औरैया हादसा : टोल प्लाजा की टाइमिंग दे रही कुछ और गवाही, डीसीएम और ट्राला की ट्रैवल हिस्ट्री में सामने आईं कई बातें
औरैया हादसा ट्राला पर 40 प्रवासी कामगार और डीसीएम में 22 प्रवासी सवार होकर जा रहे थे।
औरैया, जेएनएन।[road accident in uttar pradesh auraiya] औरैया हादसे में 26 प्रवासियों की मौत और चालीस से ज्यादा मजदूरों के घायल होने की घटना के बाद हर तरह से छानबीन की जा रही है। प्रथम दृष्टया हादसे के पीछे डीसीएम की तेज रफ्तार वजह मानी जा रही है लेकिन टोल प्लाजा की टाइमिंग कुछ और ही गवाही दे रही है। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनो के बीच ओवरटेक करने की होड़ भी रही थी।
हादसे ने खड़े किए कई सवाल
औरैया के भीषण सड़क हादसे ने लापरवाही पर से पर्दा उठाकर कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। कामगार डीसीएम और ट्राला पर सफर करते रहे पर कहीं भी रोकटोक नहीं हुई। उनकी ट्रैवल हिस्ट्री पर नजर डालें तो वे कई राज्यों की सीमा पार करके यहां पहुंचे। जिला प्रशासन ने ट्रैवल हिस्ट्री खंगाली तो सामने आया है कि डीसीएम दिल्ली से छतरपुर मध्यप्रदेश जा रही थी। दिल्ली से चलकर एक्सप्रेस-वे से आगरा-इटावा-औरैया पहुंची, उसमें 22 लोग सवार थे। वहीं ट्राला ट्रक राजस्थान के अलवर से चूना लादकर पटना जा रहा था, उसकी बोरियों के ऊपर 40 लोग सवार थे। ट्राला भरतपुर होते फतेहपुर सीकरी-आगरा-इटावा-अौरैया पहुंचा था।
ओवरटेक की होड़ में तेज रफ्तार भी बनी वजह
हादसा डीसीएम की तेज रफ्तार के कारण भी हुआ है लेकिन टोल प्लाजा की टाइमिंग से ओवरटेक करने की होड़ के भी कयास लगाए जा रहे हैं। डीसीएम टोल प्लाजा से छह मिनट पहले गुजरी और ट्राला बाद में। अनंतराम टोल प्लाजा से डीसीएम 2:10 मिनट पर गुजरी थी, जबकि ट्राला 2:16 मिनट पर। टोल प्लाजा से निकलकर 18 किलोमीटर 800 मीटर निकलने के बाद हादसा हुआ। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि ट्राला तेज गति से डीसीएम को ओवरटेक करते हुए निकला था और फिर पीछे से पहुंचे डीसीएम चालक भी ट्राले को ओवरटेक करने में तेज रफ्तार से चल रहा था। ढाबा संचालक आनंद के अनुसार डीसीएम की गति सौ किमी प्रति घंटे से कम नहीं रही होगी।
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