कोरोना के चक्रव्यूह को तोड़ेगा हर्बल सैनिटाइजर, एक स्प्रे पर 72 घंटे तक करेगा सुरक्षा, जानिए- क्या होगी कीमत
Coronavirus Prevention छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के डॉ.शाश्वत कटियार और महात्मा ज्योतिबा फुले विश्वविद्यालय रुहेलखंड से संबद्ध एसएल इंस्टीट्यूट मुरादाबाद के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सौरभ मिश्रा ने यह खोज की है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सीकोलॉजी लखनऊ ममें परीक्षण के लिए इसे भेजा गया है।
कानपुर, [विक्सन सिक्रोड़िया]। Coronavirus Prevention प्रकृति ने ऐसे पेड़-पौधों और फूलों से हमें नवाजा है, जिनका हमारे जीवन में विशेष महत्व है। ये हमें स्वस्थ रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अब कोरोना वायरस से बचाने में भी ऐसे ही पौधों के अर्क से कारगर हथियार बनाने में कामयाबी मिली है, जो हर्बल सैनिटाइजर के रूप में आपकी रक्षा करेगा। इसे बनाने में सफलता पाई है छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के बायोसाइंस एंड बायोटेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ.शाश्वत कटियार और महात्मा ज्योतिबा फुले विश्वविद्यालय रुहेलखंड से संबद्ध एसएल इंस्टीट्यूट मुरादाबाद के बायोटेक्नोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सौरभ मिश्रा ने। लौंग, लैवेंडर (39 फूल देने वाले पौधों में से एक प्रजाति) और नींबू के तेल से बना हर्बल सैनिटाइजर कपड़ों, बैग, हाथ व सीट कवर को वायरस मुक्त करने में सक्षम होगा। एक बार छिड़काव के बाद 72 घंटे तक वायरस को दूर रखता है। यह बार-बार भीड़ वाली जगह से निकलने के बाद ये बैक्टीरिया और वायरस का खात्मा कर देगा। एसएल इंस्टीट्यूट की लैब में इसका सफल परीक्षण हो चुका है। अब इसे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सीकोलॉजी लखनऊ भेजा गया है। मई तक इसके बाजार में आने की संभावना है।
ऐसे किया गया तैयार: इसे तैयार करने में पांच फीसद लौंग के तेल, दो फीसद नींबू और लैवेंडर ऑयल लगा। इन तीनों चीजों को 30 मिलीलीटर डिस्टिल वाटर में मिलाया गया। उत्पादन प्रक्रिया में 90 फीसद आइसोप्रोपेनॉल अल्कोहल भी मिलाया गया है।
नहीं होगी अलग-अलग सैनिटाइजर की जरूरत: डॉ. सौरभ बताते हैं कि इसे बनाने के बाद जांच की गई। कपड़े पर किए गए इस्तेमाल में पाया गया कि 72 घंटे में वायरस व बैक्टीरिया उत्पन्न नहीं हुए। बताया कि अभी तक हाथ, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट और घर के सामान को बैक्टीरिया व वायरस मुक्त करने में ये अकेला सक्षम है।
इनका ये है कहना
कोरोना वायरस से सुरक्षा चक्र प्रदान करने वाला यह हर्बल सैनिटाइजर तैयार कर लिया गया है। जल्दी इसका लाभ आम आदमी को मिलने लगेगा। - डॉ. शाश्वत कटियार, निदेशक बायो साइंस एंड बायो इंजीनियरिंग विभाग, सीएसजेएमयू।
खास तथ्य
- 15 दिन में तैयार किया गया, चार दिन तक प्रयोगशाला व घरेलू चीजों को सैनिटाइज करके परीक्षण किया गया।
- छिड़काव के बाद वायरस और बैक्टीरिया खत्म हो गए। दोबारा उस जगह पर पनप नहीं पाए।
- आइआइटीआर लखनऊ में परीक्षण करने के बाद मई में बाजार में आने की संभावना है।
- सौ मिलीली. स्प्रे की कीमत करीब 90 रुपये होगी।
- इसका इस्तेमाल इंसान से लेकर वस्तुओं तक में किया जा सकेगा।