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एक चिप आपकी कार को बना देगी स्मार्ट, आइआइटी में होगी मेडिकल डिवाइस व दवाइयों पर रिसर्च

आइआइटी में पूर्व छात्र सम्मेलन में विशेषज्ञों ने जानकारी दी।

By AbhishekEdited By: Published: Tue, 31 Dec 2019 04:34 PM (IST)Updated: Tue, 31 Dec 2019 04:34 PM (IST)
एक चिप आपकी कार को बना देगी स्मार्ट, आइआइटी में होगी मेडिकल डिवाइस व दवाइयों पर रिसर्च
एक चिप आपकी कार को बना देगी स्मार्ट, आइआइटी में होगी मेडिकल डिवाइस व दवाइयों पर रिसर्च

कानपुर, जेएनएन। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर में मेडिकल डिवाइस व दवाइयों पर रिसर्च होगी। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल विभाग ने यहां रिसर्च डेवलपमेंट सेंटर स्थापित किए जाने की इच्छा जताई है। विभाग के संयुक्त सचिव नवदीप रिनवा ने पूर्व छात्र सम्मेलन के दौरान इसका प्रजेंटेशन दिया और आइआइटी प्रशासन ने प्रस्ताव तैयार करने को कहा।

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1995 बैच के पूर्व छात्र सम्मेलन में शिरकत करने आए आइएएस (1999 बैच) नवदीप रिनवा ने बताया कि इस सेंटर में प्रोफेसर व छात्रों के अलावा कंपनी विशेषज्ञ भी मेडिकल डिवाइस व दवाइयां बनाने का फार्मूला तैयार कर सकेंगे। बोले कि विभिन्न राज्यों में मेडिकल डिवाइस पार्क बनाए जाने की भी योजना है। इसके लिए तेलंगाना व आंध्र प्रदेश से प्रस्ताव आ चुके हैं। दवाइयों के दाम करने के लिए भी सरकार ने प्लानिंग बनाई है।

कार होगी स्मार्ट, नहीं रहेगा हादसे का खतरा

पूर्व छात्र सम्मेलन में शिरकत करने आए इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र रहे आशीष करंदीकर ने बताया कि आने वाले समय में कार और स्मार्ट हो जाएगी। इसके लिए ऐसी चिप विकसित की जा रही है जो यह बता देगी कि स्पीड ब्रेकर आने वाला है और आगे दुर्घटना बहुल क्षेत्र है सावधान हो जाएं। आइआइटी निदेशक प्रो. अभय करंदीकर के छोटे भाई आशीष करंदीकर इंटेल कंपनी में वाइस प्रेसीडेंट हैं। उन्होंने बताया कि चिप के सेंसर से कार की गति, पेट्रोल, हेड लाइट, इंडीकेटर व एयर कंडीशन नियंत्रित होगा। इसलिए कार चालक को बार-बार ध्यान देने की जरूरत नहीं होगी। चार साल के अंदर यह चिप लोगों के बीच पहुंच जाएगी।

इंटरनेट नेटवर्किंग को सुरक्षित रखेगी डिवाइस

कैलीफोर्निया में अपनी कंपनी स्थापित करने वाले पूर्व छात्र अभिषेक सिंह ने बताया कि इंटरनेट नेटवर्किंग की सुरक्षा को फुलप्रूफ करने के लिए फायरवाल सिक्योरिटी डिवाइस तैयार किया जा रहा है। हांगकांग से आए पूर्व छात्र तुषार पांडेय ने बताया कि भविष्य में क्रेडिट कार्ड व एटीएम को मशीन लर्निंग व इंटरनेट ऑफ थिंग्स से सुरक्षित रखा जा सकेगा।


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