया है। अब शाहिद सिल्क हाउस एवं बैंक के मध्य ऋणी व ऋणदाता का संबंध समाप्त हो चुका है। जिसके बाद एसडीएम ने पुन: पत्र भेजकर तीन दिन में लोन संबंधी समस्त अभिलेख मांगे हैं।
बैंक के मुख्य प्रबंधक को पत्र भेजा गया है। उनसे तीन दिन में लोन संबंधी अभिलेखों के साथ उपस्थित होने को कहा गया है। बैंक के अधिकारी नहीं आते हैं तो रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी जाएगी।
-हिमांशु नागपाल, एसडीएम सदर
जिन्हें जिला प्रशासन शत्रु संपत्ति बता रहा है वह पोर्टल पर अभी तक दर्ज नहीं हैं। ऐसे में जिस समयावधि में ऋण दिया गया कथित संपत्तियां कभी शत्रु संपत्ति नहीं रहीं। लिहाजा बैंक जिम्मेदार नहीं है। प्रशासन को सभी दस्तावेज पहले भेजे थे, दोबारा भी भेज दिए हैं। ईडी पूछ रहा है इसलिए प्रशासन उन्हें बैंक की ओर भटका रहा है।
-जेके जायस, रीजनल मैनेजर बैंक आफ बड़ौदा