रिश्वत लेने का संगठित गिरोह चलाने में गिरफ्तार हुए थे संसार चंद, जानिए क्या था पूरा मामला Kanpur News
सीबीआइ की एंटी करप्शन टीम ने तीन फरवरी 2018 को कार्रवाई करते हुए सीजीएसटी कमिश्नर के साथ आठ और लोगों को गिरफ्तार किया था।
कानपुर, जेएनएन। रिश्वत मांगने और हवाला के जरिये रुपये लेने के आरोप में सीजीएसटी (एक्साइज) कमिश्नर संसार चंद समेत नौ लोगों को सीबीआइ की एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार किया था। इसमें दो अधीक्षक, एक ऑफिस स्टाफ एवं पांच अन्य थे। इससे पहले सीबीआइ की एंटी करप्शन विंग ने दिल्ली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मंगलवार को संसार चंद को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई, अब विभाग के अन्य आरोपित अधिकारियों में खलबली मची है।
सीबीआइ ने दिल्ली में संसार चंद समेत 10 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि ये लोग संगठित रूप से निजी कंपनियों पर दबाव बनाकर वसूली करते हैं। उसी दिन तीन फरवरी 2018 को शाम के समय सीबीआइ टीम ने सर्वोदयनगर स्थित सीजीएसटी आफिस में छापा मारा और संसार चंद के पीए सौरभ पांडेय को हिरासत में लेकर देर रात तक आफिस में ही पूछताछ की गई। इस बीच सीबीआइ की दूसरी टीम ने संसार चंद को दिल्ली जाते समय रास्ते में ही गिरफ्तार कर लिया था।
उसी दिन देर रात 12 बजे सीबीआइ ने अधीक्षकों के आïवास पर छापा मारा और वहीं सभी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों को सीबीआइ टीम सुबह पांच बजे फिर आफिस लेकर आई। उनके कक्ष की तलाशी ली। इसके बाद टीम ने चार कक्ष एवं एक दराज को सील कर दिया।
ये हुए थे नामजद
सीबीआइ ने सीजीएसटी कमिश्नर संसार चंद, उनके ऑफिस के तीन अधीक्षक सर्वोदय नगर निवासी अजय श्रीवास्तव, राजीव सिंह चंदेल, अमन शाह, आफिस स्टाफ सौरभ पांडेय, शिशु सोप एंड केमिकल के एमडी मनीष शर्मा, 113/145 स्वरूप नगर निवासी अमित अवस्थी, दिल्ली में सी-58, असिमा अपार्टमेंट, सेक्टर 9, रोहिणी निवासी अमन जैन, दिल्ली में सी 25 फस्र्ट फ्लोर शिवाजी पार्क, पंजाबी बाग निवासी चंद्रप्रकाश के साथ ही दिल्ली की डिफेंस कालोनी में डी-235 निवासी संसार चंद की पत्नी अविनाश कौर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
साबुन निर्माता से रुपये लेने का था आरोप
सीबीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक कमिश्नर ने मनीष शर्मा से 1.5 लाख रुपये रिश्वत ली थी। इस धन को भी सीबीआइ ने बरामद किया था। तलाशी के दौरान 56 लाख रुपये की नकदी व अन्य संपत्ति भी मिली थीं। संसार चंद, अजय श्रीवास्तव, राजीव सिंह चंदेल, सौरभ पांडेय, मनीष शर्मा, अमित अवस्थी, अमन जैन, चंद्र प्रकाश शर्मा, सुरेश कुमार को गिरफ्तार किया था। उन्हें दिल्ली और लखनऊ की सीबीआइ कोर्ट में पेश किया था।
जीएसटी में अलग तरह का था मामला, किस्तों में ली रिश्वत
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) से जुड़ा अलग तरह का मामला था, जिसमें उच्च अधिकारी की गिरफ्तारी हुई थी। सीजीएसटी अधिकारियों ने विभागीय कार्रवाई रोकने के लिए कंपनियों से रिश्वत ली थी। रिश्वत का पैसा हवाला के जरिए व्यवस्थित रूप से मासिक या त्रैमासिक किस्त की तरह अधिकारियों को दिया गया। 1986 बैच के एक आइआरएस अधिकारी संसार चंद उस समय जीएसटी के आयुक्त थे। आरोप है वह केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, कानपुर में अपने अधिकार क्षेत्र से संबंधित मामलों में अवैध रूप से उगाही करने वाले एक व्यवस्थित और संगठित गिरोह का नेतृत्व कर रहे थे।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप