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भविष्य बचाना है तो अभी से सहेजनी होंगी बूंदे

बारिश की दस्तक हो चुकी है। मौका है जागरूक होने का। बूंदों को सहेजने का।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 01:35 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 01:35 PM (IST)
भविष्य बचाना है तो अभी से सहेजनी होंगी बूंदे
भविष्य बचाना है तो अभी से सहेजनी होंगी बूंदे

जागरण संवाददाता, कानपुर: बारिश की दस्तक हो चुकी है। मौका है जागरूक होने का। बूंदों को संजोने का। गिरते शहर के भूगर्भ जलस्तर को फिर समृद्ध करने का। वर्षा जल के संचयन का कारगर तरीका है रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम। इसके बारे में काफी समय से बातें हो रही हैं, लेकिन लोग इस पर गंभीर नहीं। आज भी तमाम इमारतों में रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम गायब है। जिम्मेदारों के निर्देश भी बेअसर हैं। रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम को लेकर जितनी भी कवायद की गई, कागजों से बाहर नहीं आ सकी। जबकि चिंताजनक हो चुकी भूगर्भ जलस्तर की हालत को देखते हुए इस पर अमल की सबसे जरूरत है। शहर को पानी के संकट का समाधान जल संचयन में ही छिपा है। भूगर्भ जलस्तर को बचाने और बारिश की बूंदों को सहेजने के लिए पहल करनी होगी। बो¨रग अथवा नलकूपों पर धन खर्च जितना बेइंतहा पानी का दोहन कर रहे हैं, थोड़ा और धन खर्च कुदरती जल भंडार को बढ़ाने के लिए खर्च करने से जल संपदा बरकरार रखी जा सकती है।

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दस साल में ढाई सौ फीट नीचे पहुंचा भूगर्भ जल

दस साल पहले तक भूगर्भ जल सौ फीट की गहराई पर मिल जाता था। अब स्थिति भयावह है। दस साल में पानी ढाई सौ फीट तक नीचे चला गया है।

महंगी हो गई बो¨रग

भूगर्भ जलस्तर गिरने से बो¨रग में होने वाला खर्च भी बढ़ गया है। दस साल पहले तक बीस हजार रुपये में सबमर्सिबल पंप लग जाता था, वर्तमान में यह खर्च बढ़कर 70 से 80 हजार रुपये के बीच हो गया है।

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हर साल 45 सेमी सरक रहा पानी

तेजी से हो रहे भूगर्भ जलदोहन के चलते हर साल 45 सेमी पानी नीचे जाने से पानी का संकट बढ़ता जा रहा है। मेडिकल कॉलेज, आयुक्त आवास व दफ्तर, केडीए उपाध्यक्ष कार्यालय व आवास, नगर निगम मुख्यालय, एचबीटीआइ, गाधी भवन फूलबाग व पालीटेक्निक, संजय वन, जीआइसी, राजकीय पुस्तकालय, समेत कुछ ही सरकारी विभागों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा है। सभी सरकारी विभागों में सिस्टम लग जाए तो बारिश की अनमोल बूंदे नाली में जाने से बच जाएंगी।

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छत क्षेत्रफल बारिश का पानी बचेगा वर्गमीटर लीटर प्रति वर्ष

100 80 हजार

200 1.6 लाख

300 2.4 लाख

500 4 लाख

1000 8 लाख

भूगर्भ जल रोकने को ऐसी हो व्यवस्था

0 सरकारी तंत्र द्वारा जलापूर्ति की जाए, सबमर्सिबल पंपों पर रोक लगाई जाए।

0 शहरी सीमा के भीतर भूगर्भ जल पर आधारित व्यावसायिक गतिविधियों को प्रोत्साहित न किया जाए।

वर्षा जल संचयन न होने पर निर्माण हो सील

तीन सौ वर्गमीटर से ऊपर के भूखडों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य है। इसका पालन न करने पर निर्माण को सील किया जाए।

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क्या कहते हैं जिम्मेदार

केडीए की सभी योजनाओं में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया जा रहा है। तीन सौ वर्गमीटर से ऊपर के भूखंडों में बारिश बचाने का सिस्टम न होने पर दो दर्जन निर्माण सील किए गए।

- केपी सिंह, सचिव केडीए


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