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सुरक्षित यातायात पर भारी ई-रिक्शों की अराजकता

शहर के सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित यातायात पर ई-रिक्शों की अराजकता भारी है। इनकी धमाचौकड़ी से जगह जगह जाम लग रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Jul 2018 02:00 AM (IST)Updated: Thu, 12 Jul 2018 02:00 AM (IST)
सुरक्षित यातायात पर भारी ई-रिक्शों की अराजकता
सुरक्षित यातायात पर भारी ई-रिक्शों की अराजकता

जागरण संवाददाता, कानपुर : शहर के सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित यातायात पर ई-रिक्शों की अराजकता भारी है। इनकी धमाचौकड़ी से जगह जगह जाम लग रहा है। सवारियों की सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है। आए दिन ई-रिक्शों के पलटने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इस पर संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) का प्रवर्तन दस्ता और ट्रैफिक पुलिस आंखे मूंदे हुए हैं। इसके चलते न सिर्फ प्रमुख मार्ग बल्कि हाईवे पर भी ई-रिक्शा चालक सवारियां बैठाने से गुरेज नहीं करते। वाहन चालक मोटे मुनाफे को देखते हुए ई-रिक्शों को लोडर की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।

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ठोस कार्रवाई न होने से हुए बेलगाम

अवैध ई-रिक्शों के खिलाफ ठोस कार्रवाई न होने से ये बेलगाम होते चले गए। पहले कार्रवाई करते हुए आरटीओ के प्रवर्तन दस्ते ने इनको पकड़ा और थाने में सीज कर दिया। कोई लिखा पढ़ी न होने की वजह से छुड़ाने वाला भी नहीं आया। वजह यह कि भारी भरकम जुर्माना लगना है। नतीजतन, थानों में ई-रिक्शों का ढेर लगता चला गया। कई थानों ने ई-रिक्शों और अन्य वाहनों को सीज करने से मना कर दिया। प्रवर्तन दस्ता कैंट, काकादेव, अर्मापुर, बर्रा थानों में ही वाहनों को जमा करा रहा है।

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तय नहीं हो सका रूट

पिछले साल अक्टूबर माह में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई थी। इसमें परिवहन अधिकारियों और एसपी ट्रैफिक ने ई-रिक्शों के रूट तय करने की बात कही थी। आज नौ माह बाद भी ई-रिक्शों के लिए रूट तय नहीं हो सका। बैठक में प्रमुख और भीड़भाड़ वाले रूट पर ई-रिक्शों के संचालन पर पाबंदी लगाने की बात हुई थी।

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ई-रिक्शों की संख्या

रजिस्टर्ड- 6852

अनुमानित संख्या- 15 हजार

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10 दिन का प्रशिक्षण जरूरी

ई-रिक्शे के स्थायी लाइसेंस के लिए ट्रेनिंग स्कूल से 10 दिन के प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र जरूरी होता है। संभागीय परिवहन कार्यालय से शहर में केवल दो ही ट्रेनिंग स्कूल मान्य हैं, फजलगंज और दूसरा हरजेंदर नगर। प्रशिक्षक की फीस 1500 रुपये है। शुरुआती दिनों में कई अवैध ट्रेनिंग स्कूलों की ओर से प्रशिक्षण प्रमाण पत्र जारी हो गए थे, जिन्हें जांच के बाद खारिज कर दिया गया।

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ई-रिक्शे के लिए लाइसेंस की आवश्यकता

ई-रिक्शे को चलाने के लिए खास तरह के लाइसेंस की आवश्कता होती है। इसकी लर्निग लाइसेंस की फीस 200 रुपये और परमानेंट फीस 700 रुपये है। परिवहन विभाग ने रिक्शे के रजिस्ट्रेशन के लिए लर्निग लाइसेंस अनिवार्य कर दिया है।

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धरी रह गई ई-रिक्शों को काटने की योजना

आरटीओ के प्रवर्तन दस्ते ने कई साल से थानों में जमा ई-रिक्शों को काटने की योजना बनाई थी, लेकिन वह भी धरी रह गई। अभी ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर नीलामी करने की तैयारी चल रही है।

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ई-रिक्शे बने 'मालगाड़ी'

शहर में टेंपो, ऑटो रिक्शे के बाद ई-रिक्शों की 'भेड़चाल' शुरू हो गई है। इनमें न सिर्फ सवारियां ठूंस कर बैठाइ जा रही हैं बल्कि बेतरतीब ढंग से सामान लादकर वाहन को 'मालगाड़ी' बनाया जा रहा है। एक ई-रिक्शे में आठ से अधिक सवारियां बैठाई जा रही हैं, जिसके चलते हादसे हो रहे हैं। वहीं, इनकी क्षमता से अधिक माल भी ढोया जा रहा है। इसमें बिल्डिंग मैटेरियल, बेकरी आइटम, खराब दो पहिया वाहन, सिनेट्री पाइप, पलंग, टीन और सीमेंट की चादरें शामिल हैं। कई ई-रिक्शा चालक तो बकरियां और मुर्गे तक ढो रहे हैं।

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रात में नहीं जलती लाइटें, हार्न खराब

ई-रिक्शों में से 70 फीसद रात के समय लाइट नहीं जलाते हैं। बैटरी की बचत के लिए रिक्शे की छत पर छोटी छोटी एलईडी लाइटें लगाकर रखते हैं। करीब 40 फीसद ई-रिक्शों के हार्न खराब रहते हैं। नाबालिग चला रहे ई-रिक्शे

शहर की सड़कों पर काफी संख्या में ई-रिक्शे नाबालिग चला रहे हैं। उनके पिता के नाम पर लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन रहता है। आरटीओ के प्रवर्तन दस्ते ने एक दर्जन नाबालिग चालकों को पकड़ा है।

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'ई-रिक्शों के रजिस्ट्रेशन और चालकों के लिए लाइसेंस अनिवार्य कर दिया गया है। डीलरों को भी हिदायत दी गई है कि वह खरीदारों की पूरी डिटेल रखें। उन्हें पंजीकरण कराने के लिए प्रेरित करें।'

- आदित्य त्रिपाठी, एआरटीओ प्रवर्तन, कानपुर 'अवैध ई-रिक्शों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। कई बिना पंजीकृत ई-रिक्शे सीज हो गए हैं। ट्रैफिक पुलिस और जिला प्रशासन के साथ थानों में सीज ई-रिक्शों को नीलाम किया जाएगा। नियम तोड़ने पर कार्रवाई भी की जाएगी। '

- प्रभात कुमार पांडेय, एआरटीओ प्रवर्तन, कानपुर नगर निगम करेगा ई-रिक्शे का परमिट रजिस्ट्रेशन

नगर निगम ई-रिक्शे पर लगाम कसने के लिए परमिट रजिस्ट्रेशन करेगा। इसके लिए रूट भी तय होंगे, साथ ही किस रूट पर कितने ई रिक्शे चलेंगे। आवासीय प्रयोग करने पर आठ सौ रुपये और व्यावसायिक प्रयोग करने पर एक हजार रुपये लाइसेंस शुल्क सालाना वसूलेगा। 18 से लेकर 60 साल आयु के ही लोग ई-रिक्शा चला सकते हैं। रात में लाइट जलानी होगी। मानक न पूरे करने या अवैध संचालन मिलने पर एक बार में दो हजार रुपये वसूले जाएंगे। अपर नगर आयुक्त अमृत लाल बिंद ने बताया कि नगर निगम कार्यकारिणी ने प्रस्ताव पास कर दिया है। इस अब नगर निगम सदन में रखा जाएगा। इसके आधार पर दस्तावेज तैयार करके नोटिफिकेशन के लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया जाएगा।


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