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17 जुलाई से शुरू हो रहे सावन माह में वक्री होंगे शनि और गुरु, इस तरह करें शिव को प्रसन्न Kanpur News

भारतीय ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष केए दुबे पद्मेश ने बताया इस बार सावन माह में चार सोमवार पड़ रहे हैं।

By AbhishekEdited By: Published: Mon, 08 Jul 2019 12:57 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 08:34 PM (IST)
17 जुलाई से शुरू हो रहे सावन माह में वक्री होंगे शनि और गुरु, इस तरह करें शिव को प्रसन्न Kanpur News
17 जुलाई से शुरू हो रहे सावन माह में वक्री होंगे शनि और गुरु, इस तरह करें शिव को प्रसन्न Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। भगवान शिव को अति प्रिय श्रावण मास 17 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है। इससे एक दिन पहले पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगेगा। श्रावण मास में किया गया पूजन अर्चन और अभिषेक अनंत पुण्य देने वाला होगा। इस बार श्रावण मास में 22 व 29 जुलाई तथा 4 और 11 अगस्त को मिलाकर चार सोमवार पड़ेंगे। रक्षाबंधन का पर्व 15 अगस्त के दिन मनाया जाएगा और इसी दिन श्रावण मास समाप्त होगा।

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नहीं करें तेल और गुड़ का सेवन

भारतीय ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष केए दुबे पद्मेश के मुताबिक, श्रावण मास में तेल और गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए। राहु और केतु सदैव वक्री रहते हैं। सूर्य और चंद्र कभी वक्री नहीं रहते। इस समय गोचर में गुरु और शनि वक्री हैं। 8 जुलाई से मंगल और 10 जुलाई से बुध अस्त होगा। ऐसी ग्रह स्थिति में श्रावण मास 17 जुलाई से शुरू होगा। सूर्य उत्तरायण से दक्षिण होंगे, इस अवधि में पूजन अर्चन विशेष फलदाई होगा।

जरूर करें रुद्राभिषेक

ज्योतिषविद ने बताया कि श्रावण मास में रुद्राभिषेक जरूर करना चाहिए। यदि रुद्राभिषेक नहीं कर सकते हैं तो भगवान शिव का जलाभिषेक अवश्य करें। यदि बालू अथवा मिट्टी से पार्थिव लिंग बनाकर भगवान शिव का अभिषेक करते हैं तो मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी, ग्रहों की पीड़ा शांत होगी। भगवान शिव के पंच पंचाक्षर मंत्र ओम नम: शिवाय का जप अवश्य करना चाहिए।


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