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Kanpur Kidnapping Case: दोस्तों ने बेखौफ होकर कबूला जुर्म, बताया-कैसे किया संजीत का अपहरण और कत्ल

Kanpur Sanjeet Kidnapping Newsफोन करके जन्मदिन की पार्टी के बहाने बुलाने के बाद शराब पीते समय जब घर न जाने की बात कही तो संजीत कहता रहा कि मम्मी-पापा बहुत परेशान होंगे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 03:14 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 03:14 PM (IST)
Kanpur Kidnapping Case: दोस्तों ने बेखौफ होकर कबूला जुर्म, बताया-कैसे किया संजीत का अपहरण और कत्ल
Kanpur Kidnapping Case: दोस्तों ने बेखौफ होकर कबूला जुर्म, बताया-कैसे किया संजीत का अपहरण और कत्ल

कानपुर, जेएनएन। संजीत जिन पर जान से ज्यादा भरोसा करता था, उन्हीं दगाबाज दोस्तों ने उसका गला घोंट दिया। पुलिस लाइन लाए गए चारों हत्यारोपितों के चेहरे पर कोई शिकन भी नहीं दिखी और बेखौफ होकर जुर्म कुबूल करते रहे। पुलिस के मुताबिक आरोपित कुलदीप और रामजी की संजीत से पुरानी दोस्ती थी, जबकि ज्ञानेंद्र से दोस्ती डेढ़ साल पहले ही हुई थी। शराब-बीयर के शौकीन सारे दोस्त मिलकर मौजमस्ती करते थे।

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मास्टरमाइंड ज्ञानेंद्र ने बताया कि डॉक्टर के बेटे को अगवा करने का इरादा छोड़कर संजीत का अपहरण करने का प्लान बनाया। इसके बाद 22 जून को संजीत को फोन करके जन्मदिन की पार्टी के बहाने बुलवाया। कार में शराब पीने के दौरान वह बार-बार संजीत से कहते रहे कि आज घर न जाओ, लेकिन संजीत कहता था कि मम्मी-पापा परेशान होंगे।

कार में ही किया था बहन को फोन

आरोपितों के साथ कार में बैठने के बाद ही संजीत ने अपनी बहन रुचि को फोन किया था। उसने कहा था कि आज ज्यादा काम है। घर आने में देर हो जाएगी। संजीत के कहने पर ही आरोपित उसे कार से पर्रा पांच ले गए थे, ताकि बहन को ये लगे कि दोस्त उसे घर छोडऩे आए हैं, लेकिन आरोपितों ने उसे पहले ही शराब के साथ बेहोशी की दवा दे दी थी।

शिवाजी पुलिया के पास ही कर लिया था अपहरण

संजीत का अपहरण धनवंतरि अस्पताल और बर्रा बाईपास के बीच शिवाजी पुलिया के पास किया था। आरोपित जानबूझकर संजीत को ज्यादा शराब पिला रहे थे। घर से एक किमी पहले शराब में बेहोशी की दवा मिलाई और रतनलालनगर स्थित कमरे में ले गए। वहां प्रीती और उसकी मां सिम्मी सिंह पहले से मौजूद थीं। उन्होंने गेट खोला संजीत को अंदर लाकर मुंह पर टेप लगा दिया। इसके बाद नीलू व प्रीती रुके, बाकी लोग घर चले गए थे।

बारी-बारी से देते थे पहरा

सभी आरोपित बारी-बारी से संजीत के पास पहरा देते थे। ज्ञानेंद्र हैलट अस्पताल से ड्यूटी करके सीधे रतनलाल नगर स्थित कमरे पर आता था। नीलू अपने घर जाकर खाना खाता था और वहां से एक फैक्ट्री में नौकरी पर जाने की बात कहकर आ जाता था। प्रीती गुमटी नंबर पांच स्थित मायके से खाना बनाकर लाती थी। वहीं खाना संजीत खाता था।

खाना खाने के दौरान धक्का देकर भागा था संजीत

आरोपितों के मुताबिक 26 जून की रात नीलू और प्रीती संजीत को खाना खिला रहे थे। इसी दौरान उसने धक्का देकर भागने की कोशिश की। इसके बाद नीलू ने रॉड से उस पर हमला कर दिया और मारपीट की। बाद में ज्ञानेंद्र ने आकर उसकी मरहम पट्टी की। चंूकि वह सभी को जानता था इसीलिए आरोपितों ने उसकी हत्या का निर्णय लिया और उसी रात मार दिया।

पांडु नदी में फेंका शव, शास्त्री चौक नाले में बैग

संजीत की हत्या के बाद आरोपितों ने रात तकरीबन दो बजे शव बोरे में भरकर पांडु नदी में फेंक दिया था। इसी दौरान रामजी शुक्ला ने संजीत की बाइक तात्याटोपे नगर तिराहे के पास झाडिय़ों में छिपा दी थी और बैग शास्त्री चौक स्थित नाले में फेंक दिया था। बैग में संजीत का टिफिन, मोबाइल फोन, चार्जर, अस्पताल से लिए गए सैंपल आदि सामान था। बैग बरामद करने के लिए पुलिस गोताखोरों व सफाईकर्मियों की एक टीम भी नाले में उतारी है।


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