Positive India : ऐसे होते हैं देश के सच्चे सिपाही, पेंशन से जोड़े एक लाख मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए
घामपुर सजेती के गांव में रहने वाले सेवानिवृत सिपाही ने एक लाख रुपये मुख्यमंत्री कोरोना राहत कोष में जमा करने के लिए तहसीलदार को सौंपी।
कानपुर, जेएनएन। सेवा का भाव तीन तरह का होता है, तन, मन और धन। जब तन सेवा के काबिल नहीं रहता तो मन और धन का प्रयास जारी रहता है। ऐसे ही देश के सच्चे सिपाही बनकर मंगलवार को सामने आए घाटमपुर के रहने वाले राम औतार सिंह, उम्र भले ही उनकी 76 वर्ष हो गई है लेकिन देश सेवा का जज़्बा आज भी बरकरार है। बुढ़ापे में शरीर जवाब दे चुका है लेकिन मन में आज भी सेवा भाव जागृत है। उन्होंने मंगलवार को तहसील पहुंचकर तहसीलदार को कोरोना रिलीफ फंड के लिए पेंशन से जोड़े एक लाख रुपये की चेक सौंपी।
अब इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपील का असर कहा जाए या फिर 42 वर्ष पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ मध्य प्रदेश पुलिस बल में सेवा से उपजा समाजसेवा का जज्बा...। सजेती क्षेत्र के गांव कोहरा निवासी राम औतार सिहं वर्ष 1962 में मध्य प्रदेश की एसएएफ (सशस्त्र पुलिस बल) में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। 2004 में सेवानिवृत्त होने के बाद से वह गांव में रह रहे हैं। मंगलवार को डोहरू ग्राम प्रधान पति उदयवीर सिंह भदौरिया के साथ तहसील पहुंचे राम औचार सिंह ने तहसीलदार विजय यादव से भेंट की और उन्हें पेंशन से जमा की गई एक लाख रुपये की चेक मुख्यमंत्री कोरोना रिलीफ फंड के लिए सौंपी।
राम औतार सिंह ने बताया कि दुनिया भर में फैली कोरोना की बीमारी के खिलाफ सरकार की मदद करने का विचार कई दिन से दिल और दिमाग को विचलित कर रहा था। इसलिए उन्होंने अपनी पेंशन से जोड़ी रकम को देश सेवा के लिए देने का मन बना लिया। उन्होंने बताया कि बड़ा पुत्र सीआरपीएफ में सिपाही के पद पर श्रीनगर (जेएंडके) में तैनात हैं। मंझला बेटा राजू व छोटा बेटा संजय गांव में रह कर खेती करते हैं। तहसीलदार ने बताया कि राम औतार सिहं द्वारा सौंपी गई धनराशि को तत्काल फंड में जमा कराया जा रहा है।