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प्रदेश में अब एमएसएमई बनवाएगा 20 एकड़ के प्राइवेट इंडस्ट्रियल इस्टेट : सत्यदेव पचौरी

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री ने कानपुर एमएसएमई समिट का शुभारंभ किया। कहा, पिछली सरकारों ने बिजऩेस के ट्रेन्ड और ट्रेडिशन को नहीं समझा।

By AbhishekEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 03:30 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 04:49 PM (IST)
प्रदेश में अब एमएसएमई बनवाएगा 20 एकड़ के प्राइवेट इंडस्ट्रियल इस्टेट : सत्यदेव पचौरी
प्रदेश में अब एमएसएमई बनवाएगा 20 एकड़ के प्राइवेट इंडस्ट्रियल इस्टेट : सत्यदेव पचौरी
कानपुर, जागरण संवाददाता। प्रदेश में 20 एकड़ के प्राइवेट इंडस्ट्रियल इस्टेट बनाए जाएंगे, जिन्हें यूपीएसआइडीसी नहीं अब एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय) बनवाएगा। सरकार इस फैसले के बारे में सोमवार को एमएसएमई मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कानपुर एमएसएमई समिट का शुभारंभ करने के दौरान जानकारी दी। होटल रीजेंटा में कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज और उद्योग निदेशालय की ओर से आयोजित समिट में कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों की तुलना में मौजूदा सरकार ने उद्योगों के लिए तमाम परिवर्तन किए हैं।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक वातावरण बना है। इन्वेस्टर्स समिट से पहले हम इतने उत्साहित नहीं थे। यहां इंफ्रास्ट्रक्चर, बिजली, कानून व्यवस्था और बैंकिंग की समस्या थी। पिछली सरकारों ने बिजऩेस के ट्रेन्ड और ट्रेडिशन को समझा ही नहीं। लेकिन मौजूदा सरकार ने समझा और प्रयास किया। इससे बदलाव हुआ तो तब बड़ा निवेश हुआ। पहली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 60 हज़ार करोड़ की आयोजित की। इसपर महानाजी डर रहे थे कि मात्र 60 हजार करोड़ की सेरेमनी कर पा रहे हैं। तब प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह रकम काम नहीं होती, इतनी जल्दी तो हम गुजरात में भी नहीं कर पाए थे।
उद्योग में भारत को बढऩे का मौका
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि एक जिला एक उत्पाद योजना से हमने उद्यमियों को ऑक्सीजन दी है। पारंपरिक उद्योग को कुटीर उद्योग के रूप में जिंदा कर दिया है। जापान, कोरिया और चीन भी इसी तरह से आगे बढ़े हैं। हालांकि चीन ज्यादा सफल इसलिए है, क्योंकि वेस्ट से रॉ मटेरियल निकालते हैं, जिससे उनकी कॉस्ट कम हो जाती है। हमें अपनी उत्पादन लागत इसी तरह काम करनी होगी। अमेरिका ने चीन के उत्पादों पर ड्यूटी बढ़ाकर भारत को आगे बढऩे का मौका दिया है।
उप्र में है दो लाख करोड़ विदेशी मुद्रा लाने की क्षमता
मंत्री ने कहा कि यदि उप्र अपने उत्पाद का मानकीकरण कर ले तो देश में नंबर वन हो जाएगा। उप्र अभी 89000 करोड़ विदेशी मुद्रा ले पा रहा है, जबकि क्षमता दो लाख करोड़ की है। पुरानी सरकार की खराब नीतियों ने प्रदेश को बीमार प्रदेश बनाया। योगी सरकार इसे इज़ ऑफ डूइंग के मामले में प्रदेश को देश में 21वें से बढ़ाकर 12वें नंबर पर ले आये हैं। कार्यक्रम में उद्योग निदेशक के. रविंद्र नायक, बांबे स्टॉक एक्सचेंज के प्रबंध निदेशक अजय ठाकुर, सीआइआइ के मनोज गुप्ता, अतुल मेहरा भी उपस्थित रहे।

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