आरबीआइ का दो-टूकः ई-पैसा से चलाइए काम, नही मिलेगा कैश
आरबीआइ बैंकों से दो टूक कह रही है कि अभी कैश नहीं है, ग्राहकों को डिजिटल माध्यम अपनाने के लिए जागरूक करिए।
कानपुर (जेएनएन)। कैश की बाट जोह रहे हैं, थोड़ा रुकिये, अभी आपको ई-पैसे से ही काम चलाना होगा। बाजार में कैश की कमी बनी रहेगी। ऐसे में अपने खर्चे के लिए बैंकों के यूपीआइ एप, ई-वॉलेट, भीम एप आदि का ही सहारा लेना पड़ेगा। आरबीआइ बैंकों से दो टूक कह रही है कि अभी कैश नहीं है, ग्राहकों को डिजिटल माध्यम अपनाने के लिए जागरूक करिए।
करेंसी छापने और उसके परिवहन में होने वाले हजारों करोड़ रुपये के खर्च को कम करने, नकली नोट पर अंकुश लगाने और लेसकैश अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। यह पहले से ही तय था कि सरकार अर्थव्यस्था में कैश का प्रवाह कम रखेगी। बाजार में इसका असर भी दिख रहा है। बैंकिंग सूत्रों का कहना है कि पिछले दो माह से आरबीआइ ने करेंसी नहीं दी है। हां, कैश की जरूरत पडऩे पर डायवर्जन (एक बैंक से दूसरे बैंक में कैश भेजने का मेमो) जरूर दिया है। इससे बैंक आपस में कैश लेनदेन कर काम चला रहे है। कुछ बैंकों को बीते सप्ताह करीब 150 करोड़ रुपये का डायवर्जन दिया गया।
अभी करेंसी भी नहीं मिलेगी
एक बैंक के क्षेत्रीय स्तर के अधिकारी ने बताया कि आरबीआइ ने स्पष्ट कर दिया, अभी नई करेंसी नहीं मिलेगी। आने वाले समय में 10 रुपये, 20 रुपये और 50 रुपये के नए नोट जरूर आएंगे लेकिन, इसमें थोड़ा वक्त लगेगा। रकम भी कम होगी। इसलिए बैंक अपने ग्राहकों को डिजिटल ट्रांजेक्शन का प्रयोग करने का बढ़ावा दें और उन्हें जागरूक करें।
डिजिटल में भी चार्ज
एक बैंक अधिकारी ने कहा, ग्राहकों को कैश लेनदेन के लिए कम चार्ज देना पड़ रहा है बजाय डिजिटल के। अगर कार्ड से पेमेंट ले रहे हैं तो एमडीआर एक से सवा फीसद दे रहे। ग्राहक अपनी जेब से देना नहीं चाहता। एमडीआर दुकानदार के मत्थे पड़ रहा है इसलिए वह पीओएस लेने में रुचि नहीं दिखा रहे। ई-वॉलेट से खाते में रकम ट्रांसफर करने पर भी चार्ज लग रहा है। कैशलेस को बढ़ावा देने में ये सब रोड़ा हैं।
मार्च के मुकाबले अप्रैल में ई-ट्रांजेक्शन कम
आरबीआइ सूत्रों के अनुसार पूरे देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन की संख्या में कमी आई है। मार्च में करीब 89.39 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन के जरिये करीब 1,49,582 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ। अप्रैल माह में डिजिटल लेनदेन की संख्या में करीब साढ़े पांच फीसद और रकम में करीब 25 फीसद की कमी आई है। अप्रैल में डिजिटल लेनदेन 84.35 करोड़ और लेनदेन की रकम करीब 1,09,589 करोड़ रुपये रही।