उमस, बारिश और अब डेंगू की दस्तक
उमस भरी गर्मी के बाद शुरू हुई बारिश ने बीमारियों को निमंत्रण दे दिया है। मौसम बदलने से बैक्टीरिया-वायरस तेजी से वातावरण में फैलने लगे हैं। मच्छर जनित बीमारियां भी पांव पसारने लगी हैं। एलएलआर (हैलट) अस्पताल की ओपीडी में डेंगू एवं मलेरिया के लक्षण वाले मरीज आने लगे हैं। ऐसे मरीजों को कई दिनों तक तेज बुखार रह रहा है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : उमस भरी गर्मी के बाद शुरू हुई बारिश ने बीमारियों को निमंत्रण दे दिया है। मौसम बदलने से बैक्टीरिया-वायरस तेजी से वातावरण में फैलने लगे हैं। मच्छर जनित बीमारियां भी पांव पसारने लगी हैं। एलएलआर (हैलट) अस्पताल की ओपीडी में डेंगू एवं मलेरिया के लक्षण वाले मरीज आने लगे हैं। ऐसे मरीजों को कई दिनों तक तेज बुखार रह रहा है। इन मरीजों के रक्त नमूने की जांच में प्लेटलेट्स काउंट काफी कम आने पर डॉक्टर डेंगू का संदेह जता रहे हैं।
एलएलआर अस्पताल, उर्सला अस्पताल, केपीएम व कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय की ओपीडी में मरीजों की भीड़ बढ़ी है। वहीं नर्सिग होम एवं निजी क्लीनिकों में भी रोगी पहुंच रहे हैं। इसमें सर्वाधिक मरीज वायरल बुखार के हैं। इनमें बदन दर्द, ऐंठन एवं गले में इंफेक्शन है। उल्टी-दस्त एवं डायरिया पीड़ित भी हैं।
डेंगू का संदिग्ध मरीज भर्ती
एलएलआर अस्पताल के मेडिसिन विभाग में डेंगू का संदिग्ध मरीज भर्ती हुआ है। जब भर्ती हुआ तो निजी लैब में हुई जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी। उसके प्लेटलेट्स काउंट मात्र 24000 थे। उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए तत्काल भर्ती कर एलएलआर पैथालॉजी में जांच कराई तो प्लेटलेट्स काउंट 22000 हो गए थे। ऐसे में डेंगू की जांच के लिए रक्त नमूना जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की माइक्रो बायोलॉजी विभाग की लैब भेजा है।
टायफाइड भी हुआ घातक
वायरल एवं मलेरिया के इलाज में लापरवाही से यह टायफाइड में बदल रहा है। ओपीडी में बड़ी संख्या में टायफाइड के मरीज भी आ रहे हैं। उन्हें लंबे समय से बुखार की शिकायत है। ऐसे मरीजों की टायफाइड की जांच अवश्य कराएं।
ये हैं डेंगू के लक्षण
कई दिनों से बुखार
शरीर में लाल चकत्ते पड़ना
सांस फूलना
चलने-फिरने में कमजोरी
प्लेटलेट्स काउंट कम होना
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मौसम में बदलाव से मरीजों की संख्या बढ़ गई है। बारिश की दस्तक के साथ ही डेंगू के संदिग्ध मरीज आने लगे हैं। एक युवक भर्ती हुआ है, जिसकी प्राइवेट लैब में डेंगू की पुष्टि हुई है। उसके प्लेटलेट्स काउंट काफी कम थे। इसलिए मेडिकल कॉलेज की लैब में जांच के लिए रक्त नमूना भेजा है।
- डॉ. ब्रजेश कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर मेडिसिन विभाग जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।