Road Safety With Jagran : शहर की सड़को में घूम रहे 13,124 खटारा वाहन, खुले हाथों से दुर्घटना को दे रहे आमंत्रण
Road Safety With Jagran कानपुर की सड़को पर दिखने वाले अधिकतर वाहन खटारा हो चुके है। जो खुले हाथों से सड़क दुर्घटना को आमंत्रण देते हैं। कई वाहन तो बिना नंबर प्लेट के चलते दिखाई दिए वहीं कई वाहन मानकों को तार पर रखकर सवारी ढोते नजर आए।
कानपुर, जागरण संवाददाता। Road Safety With Jagran : शहर में 13,124 खटारा हो चुके वाहन जानलेवा बन गए हैं। इन वाहनों को सवारी, माल ढोते कभी भी देखा जा सकता है। इनका संचालन रोकने के लिए संभागीय परिवहन विभाग के पास कोई स्थाई उपाय नहीं है। बस चेकिंग के दौरान पकड़े जाने पर जुर्माना भर कर औपचारिकता पूरी कर दी जाती है।
सुरक्षित यातायात अभियान के दौरान दैनिक जागरण की टीम हाईवे की पड़ताल के लिए निकली तो शहरी क्षेत्र के साथ हाईवे पर भी जर्जर, खटारा वाहन चलते नजर आए। टीम को किसान नगर मोड़ से सचेंडी के बीच 4.5 किलोमीटर की दूरी पर ट्राली में झाड़ियां लादकर जाता ट्रैक्टर नजर आया। ट्रैक्टर और ट्राली की दशा बता रही थी कि दोनों अपनी आयु पूरी कर चुके हैं। ट्रैक्टर पर हाथ से पेंट किया गया था। ट्राली जंग लगी थी। ट्रैक्टर में न आगे नंबर था और न ट्राली में पीछे। टेल लाइट, रेट्रो टेप भी गायब थे।
ट्रैक्टर गुजरने के बाद पांच मिनट में मलबा लादे जा रहा दूसरा ट्रैक्टर दिखा। इसकी हालत भी खराब थी और रेट्रो टेप, नंबर प्लेट, टेल लाइट नहीं थी। सात मिनट बाद एक खटारा लोडर गुजरा। इसमें बैक लाइट टूटी थी और रेट्रो टेप गायब था। पेंट पूरी तरह खराब हो चुका था। टीम नौबस्ता चौराहा पहुंची। यहां से बिनगवां तक करीब सात किलोमीटर की दूरी में मौरंग और गिट्टी ढोने वाली सात ट्रैक्टर ट्रालियां गुजरीं। सभी की हालत खराब थी और इनमें भी बैक लाइट, रेट्रो टेप नहीं थे। कुछ समय पहले साढ़ में ट्रैक्टर-ट्राली पलटने से 26 लोगों की मौत के बाद दस दिन तक शहर भर में अभियान चलाया गया था जो अब ठंडे बस्ते में है।
दस मिनट में यहां से 13 डंपर भी गुजरे जिसमें तीन में बैक और टेल लाइट टूटी थी और रेट्रो टेप गायब थे। इनसे मिट्टी की ढुलाई की जा रही थी। टीम घंटाघर पहुंची तो वहां से रामादेवी के बीच चलने वाली निजी सीएनजी बस में यात्री तो सवार थे लेकिन, बस की हालत जर्जर थी। लाइट को एक ईंट का टुकड़ा फंसाकर रोका गया था। इंडीकेटर टूट चुके थे और कई जगह से दबी बस खुद बता रही थी कि वह बहुत से हादसे कर चुकी है।
चार दिन पहले ही जीटी रोड पर नारामऊ के पास दो कारों की भिड़ंत हुई थी। दोनों गाड़ियों के एयरबैग खुलने से कार सवारों की जान बच गई थी लेकिन, शहरी क्षेत्र में 70 प्रतिशत कार और लोडर चालक सीट बेल्ट का इस्तेमाल करते नजर आते, वहीं हाईवे पर यह संख्या 50 प्रतिशत पर आ गई। हाईवे पर ट्रैफिक पुलिस और संभागीय परिवहन विभाग की इस पर नजर रखने की कोई व्यवस्था नहीं है।
#कानपुर दैनिक जागरण का सुरक्षित #यातायात अभियान : कागजों पर फिट, लेकिन अपनी उम्र पूरी कर चुके अनफिट वाहन दौड़ रहे सड़कों पर @kanpurtraffic @kanpurnagarpol @CMOfficeUP #Traffic pic.twitter.com/e7S5LnyFWA— Ashish Pandey (@AshishJagran) November 16, 2022
यह हैं फिटनेस के नियम (वाणिज्यक वाहन के)
- आठ वर्ष से अधिक पुराने वाहनों की फिटनेस प्रत्येक वर्ष होती है।
- आठ वर्ष से कम पुराने वाहनों की फिटनेस प्रत्येक दो साल में होती है।
निजी वाहन के फिटनेस के नियम
निजी प्रयोग में आने वाले दो पहिया, चार पहिया वाहनों की फिटनेस पंजीकरण की समय सीमा तक होती है। दोबारा पंजीकरण के दौरान फिटनेस जांची जाती है।
सुरक्षित यातायात अभियान : सचेंडी हाईवे पर बिना नंबर और रेट्रो टेप के चलता ट्रैक्टर ट्राली। कागजों पर यह भी फिट ही होगा। इसमें न तो बैक लाइट है न ही पार्किंग लाइट की कोई व्यवस्था। @kanpurtraffic #RoadSafetyWithJagran pic.twitter.com/JCLKrnZf8M— Ashish Pandey (@AshishJagran) November 16, 2022
इन बिंदुओं पर देखी जाती है फिटनेस
- गाड़ियों में पीछे लाल, आगे सफेद और साइड में पीले रंग का रेट्रो टेप लगा होना चाहिए।
- गति सीमा की डिवाइस जरूरी होती है।
- वाहन की फिटनेस के दौरान उसका पेंट भी देखा जाता है। पेंट खराब नहीं होना चाहिए।
- गाड़ी में हेट लाइट, पार्किंग, इंडीकेटर, बैक लाइट, टेल लाइट जलनी चाहिए।
- इंजन, चेसिस और ब्रेक की भी जांच भी होती है।
- ट्रेलर में साइड गार्ड लगा होना जरूरी है।
यह है संभागीय परिवहन विभाग के आंकड़े
- पंजीकृत वाहन : 1584200
- दो पहिया : 1193263
- कार : 244484
- एंबुलेंस : 444
- प्राइवेट : 1496523
- माल ढोने वाले : 43589
- सवारी ढोने वाले : 44088
- कुल अनफिट वाहन : 13124
- वर्ष 2022 में फिटनेस जांच : 16758 वाहनों की
- अनफिट मिले : 1710
- अनफिट एंबुलेंस : 167
- आठ माह में अनफिट वाहनों के चालान : 9600
- 20 वर्ष पूरे कर चुके निजी वाहन : 162807
- 15 वर्ष पूरे कर चुके व्यवसायिक वाहन : 6294 :
- अनफिट वाहन का जुर्माना : 10,000
बोले अफसर
वाहनों की फिटनेस की जांच हो रही है। इसके लिए अभियान भी चलाया जाता है। अनफिट वाहनों पर कार्रवाई भी हो रही है। सितंबर में 2.24 करोड़ तो अक्टूबर में 1.59 करोड़ का जुर्माना वसूला गया। - विदिशा सिंह, आरटीओ प्रवर्तन
रोज 90 वाहन फिटनेस के लिए आते हैं। एक पथ निरीक्षक पर जिम्मेदारी होने से ज्यादा समय लगता है। तीन पथ निरीक्षकों की जरूरत है। डाटा सिस्टम में उपलब्ध होने के बाद भी दस्तावेज मांगकर उत्पीड़न करते हैं। - मनीष कटारिया, उत्तर प्रदेश मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन महामंत्री