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रूमा के उद्यमियों को दोहरे टैक्स से निजात जल्द

रूमा औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों को जल्द दोहरे टैक्स से निजात मिल जाएगी। इसके लिए प्रयास चल रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Apr 2018 01:21 AM (IST)Updated: Wed, 04 Apr 2018 10:05 AM (IST)
रूमा के उद्यमियों को दोहरे टैक्स से निजात जल्द
रूमा के उद्यमियों को दोहरे टैक्स से निजात जल्द

जागरण संवाददाता, कानपुर : रूमा औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों को जल्द दोहरे टैक्स से निजात मिलेगी। पनकी औद्योगिक क्षेत्र साइट पांच और रूमा औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम को जबकि उन्नाव औद्योगिक क्षेत्र साइट दो नगर पालिका को हस्तांतरित किया जाएगा। इन क्षेत्रों में अभी जल निकासी की गंभीर समस्या है। समाधान के लिए प्रबंधन उद्यमियों से शुल्क लेगा, नाले का निर्माण व मरम्मत संबंधी कार्य कराएगा। इन कार्यो पर 15 से 20 करोड़ रुपये लागत आने की संभावना है।

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रूमा औद्योगिक क्षेत्र में नगर निगम हाउस टैक्स वसूलता है, लेकिन वहां पर विकास कार्य नहीं करता। टैक्स के रूप में जो भी राशि वसूली जाती है उसमें से 60 फीसद राशि औद्योगिक क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं के विकास पर खर्च का प्रावधान है। इस क्षेत्र में यूपीएसआइडीसी प्रबंधन भी टैक्स की वसूली करता है। उद्यमी इसका विरोध कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि इस औद्योगिक क्षेत्र को नगर निगम को हस्तांतरित कर दिया जाए ताकि दोहरे टैक्स से निजात मिल जाए। नगर निगम गृह कर की वसूली के साथ विकास भी कराए। यूपीएसआइडीसी मुख्यालय में आयोजित बैठक में क्षेत्रीय प्रबंधक राकेश झा ने दोहरे टैक्स का मुद्दा उठाया। प्रबंध निदेशक रणवीर प्रसाद ने इस समस्या के समाधान के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने के आदेश दिए। इसी तरह उन्नाव औद्योगिक क्षेत्र साइट 2 में जल निकासी की समस्या है। पनकी औद्योगिक क्षेत्र के साइट पांच में भी कोई विकास नहीं हो पा रहा है।

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मनमाने ढंग से नहीं बढ़ेंगी भूखंडों की दरें

-ट्रांसगंगा, सरस्वती व प्लास्टिक सिटी में स्थिर रह सकती कीमत

जागरण संवाददाता, कानपुर : यूपीएसआइडीसी के औद्योगिक क्षेत्रों में मनमाने ढंग से भूखंडों की दरें नहीं बढ़ेंगी। ऐसे औद्योगिक क्षेत्र जहां भूखंडों की मांग कम है लेकिन, दरें ज्यादा और सर्किल रेट कम, वहां भी दरें नहीं बढ़ाई जाएंगी। जहां भूखंडों की मांग अधिक है, वहां दरें बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। एक माह के अंदर दरों का निर्धारण कर दिया जाएगा।

मई 2016 के बाद यूपीएसआइडीसी में भूखंडों की दरें नहीं बढ़ाई गई हैं। कई बार दरें बढ़ाने पर विचार तो हुआ लेकिन, वर्ष 2016 में नोटबंदी के कारण 2017 में दरें नहीं बढ़ीं। अब दरों के पुनर्निधारण की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश प्रबंध निदेशक रणवीर प्रसाद ने दिया है। क्षेत्रीय प्रबंधकों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। उम्मीद है कि फर्रुखाबाद के खिनसेपुर, मथुरा के कोसी कोटवन, औरैया के दिबियापुर स्थित प्लास्टिक सिटी, उन्नाव के ट्रांसगंगा सिटी, इलाहाबाद स्थित सरस्वती सिटी, बांदा और चित्रकूट जिले में स्थित औद्योगिक क्षेत्रों में भूखंडों की दरें स्थिर रखी जाएंगी। पनकी, साहिबाबाद, ट्रोनिका सिटी, सूरजपुर समेत कई औद्योगिक क्षेत्रों में दरें बढ़ाई जा सकती हैं।


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