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Religion Conversion in UP: IAS अफसर के मतांतरण गैंग के साथ वायरल वीडियो की जांच करेगी SIT, मुख्यमंत्री ने सात दिन में मांगी रिपोर्ट

Religion Conversion in UP वरिष्ठ आइएएस अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के मतांतरण गैंग कनेक्शन को लेकर इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल है। सीएम योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में यह प्रकरण आने के बाद जांच के लिए गृह विभाग ने एसआइटी गठित की है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 08:56 AM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 04:03 PM (IST)
Religion Conversion in UP: IAS अफसर के मतांतरण गैंग के साथ वायरल वीडियो की जांच करेगी SIT, मुख्यमंत्री ने सात दिन में मांगी रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अध्यक्ष पद पर लखनऊ में तैनात मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन

लखनऊ , जेएनएन। उत्तर प्रदेश में सामूहिक मतांतरण कराने वाले गैंग से उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आइएएस अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के कनेक्शन को लेकर इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद मामला बेहद गंभीर होता जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में यह प्रकरण आने के बाद जांच के लिए गृह विभाग ने एसआइटी गठित की है। उन पर हिंदू धर्म के खिलाफ प्रचार करने का आरोप लगाया गया है। इससे पहले कानपुर के पुलिस कमिश्नर ने भी एडीसीपी को जांच सौंपी है। इस प्रकरण पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी बेहद नाराजगी जताई थी।

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कानपुर में वरिष्ठ आइएएस अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन की तैनाती के दौरान मंडलायुक्त के सरकारी आवास पर मतातरंण से जुड़ी तकरीरों के कई वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी बड़ा कदम उठाया है। उनके निर्देश पर इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआइटी का गठन किया गया है। गृह एवं गोपन विभाग ने एसआइटी को सीनियर आइएएस अफसर मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के मामले में सात दिन में जांच रिपोर्ट शासन को प्रेषित करने का निर्देश दिया है। गृह विभाग से गठित इस एसआईटी के अध्यक्ष डीजी सीबीसीआईडी जीएल मीणा होंगे एवं सदस्य एडीजी कानपुर जोन भानु भास्कर होंगे। एसआईटी अपनी रिपोर्ट सात दिन में शासन को प्रेषित करेगा।

मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के दौरान मतांतरण गैंग से कनेक्शन को लेकर इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद मामला बेहद गंभीर होता जा रहा है। उनके सरकारी आवास पर उनकी मौजूदगी में मतांतरण की तकरीरों के कई वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद से खलबली मची है। अब इस प्रकरण की जांच कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के एडिशनल कमिश्नर ईस्ट को सौंपी गई है।

कानपुर के इस प्रकरण को उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस गंभीर प्रकरण की जांच कराने का निर्देश दिया। जिसके बाद कानपुर के पुलिस कमिश्नर ने भी जांच शुरू करा दी है। कानपुर एडीसीपी ईस्ट को जांच सौंपी गई है। कानपुर पुलिस अब इस प्रकरण की जांच करेगी कि इंटरनेट मीडिया पर वायरल वीडियो सही है अथवा नहीं। जांच का जोर इस बात पर भी रहेगा कि क्या कानपुर में कमिश्नर के सरकारी आवास पर मतांतरण को लेकर कोई अपराध हुआ है।

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कानपुर तथा उन्नाव दौरे के समय मुझे कुछ लोगों ने इस प्रकरण के बारे में जानकारी दी। अभी मैं इसके बारे में और पता कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि यह गंभीर प्रकरण है। हम इसकी तह में जाएंगे और गंभीरता से मामले की जांच कराएंगे। अगर इसमें आइएएस अफसर से जुड़ा कुछ भी सामने आता है तो हम कार्रवाई जरूर कराएंगे। कानपुर के पुलिस कमिश्नर, असीम अरुण ने कहा कि वरिष्ठ आइएएस इफ्तिखारुद्दीन से जुड़े कई वायरल वीडियो संज्ञान में आए हैं। जांच कराई जा रही है।

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अध्यक्ष पद पर लखनऊ में तैनात मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन लम्बे समय तक कानपुर में रहे। कानपुर में मंडलायुक्त के साथ ही वह श्रम आयुक्त भी रहे। इस दौरान उनके सरकारी आवास पर मतांतरण की काफी तकरीरें होने का प्रकरण सामने आ रहा है। वरिष्ठ आइएएस अफसर के मतांतरण गैंग से कनेक्शन होने पर प्रदेश में खलबली मची है। मतांतरण को लेकर वरिष्ठ आइएएस अफसर मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन से जुड़े कई वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हैं। इन वीडियो में उनकी मौजूदगी में मतांतरण गैंग के लोग इस्लाम के फायदे बताते दिख रहे हैं। इसी में कई समर्थक मतांतरण की बातें कर रहे हैं। इनकी कानपुर में तैनाती के दौरान के वीडियो सामने आने के बाद भाजपा नेता ने शिकायत कर कार्रवाई की मांग भी की है।

इंटरनेट मीडिया पर वायरल कई वीडियो में वह अपने सरकारी आवास पर मुस्लिम धर्म को लेकर तकरीरें पढ़ते नजर आ रहे हैं। वीडियो में उनके साथी मतांतरण की बातें कर रहे हैं। मोम्मद इफ्तिखारुद्दीन 17 फरवरी 2014 से 22 अप्रैल 2017 तक कानपुर के मंडलायुक्त रहे। वह श्रमायुक्त का पदभार संभाल चुके हैं। उनसे जुड़े जो आधा दर्जन वीडियो वायरल हो रहे हैं। वह उस समय तो कानपुर के मंडलायुक्त थे।

वायरल वीडियो में इफ्तिखारुद्दीन कहीं वक्ता तो कहीं श्रोता बने हैं। जिस वीडियो में वह श्रोता बने हैं, उसमें मुस्लिम धर्म का एक जानकार मतांतरण पर बोल रहा है और वह सबसे आगे बैठकर उसकी तकरीर ध्यान से सुन रहे हैं। मुस्लिम जानकार ङ्क्षहदू धर्म को लेकर बातें करके मतांतरण के लिए उकसा रहा है। वहीं, एक अन्य वीडियो में इफ्तिखारुद्दीन कुर्सी पर बैठकर तकरीरें पढ़ते नजर आ रहे हैं। वह कह रहे हैं...ऐलान करो, दुनिया के इंसानों से कि अल्लाह की बादशाहत और निजामियत पूरी दुनिया में कायम करनी है। एक अन्य वीडियो में वह कहते सुनाई पड़ रहे हैं...ऐलान करो, बताओ पूरी दुनिया के इंसानों को अल्लाह व रसूल के मिशन को आगे बढ़ाएं। पूरी जमीं पर अल्लाह का निजाम दाखिल होना है। एक वीडियो में वह पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की किताब के जरिए मुस्लिम धर्म के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

वीडियो में इस्लामिक वक्ता वहां मौजूद लोगों को इस्लाम धर्म कबूल करने के फायदे बताने के साथ कई कहानियां भी सुना रहा है। वो बता रहा है कि इस्लाम मे बहन बेटियों को जलाया नहीं जाता। आगे बोलता है कि अल्लाह ने हमें उत्तर प्रदेश के तौर पर ऐसा सेंटर दिया है जहां से पूरे देश और पूरी दुनिया में काम कर सकते हैं।

वायरल वीडियो में इस्लामिक वक्ता दावा करता है कि पिछले दिनों पंजाब के एक भाई ने इस्लाम कबूल किया तो मैंने उनसे कहा कि इस्लाम कबूल क्यों किया तुमने, जिस पर उन्होंने कहा कि बहन की मौत के कारण इस्लाम कबूल किया है। जब उसको मरने पर जलाया तो कपड़ा जल गया वो निर्वस्त्र हो गई, सब देख रहे थे मुझे बहुत शर्म आई। मैं वहां से निकल गया फिर मैंने सोचा कि आज तो मेरी बहन को लोग देख रहे हैं, मेरी बेटी भी है, कल उसको भी लोग देखेंगे मरने के बाद ये भी ऐसे ही जलेगी। फिर मेरे दिल में आया कि इस्लाम से अच्छा कोई धर्म नहीं है। मुझे कबूल कर लेना चाहिए। ऐसे लोग इस्लाम कबूल कर रहे हैं, ऐसी चीजें लोगों के इस्लाम कबूल करने के लिए जरिया बन रही हैं।

कानपुर में भाजपा के कानपुर दक्षिण के उपाध्यक्ष शैलेंद्र त्रिपाठी ने इन वीडियो के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आनलाइन शिकायत की है। आरोप लगाया है कि उनके पास पर्याप्त साक्ष्य हैं, जिसमें वरिष्ठ आइएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन हिंदू धर्म के बारे में आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। साथ ही उन पर मत परिवर्तन कराने का भी आरोप लगाया। उन्होंने सरकारी आवास पर धर्म से जुड़े प्रचार-प्रसार को भी गलत मानते हुए उन पर कार्रवाई की मांग की है। राज्य कर्मचारी नेता भूपेश अवस्थी ने भी इसकी शिकायत की है। मठ एवं मंदिर समन्वय समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेश अवस्थी ने कहा कि वीडियो को मैंने देखा है, इसमें हिंदू धर्म के खिलाफ बहुत सारी अनर्गल बातें कही जा रही हैं। बहुत सारे आरोप लगाए जा रहे हैं। एक धर्म विशेष के पक्ष में बयान दिए जा रहे हैं।


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