Ukraine News : घर लौटने के बाद छात्रों को सता रही भविष्य की चिंता, लाखों खर्च कर चुके परिजन
यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के बीच भारतीय छात्रों को वहां से शहर आना शुरू है। इसी बीच छात्रों में अपने भविष्य को लेकर चिंता की लकीरे खिंच गई हैं। बच्चों को डर है कहीं युद्ध के बीच पढ़ाई खराब न हो जाए।
कानपुर, जागरण संवाददाता। यूक्रेन से अपनी जान बचाकर घर लौटे छात्र-छात्राओं के माथे पर अब भविष्य को लेकर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। शास्त्रीनगर निवासी रिद्धि त्रिवेदी गुरुवार को ही घर वापस लौटीं। वह इवानो फ्रैंक्विस विवि से एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा हैं। अचानक हमला होने पर वह अपने कपड़े, कापी किताबें व अन्य तमाम सामान वहीं पर छोड़ आईं। केवल कुछ रुपये, शैक्षिक दस्तावेज और लैपटाप लेकर आई हैं। उनके पिता शरद त्रिवेदी ने बताया कि पांचवें सेमेस्टर को उसने 99.1 फीसद अंकों के साथ पास किया था और अब छठे सेमेस्टर की पढ़ाई चल रही है। टापर होने के बावजूद बेटी का भविष्य अधर में है। हालांकि उन्होंने कहा सरकार पर भरोसा है कि वह इन बच्चों के लिए कुछ न कुछ जरूर करेगी। अगर हर विवि में सीट बढ़ा देगी तो भी बच्चों का समायोजन हो जाएगा।
कौशलपुरी निवासी चाहत कपूर के स्वजन ने भी बताया कि हमला होने पर बेटी अपना सारा सामान वहीं पर छोड़ आई है। आगे क्या होगा, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। बस सरकार से यही उम्मीद है कि वह इन बच्चों का भविष्य बर्बाद होने से बचाए। लाखों रुपये खर्च करके बच्चों को पढऩे भेजा था। उन्होंने कहा कि देश में मेडिकल एजुकेशन काफी महंगी है। प्राइवेट संस्थानों में एमबीबीएस सीट के 50 लाख से ज्यादा रुपये लगते हैं।
उजरोड और टर्नोपिल विवि 13 से शुरू कर रहा आनलाइन कक्षाएं
यूक्रेन से घर लौटे योगेंद्र विहार निवासी अमन कुमार शर्मा ने बताया कि वह उजरोड मेडिकल विवि से एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र हैं। उनका विवि उत्तरी क्षेत्र के कीव, खार्कीव आदि शहरों से काफी दूर है। वहां हालात ज्यादा खराब नहीं हैं। शायद इसी वजह से विवि ने सभी छात्र-छात्राओं की कक्षाएं 14 मार्च से आनलाइन मोड में शुरू कराने का मैसेज भेजा है। इसी तरह श्याम नगर पीएसी लाइन निवासी प्रशांत कुमार के पिता नाहर सिंह ने बताया कि बेटा टर्नोपिल विवि से एमबीबीएस सेकेंड इयर का छात्र है। उसके पास 13 मार्च से परीक्षाएं आनलाइन शुरू होने का मैसेज आया है।
210 लोगों को कंट्रोल रूप से पहुंचाई गई जानकारी
यूक्रेन में फंसे बच्चों की सहायता के लिए जिला प्रशासन ने 26 फरवरी 2022 को कलेक्ट्रेट परिसर में कंट्रोल रूम शुरू किया था। अब तक 17 लोगों ने अपने बच्चों की कुशलक्षेम जानने के लिए कंट्रोल रूम में काल की है जबकि कंट्रोल रूम से चार मार्च तक 210 काल की गईं। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि यूक्रेन में कानपुर नगर के 63 बच्चे फंसे थे जिनसे में 28 सकुशल अपने घर लौट चुके हैं। उन्होंने बताया कि कंट्रोल रूम के नंबर 0512-2985500 एवं 0512-2985501 और मोबाइल नंबर 9889233358 पर स्वजन अपने बच्चों के संबंध में जानकारी दे सकते हैं।