Road Safety With Jagran : अक्सर लापरवाही बनती है दुर्घटनाओं का कारण, बचाव के लिए यातायात नियमों का करे पालन
Road Safety With Jagran अक्सर दुर्घटनाओं में लापरवाही सबसे बड़ा कारक निकलता है। लोगों का यातायत नियमों को पालन न करना भी एक बड़ी समस्या है। ऐसे में हमारी टीम ने डीसीपी ट्रैफिक से इन मुद्दों पर कुछ सवालात किए हैं।
कानपुर, जागरण संवाददाता। दैनिक जागरण के सुरक्षित यातायात अभियान के दौरान टीम ने हाईवे के ब्लैक स्पाट, हाईवे पर उल्टी चाल, डग्गामार वाहनों की अराजकता, हाईवे के चौराहों पर अतिक्रमण को लेकर डीसीपी ट्रैफिक तेज स्वरूप सिंह से बातचीत की। डीसीपी ट्रैफिक ने अभियान को सराहनीय बताते हुए कहा कि जीवन अनमोल है। उनका कहना है कि लोग कार्रवाई के डर से नहीं खुद को और दूसरों को सुरक्षित रखने के लिए यातायात नियमों का पालन जरूर करें।
हाईवे पर ट्रैफिक पुलिस की पेट्रोलिंग के क्या इंतजाम हैं?
हाईवे पर ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी नहीं लगती है। लंबा जाम होने की स्थिति में थाना पुलिस के साथ ट्रैफिक पुलिस का सहयोग लिया जाता है। हाईवे पर अधिक रफ्तार और ओवरलोडिंग की कार्रवाई संभागीय परिवहन विभाग की ओर से की जाती है।
भौती रूमा एलिवेटेड हाईवे पर गुजैनी बड़ा ब्लैक स्पाट है। इसके बाद भी लोग डिवाइडर फांदकर हादसों को दावत देते हैं। इनकी रोकथाम के लिए क्या करेंगे?
हाईवे पर होने वाले हादसों की रोकथाम के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) को इंतजाम करने हैं। इसे लेकर एनएचएआइ से पत्राचार किया जा रहा है। लोग डिवाइडर न फांद सकें इसके लिए जल्द सुरक्षा के इंतजाम कराए जाएंगे।
कुछ स्थान ऐसे हैं जो कई वर्षों से ब्लैक स्पाट के रूप में चिह्नित किए जाते हैं, इनमें सुधार क्यों नहीं हो रहा ?
पूर्व में ब्लैक स्पाटों की संख्या 23 थी। सुधारात्मक कार्य के चलते इनकी संख्या 17 हुई। अब कमिश्नरेट और आउटर को मिलाकर जो नई सूची तैयार हुई है उसमें सिर्फ 10 ब्लैक स्पाट ही शामिल हैं। इनमें सुधार के लिए कई विभागों को काम करना होता है। इसके लिए भी संबंधित विभागों से पत्राचार किया जा रहा है। कुछ स्थानों पर भारी वाहनों का दबाव अधिक होने से यहां हादसे होते हैं। जिसके चलते यह लगातार ब्लैक स्पाट की सूची में शामिल हैं। जल्द ही उनमें भी सुधार किया जाएगा।
मालवाहक वाहनों से सवारी ढोने का सिलसिला जारी है। इनकी रोकथाम के लिए क्या कर रहे हैं?
इसकी रोकथाम के लिए पहले स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया गया है। गांव-गांव मीटिंग की जा रही है। जो जिस काम के लिए हैं, उसमें ही उसका इस्तेमाल किया जाए। निरंतर चालान भी किए जा रहे हैं। पाबंदी के बाद से अब तक 25 वाहनों के चालान किए गए हैं।
जीटी रोड पर जहां बाटल नेक की स्थिति है। वहां हादसे की रोकथाम के लिए यातायात पुलिस ने क्या इंतजाम किए हैं?
चौबेपुर शिवराजपुर में जीटी रोड का चौड़ीकरण हो रहा है। चौड़ीकरण के बाद समस्या का समाधान हो जाएगा। स्थानीय पुलिस को लगाया गया है। फिलहाल अभी जो अतिक्रमण की स्थिति थी। उसे हटाया गया है।
भौंती रूमा हाईवे पर उल्टी चाल से लोग चलते हैं। इनकी रोकथाम के लिए यातायात पुलिस क्या कर रही है?
इसकी रोकथाम के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। थाना पुलिस को लगातार कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए लोगों को जागरूक करने का भी काम किया जा रहा है। कुछ स्थानों पर जहां लोग नियम का उल्लंघन करने से बाज नहीं आते उन पर चालान की कार्रवाई भी की जा रही है।
रामादेवी चौराहे पर चौतरफा अतिक्रमण है, जिससे यातायात फंसता है। इसके लिए क्या प्रयास करेंगे?
रामादेवी चौराहे पर यातायात का दबाव अधिक होता है। नियमानुसार किसी भी चौराहे पर वाहनों को रोककर सवारियां बैठाने और उतारने की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए। इसके बाद भी चौराहा अतिक्रमण से घिरा रहता है। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस के साथ थाना पुलिस को भी सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे सड़क पर अतिक्रमण न हो। जल्द ही चौराहे से पहले सवारियां उतरने और बैठाने की व्यवस्था का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। रही बात ठेलिया व फुटपाथ दुकानदारों की तो नगर निगम से पत्राचार करके चौराहे को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।
लोग सीट बेल्ट नहीं लगाना शान समझते हैं, क्या कार्रवाई कर रहे हैं?
सीट बेल्ट सुरक्षा के लिए है। इसे लगाना चाहिए। स्कूल कालेज में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करके, जनप्रतिनिधियों के माध्यम से लोगों तक यह संदेश पहुंचाने का काम किया जा रहा है। वहीं उल्लंघन करते हुए पकड़े जाने पर कार्रवाई भी की जा रही है। बीते 25 दिनों के भीतर यातायात पुलिस की ओर से 1993 लोगों का सीट बेल्ट न लगाने में चालान किया गया है। सख्ती से इसका पालन कराया जाएगा।
चार पहिया वाहनों में पीछे की सीट बेल्ट कोई सवारी नहीं लगाती हैं, क्या प्रविधान कर रहे?
चार पहिया वाहनों में पीछे की सवारियों को भी सुरक्षित रहने के लिए सीट बेल्ट जरूर लगानी चाहिए लेकिन पुराने वाहनों में पीछे की सवारियों के लिए सीट बेल्ट की व्यवस्था ही नहीं है। शासन से नई गाइडलाइन आने पर उसका सख्ती से पालन कराया जाएगा।
ड्राइविंग लाइसेंस के बिना ही किशोर जहां वाहन चला रहे हैं, वहीं लोग बिना हेलमेट गाड़ी दौड़ा रहे हैं। इसके लिए क्या कर रहे हैं?
दो स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। जिसमें एक जो ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर है कि बिना लाइसेंस लिए गाड़ी न चलाएं। दूसरा दोपहिया वाहन बिना हेलमेट के चलाने को लेकर भी कार्रवाई की जा रही है। बीते 25 दिनों के भीतर 28715 वाहनों के चालान बिना हेलमेट में किए गए हैं। लोग अधिक से अधिक यातायात के नियमों का पालन करें।
यातायात संभालने वाली जगहें अधिक हैं, कर्मचारी कम। क्या कर रहे हैं इसके लिए?
कर्मचारियों की वास्तविकता में कमी है। इसकी पूर्ति के लिए एक हजार होमगार्ड के जवान मिले हैं। उनकी मदद से यातायात को सुचारु किया जा रहा है। जिस तरह से थानों की जिम्मेदारी अपराध पर अंकुश लगाने का है। उसी तरह से यातायात व्यवस्था को दुरुस्त रखने में थाना पुलिस को पूरा सहयोग देना चाहिए। जहां समस्या होती है वहां थाना पुलिस का भी सहयोग लिया जाता है।
जागरूकता के कार्यक्रमों के बाद भी लोग नियमों का पालन नहीं करते, क्यों?
समय-समय पर विभाग की ओर से जागरूकता के कार्यक्रम चलाए जाते हैं। जितने अधिक से अधिक लोग यातायात नियमों का पालने करने के लिए जागरूक होंगे, उतने ही हादसों में कमी ला पाएंगे। लोगों को चाहिए कि चालान और कार्रवाई से बचने और खुद को सुरक्षित रखने के लिए नियमों का पालन करें, क्योंकि यातायात नियमों की अनदेखी करना जीवन पर भारी पड़ जाता है।