सरसैया घाट पुल के लिए जापानी बैंक से मदद लेने की तैयारी
जागरण संवाददाता, कानपुर : यूपीएसआइडीसी प्रबंधन सरसैया घाट पर करीब ढाई किलोमीटर लंबा फ
जागरण संवाददाता, कानपुर : यूपीएसआइडीसी प्रबंधन सरसैया घाट पर करीब ढाई किलोमीटर लंबा फोरलेन पुल बनाने के लिए अब वित्तीय मदद लेने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए जापान इंटर नेशनल कोआपरेशन एजेंसी (जाइका) से संपर्क साधा गया है। इस बैंक ने प्रोजेक्ट की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और पूछा है कि पुल बनने से कितनी आबादी को लाभ होगा। यह पुल शहर के लोगों के लिए वरदान साबित होगा। अभी लोग शुक्लागंज, जाजमऊ या फिर गंगा बैराज के रास्ते लखनऊ आते जाते हैं, लेकिन सरसैया घाट पर पुल बनने के बाद लोग इससे होकर सीधे सरैया क्रासिंग पहुंच जाएंगे। इससे जाजमऊ या फिर बैराज के रास्ते जाने की जरूरत नहीं होगी। शुक्लागंज के रास्ते के जाम का सामना भी नहीं करना होगा।
गंगा बैराज पर ट्रांसगंगा सिटी की स्थापना के साथ ही सरसैया घाट पर पुल बनाने की योजना यूपीएसआइडीसी ने तैयार की थी। तय हुआ था कि मॉडर्न सिटी बसाने जा रहे केडीए और यूपीएसआइडीसी मिलकर इस पुल का निर्माण करेंगे। केबिल ब्रिज के रूप में इसका निर्माण होना था। प्रोजेक्ट पर वित्तीय सहभागिता के लिए सैद्धांतिक सहमति भी बन गई थी, लेकिन मॉडर्न सिटी प्रोजेक्ट फंसा तो केडीए ने कदम वापस खींच लिए। यूपीएसआइडीसी प्रबंधन ने पुल के लिए पांच सौ करोड़ रुपये का अपने बजट में प्रावधान भी कर दिया। चूंकि पुल की स्थापना जरूरी है इसलिए अब यहां साधारण पुल बनेगा और इसके लिए जाइका से वित्तीय मदद ली जाएगी। यूपीएसआइडीसी के विभिन्न प्रोजेक्टों के लिए कंसलटेंसी का कार्य कर रही अर्नस्ट एंड यंग कंपनी ने जाइका के अफसरों से संपर्क साधा है। बैंक प्रबंधन यदि ऋण देता है तो इस प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने में आसानी होगी, ट्रांसगंगा सिटी को भी पंख लग जाएंगे। अभी यहां निवेश करने से लोग कतरा रहे हैं, लेकिन पुल बनने के बाद निवेश की संभावना बढ़ेगी क्योंकि यह सिटी सीधे शहर से जुड़ जाएगी। उप महाप्रबंधक वीके नंदा ने बताया कि कंपनी के लोगों को प्रोजेक्ट बनाने के लिए कहा गया है।