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Kanpur Kidnapping Case: आरोपितों की रिमांड खत्म, नौ घंटे चला सर्च अभियान फिर भी खाली हाथ

पुलिस ने आरोपितों से 48 घंटे में पूछताछ की और घटनास्थ पर भी लेकर गई लेकिन कोई सफलता हासिल नहीं कर सकी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 09:51 AM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 09:51 AM (IST)
Kanpur Kidnapping Case: आरोपितों की रिमांड खत्म, नौ घंटे चला सर्च अभियान फिर भी खाली हाथ
Kanpur Kidnapping Case: आरोपितों की रिमांड खत्म, नौ घंटे चला सर्च अभियान फिर भी खाली हाथ

कानपुर, जेएनएन। संजीत का शव तलाशने के लिए 48 घंटे की कस्टडी रिमांड पर लाए गए आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने गुरुवार की सुबह 9:30 बजे से पीएसी जवानों को पांडु नदी में उतारा। करीब नौ घंटे तक खोजबीन के बाद भी पुलिस के हाथ कुछ नहीं आया। आरोपितों की 48 घंटे की रिमांड का समय पूरा हो जाने के बाद पुलिस कोई कामयाबी हासिल नहीं कर सकी।

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नहीं मिला संजीत का शव

बर्रा पुलिस ने संजीत अपहरण कांड में गिरफ्तार हुए ज्ञानेंद्र, नीलू और कुलदीप को बुधवार को 48 घंटे की रिमांड पर लिया था। शाम को पुलिस नीलू और ज्ञानेंद्र को लेकर फत्तेपुर गोही स्थित लोहे वाले पुल पर गई। जहां आरोपितों ने गाड़ी में बैठ-बैठे ही शव फेंकने का स्थान दिखाया था। श्याम नगर से फत्तेपुर गोही पहुंचने तक अंधेरा होने के कारण सर्च नहीं हो सकी। गुरुवार की सुबह पीएसी जवान और गोताखोर मोटरबोट लेकर पहुंचे और फिर खोजबीन शुरू की। लोहे वाले पुल के बीच वाले खंभे के आसपास लकड़ी और कांटे की मदद से पीएसी जवानों ने सर्च अभियान चलाया। करीब नौ घंटे तक चले अभियान के बाद भी संजीत का शव नहीं मिला।

पुलिस की लापरवाही से उपजती जा रही समस्या

संजीत अपहरण हत्याकांड में फिरौती को लेकर पुलिस पर आरोप लगे थे, वह न तो उसे झुठला भाई और न ही 48 घंटे में रिमांड में लिए गए तीन आरोपितों से ही कुछ बरामद कर सकी। संजीत अपहरण कांड में शुरुआत से ही बरती गई लापरवाही पुलिस के लिए बड़ी समस्या बनती जा रही है। लापरवाह थानेदार के निलंबन के बाद जिले की सर्विलांस टीम ने मशक्कत के बाद पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। संजीत का शव के साथ कुछ भी बरामदगी न होने से पुलिस का राजफाश सवालों के घेरे में था। तीन आरोपितों ज्ञानेंद्र, कुलदीप व नीलू को को पुलिस ने बुधवार को रिमांड पर लिया था, लेकिन उनकी निशानदेही पर 48 घंटे भी पुलिस कुछ तलाश नहीं कर सकी। साक्ष्यों के अभाव का फायदा अब आरोपितों को बेल और ट्रायल में मिलेगा।

समय से पहले कराया मेडिकल

कस्टडी रिमांड पर लाए गए तीनों आरोपितों को पुलिस ने रिमांड का समय पूरा होने से पहले ही 6:30 बजे मेडिकल के लिए उर्सला अस्पताल भेज दिया। जहां सभी की डॉक्टरी और कोविड जांच के बाद रात तक तीनों आरोपितों का जेल में दाखिला कराया जाएगा।

अब रामजी की रिमांड का इंतजार

पुलिस के पास अब सिर्फ रामजी की निशानदेही पर संजीत का ड्यूटी बैग, पर्स आदि बरामद करना ही एक रास्ता है। रामजी के कोरोना संक्रमण होने के चलते रिमांड की अर्जी दाखिल नहीं की गई थी। अब पुलिस को रामजी की रिमांड का इंतजार है।

रात भर बैग खोजती रही पुलिस

फिरौती देने वाले बैग की तलाश में दो टीमें क्राइम ब्रांच के साथ देर रात गुजैनी पुल पहुंची। ऊपर से जायजा लेकर पुलिस अंबेडकर नगर के रास्ते से नीचे पहुंची। दूसरी टीम ने रेलवे ट्रैक तो तीसरी रामगंगा नहर, एकता पार्क तलाश की। आरोपितों ने बताया कि रामजी ने बर्रा-4 स्थित रफाका नाले में संजीत का बैग फेंका था। पुलिस वहां भी पहुंची पर कुछ नहीं मिला।

संजीत का मोबाइल तलाशने पनकी नहर पहुंचे स्वजन

पुलिस ने आरोपितों और स्वजन का आमना सामना कराया गया। संजीत के चाचा कश्मीर यादव बोले कि आरोपितों ने उन्हें बताया कि शव को पांडू नदी और मोबाइल पनकी नहर के पास झाडिय़ों में फेंका था। जबकि पुलिस बता रही कि रामादेवी के पास झाडिय़ों में जिस जगह बाइक मिली थी, वहां से कुछ दूरी पर मोबाइल फेंका था। पिता व अन्य स्वजन ने आधे घंटे पनकी नहर में तलाश की पर कुछ नहीं मिला। स्वजन ने आरोपितों से बैग, एटीएम, पर्स व घड़ी के बारे में पूछा तो आरोपितों ने रामजी शुक्ला के पास होने की बात बताई।


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