जब घटने लगा पानी, तब शुरू हुआ प्रशासन का राहत कार्य
सप्ताह भर तक कोई इंतजाम न कर सका प्रशासन, मंत्री की फटकार पर जागे अफसर
जागरण संवाददाता, कानपुर : बाढ़ में घर डूब गए। रहने-खाने का संकट खड़ा हो गया। बच्चों सहित हजारों ग्रामीण गंगा बैराज हाईवे पर आ गए। बैठकों और खतो-किताबत के माहिर प्रशासनिक अधिकारी दौरा तो करते रहे, लेकिन राहत का कोई इंतजाम इतने दिन नहीं कर सके। सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने गुरुवार को पेंच कसे, इधर गंगा का पानी भी गांवों में घटने लगा, तब शुक्रवार से प्रशासन का राहत कार्य शुरू हुआ है।
गंगा किनारे के गांवों में बाढ़ आए सात दिन से अधिक का समय हो चुका है। हजारों ग्रामीण गंगा बैराज हाईवे पर तंबू लगाकर रह रहे हैं। अधिकांश गरीब इन ग्रामीणों में कई परिवार ऐसे थे, जिनके पास तिरपाल भी नहीं था। एक रात तो कई परिवार बारिश में भीगते रहे। तब समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों ने तिरपाल बांटा। खाने का इंतजाम भी पहले दिन से ही इन्हीं सेवाभावी जनों ने किया, लेकिन प्रशासन सिर्फ कोरे दावे करता रहा। प्रशासन की ओर से भोजन या तिरपाल की कोई व्यवस्था नहीं की गई। गुरुवार को सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने खुद हालात देखते, अफसरों का झूठ पकड़ा और जमकर लताड़ लगाई। तब जाकर राहत कार्य शुरू हुआ। गुरुवार रात में कुछ तिरपाल बांटा गया और अब एक हजार तिरपाल के लिए कुछ समाजसेवियों से प्रशासन ने कहा है।
इसी तरह सरकार के निर्देश हैं कि बाढ़ पीड़ित प्रति परिवार को पचास-पचास किलो राशन और केरोसिन बांटा जाए। इसके पालन में शुक्रवार को सांसद देवेंद्र सिंह भोले और जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत ने कुछ परिवारों को दस-पंद्रह किलो के खाद्य सामग्री के पैकेट बांटे गए। मुफ्त केरोसिन भी ¨हदूपुर बाढ़ चौकी सहित कुछेक जगह बांटा गया। प्रशासन ने यह काम तब शुरू किया है, जब गांवों में जलस्तर घटना शुरू हो गया है। ऐसे में सभी जुबां पर यही बात है कि यदि समाजसेवी और जनप्रतिनिधियों ने खाने का इंतजाम न किया होता तो बाढ़ पीड़ितों को भूख से तड़पना पड़ सकता था।
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इनके राहत शिविर बने असल मददगार
विधायक अभिजीत सिंह सांगा, पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी, विधायक प्रतिभा शुक्ला, प्रधान अशोक निषाद, डॉ. नीलेश त्रिपाठी, सुशील दुबे भैय्यन, कैलाश पांडेय, विनोद गुप्ता।
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सीएम के हवाई निरीक्षण के इंतजार में बैठे रहे डीएम-एसएसपी
दोपहर 12 बजे से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हवाई निरीक्षण प्रस्तावित था। इसके लिए जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत और एसएसपी अनंत देव सुबह करीब दस बजे ही बनियापुरवा स्थित राहत शिविर पहुंच गए। पुलिस-प्रशासन के पूरे अमले के साथ वहां दोपहर तक बैठे रहे। ग्रामीणों में खाद्य सामग्री और तिरपाल बंटा। इसके बाद डीएम ने ट्रैक्टर में बैठकर बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा भी किया।