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एएसआइ हत्याकांड : पुलिस की कहानी को झूठा बता रही स्कॉर्पियो, गाड़ी में नहीं हैं मारपीट के साक्ष्य

हालात बता रहे जबरन गाड़ी के अंदर घुसे हत्यारे बाहर निकालकर की गई एएसआइ की हत्या।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 11:03 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 11:03 AM (IST)
एएसआइ हत्याकांड : पुलिस की कहानी को झूठा बता रही स्कॉर्पियो, गाड़ी में नहीं हैं मारपीट के साक्ष्य
एएसआइ हत्याकांड : पुलिस की कहानी को झूठा बता रही स्कॉर्पियो, गाड़ी में नहीं हैं मारपीट के साक्ष्य

कानपुर, जेएनएन। सीआइएसएफ के एएसआइ रामवीर  सिंह की हत्या की कहानी को पुलिस रोडरेज का परिणाम बता रही है, लेकिन उनकी स्कॉर्पियो कुछ दूसरे ही हालात बयां कर रही है। गाड़ी देखकर लग रहा है कि हत्यारे गाड़ी के अंदर जबरन घुसे थे। एएसआइ की हत्या जबरन गाड़ी से बाहर खींचकर की गई है। स्कॉर्पियो के अंदर मारपीट के कोई साक्ष्य नहीं हैैं। ऐसे में पुलिस की कहानी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसके साथ ही हत्यारों की संख्या भी ज्यादा होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

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गाड़ी के अंदर नहीं मिला खून

पुलिस की मानें तो ओवरटेक करते समय हुई टक्कर हत्या की असली जड़ है। जबकि दैनिक जागरण के रिपोर्टर को हत्यारोपियों की कार और एएसआइ की स्कॉर्पियो के बीच ओवरटेक के समय रगड़ का कोई सबूत नहीं मिला। केवल कार के दाहिनी ओर आगे की ओर से बंफर टूटा दिखाई पड़ा और यह आमने-सामने की टक्कर में संभव है। दूसरा, पुलिस का दावा है कि ओवरटेक के बाद हत्यारोपित कार लेकर भागे और रामवीर ङ्क्षसह ने उनका पीछा किया। एल्डिको के पास उन्होंने कार को रोक लिया, जहां दोनों के बीच मारपीट हुई, जिसमें रामवीर घायल हो गए। घर पहुंचाने के बहाने हत्यारोपियों ने उन्हें स्कॉर्पियो में बैठाया और बीच रास्ते में दोबारा विवाद बढऩे पर उन्होंने गाड़ी के अंदर कही मारपीट की और उनकी हत्या कर दी। जबकि गाड़ी के अंदर मारपीट हुई होती तो ऐसे हालात में खून गाड़ी के अंदर मिलता, लेकिन जिस सीट पर वह बैठे बताए जा रहे हैं, उसके आसपास कोई खून नहीं मिला। हां उस सीट के नीचे शराब की बोतल और एक खाली गिलास जरूर पड़ा मिला।

स्कॉर्पियो के टूटे हैं पूरे शीशे

तीसरा, सबसे बड़ा साक्ष्य स्कॉर्पियो के टूटे शीशे हैं। पूरी गाड़ी के शीशे टूटे हुए हैं। सामने वाले शीशे पर दो स्थानों पर हिङ्क्षटग के निशान हैं। एक वार ड्राइङ्क्षवग सीट ओर से शीशे पर सामने से किया गया, जबकि उसके बगल वाली सीट में अंदर से वार किया जाना प्रतीत हो रहा है। स्कॉर्पियो की दाहिनी ओर से बीच वाले दरवाजे पर बाहर से पथराव के स्पष्ट निशान मौजूद हैं। ऐसा भी हो सकता है कि दाहिनी ओर बीच वाला शीशा टूटा हो तब कोई पत्थर अंदर से सामने वाले शीशे पर लगा हो। जिस तरह से गाड़ी के शीशे तोड़े गए, पथराव हुआ, उससे हत्यारोपितों द्वारा सुनाई गई कहानी पर यकीन करना मुश्किल है। इन हालात में दो से अधिक लोगों के वारदातों में शामिल होने की गुंजाइश भी है, हो सकता है कि रास्ते में दोनों ने अन्य लोगों को नीचे उतार दिया हो।  


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