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मिशन 2019 के लिए गुरुमंत्र दे गए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

कानपुर के अल्प प्रवास में सरसंघचालक ने स्वयंसेवकों को अनुसूचित जाति वर्ग से प्रेम की वही नीति समझाई है, जिस एजेंडे पर वर्तमान में भाजपा की चुनावी रणनीति चल रही है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 27 May 2018 07:37 AM (IST)Updated: Sun, 27 May 2018 07:37 AM (IST)
मिशन 2019 के लिए गुरुमंत्र दे गए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत
मिशन 2019 के लिए गुरुमंत्र दे गए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

 जागरण संवाददाता, कानपुर। जुबां पर एक बार भी न भाजपा का नाम आया और न ही चुनाव का, लेकिन 2019 के महासमर में भगवा ध्वज फिर कैसे फहरेगा, इशारों में इसका गुरुमंत्र राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत दे गए। कानपुर के अल्प प्रवास में सरसंघचालक ने स्वयंसेवकों को अनुसूचित जाति वर्ग से प्रेम की वही नीति समझाई है, जिस एजेंडे पर वर्तमान में भाजपा की चुनावी रणनीति चल रही है।

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संघ प्रमुख शनिवार सुबह करीब छह बजे डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस से कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंचे। उत्तर क्षेत्र संघचालक वीरेंद्र जीत सिंह समेत अन्य कार्यकर्ता उनकी अगवानी करने पहुंचे। वहां से क्षेत्र संघचालक के सिविल लाइन्स स्थित आवास पहुंचे। यहां संघ के प्रमुख पदाधिकारियों से मुलाकात कर हालचाल जाना। संघ सूत्रों के मुताबिक, मोहन भागवत ने लोकसभा चुनाव या किसी अन्य विषय पर तो बातचीत नहीं की, मगर स्वयंसेवकों से इतना जरूर कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग की बस्तियों में अपनी सक्रियता बढ़ाएं और नाता गहरा करें। इसके अलावा वर्तमान में चल रहे क्रियाकलापों की जानकारी ली और विस्तार पर जोर दिया।

संघ के स्वयंसेवक तो इसे सामान्य संदेश बता रहे हैं, लेकिन कुछ लोग इसके राजनीतिक निहितार्थ भी निकाल रहे हैं। तर्क है कि संघ के सेवा कार्य तो विभिन्न वर्गो के लिए चलते रहते हैं, लेकिन यहां उन्होंने अनुसूचित जाति की ही बात की। कयास लगाए जा रहे हैं कि सपा-बसपा गठबंधन को लोकसभा चुनाव में विफल कर फिर अनुसूचित जाति वर्ग का वोट भाजपा अपने पाले में करना चाहती है। इसी कोशिश को जमीनी स्तर पर कामयाब बनाने के लिए संघ भी खामोशी से इस रणनीति पर काम करेगा।

इधर, उरई प्रतिनिधि के मुताबिक, संघ प्रमुख सुबह 11.45 बजे जिले में चल रहे संघ शिक्षा वर्ग (प्रशिक्षण शिविर) में सहभागिता के लिए पहुंचे। एक स्कूल में उन्होंने द्वितीय वर्ष के स्वयंसेवकों को संबोधित किया।

मीडिया से रखी गई दूरी

सरसंघचालक का काफिला प्रशिक्षण शिविर स्थल पर पहुंचा तो गाड़ियां सीधे अंदर चली गईं। किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली। पत्रकारों ने काफी देर तक बाहर इंतजार भी किया, लेकिन किसी को प्रवेश नहीं करने दिया गया।


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