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Kanpur Kidnapping Case: संजीतकांड की गुत्थी सुलझाने को CBI को तलाशने होंगे इन 10 सवालों के जवाब

Sanjeet Kanpur Kidnapping News प्रदेश सरकार द्वारा सीबीआइ जांच के फैसल के बाद पुलिस ने फिलहाल जांच और रामजी को रिमांड पर लेने की तैयारी रोक दी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 02:54 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 03:15 PM (IST)
Kanpur Kidnapping Case: संजीतकांड की गुत्थी सुलझाने को CBI को तलाशने होंगे इन 10 सवालों के जवाब
Kanpur Kidnapping Case: संजीतकांड की गुत्थी सुलझाने को CBI को तलाशने होंगे इन 10 सवालों के जवाब

कानपुर, जेएनएन। पैथोलॉजी कर्मी संजीत अपहरण-हत्याकांड में सीबीआइ जांच के फैसले के बाद पुलिस ने अब खुद को अलग कर लिया। फिलहाल अबतक चल रही जांचें यथावत रोकने के साथ ही अब चौथे आरोपित घटना के मास्टरमाइंड रामजी का कस्टडी रिमांड भी कोर्ट से लिया जाना टल गया है। पूरी घटना में अभी भी कई अनसुलझे सवाल हैं, जिनकी तह तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है। हालांकि आला अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि पांडु नदी में संजीत के शव की तलाश जारी रहेगी।

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जानें-क्या हुई थी घटना

बर्रा निवासी चमन सिंह के बेटे पैथोलॉजी कर्मी संजीत के अपहरण होने पर फिरौती की मांग की गई थी। घर वालों ने पुलिस पर तीस लाख की फिरौती दिलाने के बाद भी बेटे की सकुशल वापसी न करा पाने का आरोप लगाया था। शासन तक प्रकरण पहुंचने के बाद एसपी व थाना प्रभारी समेत दस पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की गई थी। घटना के एक माह बाद बर्रा पुलिस ने ज्ञानेंद्र, नीलू, रामजी, कुलदीप व प्रीति को पकड़ा था।

हालांकि पुलिस आरोपितों से मजबूत साक्ष्य नहीं जुटा पाई। पुलिस ने ज्ञानेंद्र, कुलदीप व नीलू का 48 घंटे का कस्टडी रिमांड भी लिया, लेकिन सुबूत जुटाने में सफलता नहीं मिली थी। दस दिन बाद तक पुलिस शव तक नहीं बरामद कर सकी थी। स्वजन लगातार मामले में सीबीआइ जांच कराने की मांग कर रहे थे।

पुलिस की विवेचना पर ब्रेक

रविवार को सरकार द्वारा संजीत प्रकरण में सीबीआइ जांच की घोषणा के बाद रविवार से ही पुलिस ने मामले की चल रही विवेचना पर ब्रेक लगा दिया। कस्टडी रिमांड पर लाए गए तीनों आरोपितों से बैग व अन्य सामान रामजी के पास होने की जानकारी हुई थी। पुलिस का कहना है कि जब जांच सीबीआइ करेगी तो वह अब आगे कुछ और नहीं कर पाएगी।

रामजी से कुछ साक्ष्य बरामद होने की उम्मीद थी, लेकिन अब उसे कस्टडी रिमांड पर नहीं ले सकेंगे। थाना प्रभारी बर्रा हरमीत सिंह ने बताया कि अब सिर्फ संजीत के शव की तलाश कराई जाएगी। अगर सीबीआइ स्थानीय पुलिस का सहयोग मांगती है तो मदद की जाएगी। एसएसपी ने बताया कि प्रशासन प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजेगा, जिस पर सीबीआइ जांच की सिफारिश की जाएगी।

केस डायरी के साथ थाना प्रभारी तलब

अपहरण और हत्याकांड की जांच सीबीआइ को सौंपे जाने पर एसएसपी प्रीतिंदर सिंह ने थाना प्रभारी बर्रा हरमीत  सिंह को केस डायरी व अन्य दस्तावेज के साथ तलब किया है। दस्तावेजों को दिल्ली भेजा जाएगा। पूरे प्रकरण में पुलिस ने अब तक केस डायरी में 35 पर्चे काटे हैं। 19 पर्चे पूर्व थाना प्रभारी और 17 जुलाई से नए थानेदार ने पर्चे काटे हैं।

अब तक 11 हो चुके हैं निलंबित

इस प्रकरण में तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार पी ने तत्कालीन बर्रा के थाना प्रभारी रणजीत राय को निलंबित कर दिया। 24 जुलाई को सरकार ने तत्कालीन एसपी साउथ अपर्णा यादव और सीओ मनोज गुप्ता सहित 10 पुलिस कर्मियों और को निलंबित कर दिया था।

अभी अनसुलझे हैं ये सवाल

    • 27 जून को संजीत की हत्या के बाद शव पांडु नदी में फेंका गया था, जो अभी तक नहीं मिला है।
    • संजीत का मोबाइल फोन अभीतक पुलिस बरामद नहीं कर सकी है, जिसकी जांच खासा अहमित रखती है।
    • संजीत का आइकार्ड भी बरामद नहीं हो सका है, जो हत्या के समय भी उसके पास ही था।
    • संजीत हमेशा एक बैग लेकर चलता था, जो अभी तक नहीं मिला है।
    • फिरौती की रकम वाला बैग भी पुलिस अबतक बरामद नहीं कर सकी है, वो बैग कहां पर है। 
    • फिरौती की रकम दी गई या नहीं, यह सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है।
    • संजीत के पिता व बहन ने पुलिस के कहने पर पुल से तीस लाख रुपयों से भरा बैग नीचे फेंकने की बात कह रहे हैं, जिसकी सचाई तलाशना बड़ी चुनौती है।
    • बर्रा थाने के निलंबित थाना प्रभारी रणजीत राय की भूमिक भी संदेह के दायरे में है, इसकी असलियत भी अभी बाहर नहीं आई है। 
    • पहले पुलिस ने फिरौती न देने और बाद में बैग में नकली नोट भरकर देने की बात कही लेकिन आरोपितों की रिमांड के बाद भी नोट नहीं बरामद किए गए।
    • पीड़ित परिवार ने बर्रा पुलिस पर अपहर्ताओं की मिलीभगत का आरोप लगाया है, जिसपर अभी भी आला अफसरों का जवाब अस्पष्ट है।

यूं रहा अबतक का घटनाक्रम

  • 22 जून- रात साढ़े आठ बजे हॉस्पिटल से घर आने के दौरान संजीत का अपहरण।
  • 23 जून- परिवार ने जनता नगर चौकी में बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
  • 26 जून - एसएसपी के आदेश पर राहुल यादव के खिलाफ रिपोर्ट।
  • 29 जून - अपहर्ता ने संजीत के पिता को फोन करके 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी।
  • 02 जुलाई - अपहर्ता ने फोन करके राहुल को छुड़वाने के लिए कहा।
  • 05 जुलाई - स्वजन ने शास्त्री चौक पर धरना प्रदर्शन किया।
  • 07 जुलाई - पुलिस ने पिता से 30 लाख रुपये का इंतजाम करने के लिए कहा।
  • 08 जुलाई - अपहर्ता ने फोन कर धमकी दी और रकम के बाबत पूछा।
  • 12 जुलाई - संजीत के स्वजन एसपी साउथ से मिले और कार्रवाई की मांग की।
  • 13 जुलाई - स्वजन ने फिरौती की रकम का इंतजाम कर पुलिस के साथ जाकर बैग गुजैनी पुल से नीचे फेंका।
  • 14 जुलाई - रकम देने के बाद भी बेटे के न लौटने पर स्वजन ने एसएसपी व आइजी से गुहार लगाई।
  • 15 जुलाई- एसएसपी ने चार दिन का समय मांगा और पुलिस की आठ टीमें लगाईं।
  • 16 जुलाई - जांच में लापरवाही मिलने पर बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय निलंबित। 
  • 17 जुलाई - स्वजन एसपी साउथ से मिलने गए, लेकिन एसपी का मिलने से इन्कार।
  • 22 जुलाई - पुलिस ने अपहरण में शामिल संजीत के पुराने दोस्तों को उठाया, सुराग मिले।
  • 23 जुलाई - पूछताछ के बाद दोपहर दो अन्य दोस्त और महिला मित्र हिरासत में ली गई, रात में पुलिस ने शव बरामद करने को पांडु नदी व नाले खंगाले।
  • 24 जुलाई - पुलिस ने पांच आरोपितों को भेजा जेल, एडीजी पुलिस मुख्यालय बीपी जोगदंड स्वजन से मिलने पहुंचे।
  • 25 जुलाई - शव की तलाश में 12वीं वाहिनी पीएसी के मोटरबोट भी मंगाए, एडीजी पुलिस मुख्यालय ने फिरौती प्रकरण में स्वजन से की पूछताछ।
  • 26 जुलाई - चार मोटरबोट की मदद से शुरू हुई फतेहपुर तक तलाश।
  • 27 जुलाई - फतेहपुर तक थानों में अलर्ट, भेजा गया संजीत का फोटो, कैंडल मार्च निकला।
  • 28 जुलाई- फॉरेंसिक टीम ने खंगाला अपहर्ताओं का ठिकाना, बोट न चलने से पैदल सर्च अभियान चला।
  • 29 जुलाई - 48 घंटे की कस्टडी रिमांड पर लिए गए तीन आरोपितों की निशानदेही पर शव फेंकने का स्थान किया चिन्हित।
  • 30 जुलाई - नौ घंटे के सर्च अभियान के बाद नहीं मिला शव, अपहरण और हत्याकांड का 25 हजार रुपये। का इनामी आरोपित सिम्मी गिरफ्तार।
  • 31 जुलाई - सिम्मी की निशानदेही पर फिरौती देने वाले स्थान को देखने पहुंची पुलिस।
  • 01 अगस्त- सर्च अभियान चलाया गया, पूर्व सांसद राजाराम पाल स्वजन से मिलने पहुंचे।
  • 02 अगस्त- परिवार ने शास्त्री चौक पर दिया धरना, सीबीआइ जांच की मंजूरी के बाद धरना समाप्त।

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