Road Safety With Jagran : महज 38 किलोमीटर में मिले 17 मौत के कट, ये जानलेवा मोड़ हादसों का बनते है मुख्य कारण
Road Safety With Jagran कानपुर में प्रतिदिन हर रोज दुर्घटना होती रहती है। इन दुर्घटनाओं में हम रफ्तार को तो दोषी ठहरा देंते है लेकिन इन हादसों में सड़क भी उतनी ही जिम्मेदार होती है। शहर की सड़को के कुछ खतरनाक मोड़ अक्सर हादसों का बड़ा कारण होते हैं।
कानपुर, (आशीष पांडेय)। Road Safety With Jagran : भौंती-रूमा एलीवेटेड रोड की यात्रा पूरी कर बस उतरे ही थे कि सामने अवैध कट से यू टर्न लेते लोडर से बचने के लिए तेज ब्रेक लगाना पड़ा। फतेहपुर की ओर जाने वाली इस सड़क पर अक्सर हादसे होते हैं, लेकिन ये हादसे क्यों और कैसे होते हैं, यह खुद देख भी लिया था। एलीवेटेड रोड के ठीक मुहाने पर ही इस तरह का अवैध कट देख सड़कों का आडिट करने के लिए निकली जागरण की टीम भी उसी राह पर आगे चल पड़ी।
हाईवे पर वाहनों की तेज रफ्तार में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर बने अवैध कट रफ्तार पर ब्रेक लगा रहे थे। गिनती करते करते फतेहपुर की सीमा पर पहुंचे तो पता चला कि 38 किलोमीटर लंबे रास्ते में 17 अवैध कट हैं। महाराजपुर के पास तो ट्रैक्टर ट्राली में ट्रैक्टर एक तरफ था और ट्राली दूसरी ओर थी। आते जाते वाहनों को अपने को बचाना पड़ रहा था। यहां हृदयखेड़ा,नौगवां, डोमनपुर, सरसौल, हाथीपुर बड़े कट हैं लेकिन इन पर कोई नजर नहीं रखता। ग्रामीण क्षेत्र होने के चलते यहां दो पहिया वाहन सवार हेलमेट भी नहीं लगाते।
जीटी रोड पर ही आइआइटी से जब बिल्हौर की ओर चले तो मंधना कोठी पुलिया संकरी होने की वजह से जाम लगा था। ट्रक पुलिया की दीवार रगड़ते हुए आगे बढ़ रहे थे। रात में यहां अक्सर घटनाएं होती हैं और ट्रकों की टक्कर से दीवार पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। चौबेपुर से शिवराजपुर के बीच आठ किलोमीटर सड़क सबसे ज्याा खराब है। यहां चौड़ीकरण का काम होने की वजह से हाईवे पर कई बार लेन बदलनी पड़ती है।
दैनिक जागरण सुरक्षित यातायात अभियान : बर्रा में दो पहिया वाहनों और पैदल चलने वालों के लिए बनाए गए अंडर पास से चार पहिया वाहन बेरोकटोक के गुजरते हैं। @kanpurtraffic @CMOfficeUP #RoadSafetyWithJagran pic.twitter.com/57AgvlzYUN— Ashish Pandey (@AshishJagran) November 17, 2022
एलीवेटेड हाईवे पर 5.8 किलोमीटर सड़क जानलेवा
जाजमऊ स्थित गंगा पुल से भौंती एलीवेटेड रोड पर चले तो 37 किलोमीटर लंबी सड़क पहले 5.8 किलोमीटर तो खस्ताहाल है। टीम के आगे चल रही बस बड़े-बड़े गड्ढ़ों में हिचकोले खा रही थी। कार से जा रहे औरैया निवासी राजकुमार बोले, गलती हो गई जो इस सड़क से चला आया। सफाई न होने से तीन इंच मोटी मिट्टी व बजरी की पर्त बन गई है। इस पर दोपहिया वाहन अक्सर फिसलते हैं। ओवरलोड वाहनों के गुजरने से लखनऊ जाने वाली लेन पर नाली जैसी बन गई हैं। पुराना गंगा पुल का तो पूरा स्लैब क्षतिग्रस्त है।
दैनिक जागरण सुरक्षित यातायात : यह नजारा है। लखनऊ कानपुर राजमार्ग पर जाजमऊ गंगापुल का। स्लैब का सरिया का जाल झांक रहा। यहां वाहनों की रफ्तार काफी कम रहती है। @kanpurtraffic @CMOfficeUP #RoadSafetyWithJagran pic.twitter.com/ydIw0Bc1d7— Ashish Pandey (@AshishJagran) November 17, 2022
स्लैब में लगा सरिया का जाल बाहर झांक रहा है। इसकी सरिया वाहनों के टायरों को फाड़ देती है। जाजमऊ नई चुंगी चौराहे के पास एलीवेटेड रोड के तीन पिलर के बीच बने दो स्लैब के ज्वाइंटर खराब हो चुके हैं। दोनों की रबर प्लेट गायब है। ऊपर से दोनों स्लैब की दरार आसानी से देखी जा सकती है। इसकी वजह से सड़क पर कंपन बढ़ गया है। रामादेवी चौराहे से एलीवेटेड हाईवे पर चढ़ने के लिए बनाए गए रैंप का भी ज्वाइंटर खुल चुका है। दोनों के बीच करीब पांच इंच का गड्ढा हो गया है। इन्हें जोड़ने के लिए लोहे के एंगल लगाए गए लेकिन उनका भी जोड़ खुल गया। नुकीला हो चुका एंगल वाहनों का पहिया में फंसने से हादसे होते हैं।
दैनिक जागरण का सुरक्षित यातायात: रामादेवी से जाजमऊ एलिवेटेड हाईवे पर रैंप और हाईवे के बीच खुला ज्वाइंटर। @kanpurnagarpol @CMOfficeUP #RoadSafetyWithJagran pic.twitter.com/HBEHFZohKq— Ashish Pandey (@AshishJagran) November 17, 2022
हाईवे पर खड़े डंपर बनते हादसों का कारण
कानपुर-सागर हाईवे पर रमईपुर हनुमान मंदिर से मटियारा मोड़ तक दो किलोमीटर के बीच काफी घुमाव है। यहीं तेजीपुरवा गांव के बाहर सड़क के दोनों ओर डंपर की कतार लगी हैं। इनसे बचने में सामने से आ रहे एक ट्रक से कार टकराते टकराते बची। अक्सर घाटमपुर जाने वाले राकेश त्रिवेदी बोले, यहां बहुत खतरा है। कोहरा होगा तो ये और खतरनाक हो जाएंगे। रामगंगा नहर पर बने पुल पर सिर्फ पैचवर्क नजर आता है।
ब्लैक स्पाट
नारामऊ, नौबस्ता, बर्रा, गुजैनी हाईवे, यशोदा नगर चौराहा, भदरस मोड़, पतारा, जहांगीराबाद (घाटमपुर), रामपुर दुर्गा मंदिर, आनूपुर मोड़ (सजेती), हरबसपुर, रमईपुर, मगरासा मोड़, शंभुआ पुल (बिधनू), किसान नगर, भौंती (सचेंडी), ब्रह्मदेव मंदिर (महाराजपुर)
यहां हैं बाटलनेकनरोना से फूलबाग चौराहा, पुराना गोविंदपुरी पुल से फर्नीचर मार्केट, श्याम पैलेस से खलवापुल की ढाल, हमीरपुर रोड पर रमईपुर और बिधनू कस्बा, शिवराजपुर बाजार, चौबेपुर बाजार, बिल्हौर कस्बा से रेलवे स्टेशन, अरौल कस्बा।
हाईवे पर नहीं मार्ग प्रकाश
भौंती से जाजमऊ एलीवेटेड रोड पर रामादेवी तक सात स्थानों पर रोशनी नहीं है। रामादेवी से जाजमऊ गंगापुल तक कहीं भी मार्ग प्रकाश नहीं है। नौबस्ता चौराहे से धोबिनपुलिया के बीच 10 खंभों पर लाइट बंद हैं। यहां से सेनपश्चिम पारा पुलिस चौकी तक पांच स्थानों पर रोशनी की व्यवस्था नहीं है। फिर घाटमपुर तक मार्ग प्रकाश की व्यवस्था नहीं है।
एलीवेटेड हाईवे से घटे हादसे
महाराजपुर में पुरवामीर हादसों का बड़ा स्पाट था। यहां माह में 80 से 90 हादसे होते थे। डेढ़ माह पूर्व यहां एलीवेटेड हाईवे शुरू हो गया जिससे डेढ़ माह में सिर्फ दो हादसे हुए।
34 माह में हुईं घटनाएं
- 3,942 हादसे
- 1,887 लोगों की मौत।
- 2,704 घायल।
- 40 प्रतिशत लापरवाही से वाहन चलाना।
- 15 प्रतिशत अधिक रफ्तार।
- 10 प्रतिशत ओवरलोडिंग।
- 25 प्रतिशत खराब सड़क से।
- 10 प्रतिशत अन्य कारण।
इन वाहनों से 10 माह में हादसे
वाहन हादसे मौत घायल
दो पहिया वाहन 179 128 75
कार-जीप 150 97 53
बस 10 25 09
ट्रक-लारी 48 150 197
अन्य वाहन 688 93 417
इन सड़कों पर हुए हादसे
सड़क मौत
सीधी सड़क 75
कर्व रोड 135
पुल 40
पुलिया 20
अन्य 131
हादसों के आंकड़े कमिश्नरेट
वर्ष हादसों की संख्या मौत घायल
2020 849 389 561
2021 987 436 672
2022 539 175 412
आउटर में
2020 472 264 307
2021 559 304 403
2022 536 319 349
अधिकारी बोले
सड़क के गड्ढों को भरा जा रहा है। सड़क सुरक्षा व अन्य इंतजामों के लिए विशेष कमेटी बनाई है। इसमें पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, यातायात पुलिस व अन्य विभागों के अधिकारी हैं। इसी सप्ताह बैठक होगी। कमेटी के सदस्य प्रत्येक सप्ताह समस्याओं के निदान की जानकारी अधिकारियों को होंगे। - डा. राजशेखर, मंडलायुक्त
एलीवेटेड हाईवे के कुछ स्थानों की सड़क खुरदुरी हो गई थी। वहां के साथ रामादेवी चौराहे से जेके कालोनी चौराहे के बीच एलीवेटेड हाईवे की सर्विस रोड पर पैचवर्क कराकर सड़क दुरुस्त कराई गई है। काम जारी है। - अमन रोहिला, परियोजना निदेशक राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण
जीटी रोड पर कई स्थानों पर एक सप्ताह पहले पैचवर्क कराया है। मंधना व आसपास जीटी रोड के चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। अगर दोबारा गड्ढे हो गए हैं तो उन्हें भरने और सड़क को चलने योग्य बनाने की जिम्मेदारी निर्माण कंपनी की है। - प्रशांत दुबे, परियोजना निदेशक राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण।