रेलवे टिकट आरक्षण में ऐसे हो रहा था खेल, आरपीएफ ने ट्रैवल्स कंपनी के संचालक को पकड़ा
आरपीएफ ने 95 हजार रुपये मूल्य के 53 अवैध टिकट बरामद किये।
By AbhishekEdited By: Published: Sat, 22 Dec 2018 06:40 PM (IST)Updated: Sun, 23 Dec 2018 12:12 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। रेलवे प्रशासन के तमाम प्रयासों के बाद रेल टिकट आरक्षण में दलालों का मकडज़ाल अभी खत्म नहीं हुआ है। कानपुर में रेलवे टिकट आरक्षण में किये जा रहे खेल का पर्दाफाश करते हुए आरपीएफ ने एक अवैध कारोबारी को गिरफ्तार किया है। आरपीएफ ने आरोपित के पास से 95 हजार रुपये मूल्य के अवैध टिकट बरामद किए हैं। इसके बाद इस गोरखधंधे से जुड़े अन्य दलालों में अफरा तफरी का माहौल बना है। वहीं आरपीएफ भी पूरी तरह से संजाल तोडऩे की कवायद में जुट गई है।
रेलवे मंत्रालय ने रेल टिकट आरक्षण के लिए तरह-तरह से यात्रियों को सुविधाएं दिए जाने के साथ नियम भी सख्त कर दिये हैं। टिकट आरक्षण कराने वाला ही यात्रा करेगा और ट्रेन में आइडी चेक किये जाने का प्रावधान है। इसके बावजूद सेंट्रल स्टेशन पर विभिन्न ट्रेनों में रेल टिकट आरक्षण का गोरखधंधा जारी था। यहां दलाल धड़ल्ले से पहले से टिकट आरक्षित कराकर यात्रियों से अधिक वसूल करते हैं। इस काम में ज्यादातर ट्रैवल्स कंपनी से जुड़े लोग शामिल हैं।
गोविंदनगर की ट्रैवल्स कंपनी में छापा मारा
आरपीएफ ने मुखबिर की सूचना पर शनिवार को गोविंदनगर के ब्लॉक नंबर 9 में स्थित कृपाल ट्रैवल्स पर छापा मारा। आरपीएफ ने मौके पर संचालक राहुल तीथार्नी उर्फ बाबू पुत्र जीयन्द राम को गिरफ्तार कर लिया। जूही आरपीएफ प्रभारी शिप्रा सिंह ने बताया कि मौके से 53 अवैध रेल टिकट बरामद हुए, जिसमें 16 विंडो टिकट व 37 व्यक्तिगत यूजर आईडी पर बने ई टिकट शामिल थे। इनमें अग्रिम तिथियों के 29 टिकट थे। बरामद रेल टिकटों का मूल्य 94926 रुपये है। साथ ही 9600 रुपये भी बरामद हुए। दुकान में दो सीपीयू, दो मानीटर, एक प्रिंटर, एक डोंगल, तीन मोबाइल भी कब्जे में लिये गये हैं। मौके से बरामद एक डायरी में यात्रियों का लेखाजोखा और कुछ मोबाइल नंबर दर्ज हैं। आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच उप निरीक्षक देबी सिंह को दी गई है।
ऐसे होता है खेल
रेलवे प्राइवेट लोगों को रेल टिकट बनाने की सशर्त अनुमति देती है। ऐसे लोग व्यक्तिगत यूजर आईडी बनाकर रेलवे टिकटों का आरक्षण करते हैं और उसका इस्तेमाल व्यवसायिक रूप में करते हैं, जबकि व्यक्तिगत यूजर आईडी से केवल सीमित टिकट ही किए जा सकते हैं।
रेलवे मंत्रालय ने रेल टिकट आरक्षण के लिए तरह-तरह से यात्रियों को सुविधाएं दिए जाने के साथ नियम भी सख्त कर दिये हैं। टिकट आरक्षण कराने वाला ही यात्रा करेगा और ट्रेन में आइडी चेक किये जाने का प्रावधान है। इसके बावजूद सेंट्रल स्टेशन पर विभिन्न ट्रेनों में रेल टिकट आरक्षण का गोरखधंधा जारी था। यहां दलाल धड़ल्ले से पहले से टिकट आरक्षित कराकर यात्रियों से अधिक वसूल करते हैं। इस काम में ज्यादातर ट्रैवल्स कंपनी से जुड़े लोग शामिल हैं।
गोविंदनगर की ट्रैवल्स कंपनी में छापा मारा
आरपीएफ ने मुखबिर की सूचना पर शनिवार को गोविंदनगर के ब्लॉक नंबर 9 में स्थित कृपाल ट्रैवल्स पर छापा मारा। आरपीएफ ने मौके पर संचालक राहुल तीथार्नी उर्फ बाबू पुत्र जीयन्द राम को गिरफ्तार कर लिया। जूही आरपीएफ प्रभारी शिप्रा सिंह ने बताया कि मौके से 53 अवैध रेल टिकट बरामद हुए, जिसमें 16 विंडो टिकट व 37 व्यक्तिगत यूजर आईडी पर बने ई टिकट शामिल थे। इनमें अग्रिम तिथियों के 29 टिकट थे। बरामद रेल टिकटों का मूल्य 94926 रुपये है। साथ ही 9600 रुपये भी बरामद हुए। दुकान में दो सीपीयू, दो मानीटर, एक प्रिंटर, एक डोंगल, तीन मोबाइल भी कब्जे में लिये गये हैं। मौके से बरामद एक डायरी में यात्रियों का लेखाजोखा और कुछ मोबाइल नंबर दर्ज हैं। आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच उप निरीक्षक देबी सिंह को दी गई है।
ऐसे होता है खेल
रेलवे प्राइवेट लोगों को रेल टिकट बनाने की सशर्त अनुमति देती है। ऐसे लोग व्यक्तिगत यूजर आईडी बनाकर रेलवे टिकटों का आरक्षण करते हैं और उसका इस्तेमाल व्यवसायिक रूप में करते हैं, जबकि व्यक्तिगत यूजर आईडी से केवल सीमित टिकट ही किए जा सकते हैं।
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