फ्रंटल संगठनों के पत्ते फेंटेगी सपा
नेता के सामने जोशीले नारे लगाने में आगे रहने वाली सपा की 'युवा फोर्स के संगठनों में व्यापक फेरबदल किए जा सकते हैं।
जागरण संवाददाता, कानपुर : नेता के सामने जोशीले नारे लगाने में आगे रहने वाली सपा की 'युवा फौज' के अगुआ अब रडार पर हैं। पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए युवाओं को जोड़ने के प्रयास में है, लेकिन फ्रंटल संगठन पूरी तरह निष्क्रिय पड़े हैं। वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बदलाव की अनुशंसा के साथ नेतृत्व को रिपोर्ट भेज दी है।
लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे सभी दलों की नजर युवा वोटरों पर है। सभी इस प्रयास में हैं कि मतदाता सूची संवर्धन कार्य के दौरान अपने कार्यकर्ता साथ लगाकर मतदाता सूची में नाम बढ़वाए जाएं। भाजपा ने बूथ स्तर पर ऐसे वोटरों को सूचीबद्ध करने की कसरत भी शुरू कर दी है, लेकिन सपा में इस बात को लेकर चिंता है। दरअसल, हर मासिक बैठक में इस बात को लेकर चिंता जाहिर की जा रही है कि युवजन सभा, मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड, लोहिया वाहिनी और सपा छात्रसभा जैसे फ्रंटल संगठन निष्क्रिय हैं। बार-बार कहने के बावजूद वह मासिक बैठक भी नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा युवाओं के बीच कोई गतिविधि नहीं है, जिससे उन्हें पार्टी से जोड़ा जाए।
लिहाजा, अब प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व को रिपोर्ट भेज दी गई है। कहा गया है कि यदि फ्रंटल संगठनों का नए सिरे से गठन नहीं किया गया तो लोकसभा चुनाव में काफी मुश्किल सामने आ सकती है। ऊपर से भी इशारा मिल गया है कि जल्द ही सभी फ्रंटल संगठनों के पदाधिकारी बदल दिए जाएंगे। माना जा रहा है कि ऐसे में संगठन में भारी फेरबदल देखने को मिल सकते हैं। इससे सपा नेताओं की धड़कनें भी बढ़ी हुई हैं।