हर घर से जुड़ने को संघ का 'सातवां उत्सव'
जागरण संवाददाता, कानपुर : राष्ट्रवाद के विचार को हर घर तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक स
जागरण संवाददाता, कानपुर : राष्ट्रवाद के विचार को हर घर तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपने प्रमुख उत्सवों की श्रृंखला में एक और उत्सव जोड़ लिया है। अभी तक छह उत्सव प्रमुखता से मनाए जाते हैं। अब आरएसएस अपनी हर शाखा का वार्षिकोत्सव मनाएगा। अपने उत्सव सामूहिक रूप से मनाने की परंपरा से इतर यह पहला उत्सव होगा जो शाखा स्तर पर मनाया जाएगा। इस उत्सव का उद्देश्य प्रमुख रूप से निष्क्रिय स्वयंसेवकों सक्रिय करना और शाखा स्तर पर अपनी 'वृहद सूची' बनाकर हर घर से लोगों को शाखा आने के लिए आमंत्रित करना है। वार्षिकोत्सव में जहां वर्ष भर सीखे गए शारीरिक क्षमताओं के प्रदर्शन होंगे वहीं बौद्धिक के जरिए संघ की विचारधारा से लोगो को अवगत कराया जाएगा।
पहले प्रभात शाखाओं के जरिए नौकरीपेशा और सायं शाखाओं के जरिये बच्चों से लेकर युवाओं तक को जोड़ने वाला आरएसएस बदलते दौर में शाखाओं की व्यवस्था में भी बदलाव कर रहा है। सायं शाखाएं घटने के बाद मिलन केंद्र और संघ मंडली की व्यवस्था की गई। लोगों तक अपनी पहुंच को और बढ़ाने के लिए संघ ने एक और कवायद शुरू की है। अभी तक संघ अपने छह प्रमुख उत्सव वर्ष प्रतिपदा, ¨हदू साम्राज्य दिवस, गुरु पूर्णिमा, रक्षाबंधन, विजय दशमी और मकर संक्रांति को सम्मेलन (मंडल या नगर स्तर पर सामूहिक रूप से) के साथ मनाता रहा है। इसमें अधिकतर सक्रिय स्वयंसेवक ही पहुंचते रहे हैं। अधिक से अधिक लोगों को शाखा लाकर जोड़ा जाए, इसके लिए शाखाओं के वार्षिकोत्सव की परंपरा शुरू की गई। इसके तहत हर शाखा में वार्षिकोत्सव मनाना शुरू हो गया। वार्षिकोत्सव में सर्वाधिक संख्या पहुंचे आरएसएस के एक विभाग स्तर के अधिकारी ने बताया कि हर शाखा को अपनी वृहद सूची बनानी होगी। इस सूची में एक भी बार शाखा पर आ चुके व्यक्ति के साथ राष्ट्रवाद की विचारधारा से जुड़े शख्स का नाम होगा। इस वृहद सूची में शामिल हर नाम को आमंत्रित करना होगा।